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Friday, March 29, 2024

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तृणमूल ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का लिया संकल्प

कूचबिहार : लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है. इस बीच चुनाव को लेकर तृणमूल के जिला नेतृत्व ने इस बार भाजपा के चुनौती का मुकाबला करने के लिये एकजुटता का आह्वान करते हुए रविवार को एक विशेष बैठक की. यह बैठक मंत्री एवं तृणमूल के जिलाध्यक्ष रवींद्रनाथ घोष के […]

कूचबिहार : लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है. इस बीच चुनाव को लेकर तृणमूल के जिला नेतृत्व ने इस बार भाजपा के चुनौती का मुकाबला करने के लिये एकजुटता का आह्वान करते हुए रविवार को एक विशेष बैठक की.
यह बैठक मंत्री एवं तृणमूल के जिलाध्यक्ष रवींद्रनाथ घोष के निवास वाले कार्यालय में की गयी. जिसमें जिलाध्यक्ष के साथ दिनहाटा से विधायक उदयन गुहा, सिताई से विधायक जगदीश बसुनिया, दिनहाटा एक नंबर ब्लॉक अध्यक्ष नूर आलम होसेन और दो नंबर ब्लॉक अध्यक्ष मीर हुमायूं कबीर की मुख्य रुप से उपस्थिति रही.
बैठक को संबोधित करते हुए रवींद्रनाथ घोष ने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा आज हो रही है. इस बीच तृणमूल के सभी नेताओं को आपसी सारे मतभेद भुलाकर एकजुटता के साथ चुनाव प्रचार में जुट जाना है. भाजपा को पराजित करने के लिये हमें कंधे से कंधा मिलाकर काम करना है ताकि भाजपा की भद पीट जाये.
उसे बुरी तरह शिकस्त मिले. उन्होंने बताया कि दिनहाटा के दो ब्लॉकों में कर्मी सभा की जायेगी. यह सभा आगामी 16 मार्च को दिनहाटा दो नंबर ब्लॉक के लिये नयारहाट में और 17 मार्च को दिनहाटा एक नंबर ब्लॉक की सभा पेटला में की जायेगी.
इन दोनों कर्मी सभा में जिला नेतृत्व के सभी सदस्य उदयन गुहा, मीर हुमायूं कबीर से लेकर जगदीश बसुनिया और नूर आलम हुसैन उपस्थित रहेंगे. इन्हीं सभाओं में निर्दलीय जनप्रतिनिधियों को तृणमूल की मुख्यधारा में शामिल किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि बीते पंचायत चुनाव से ही तृणमूल के गुटीय विरोध ने गंभीर रुप लिया था. जिले में गुटबाजी से सर्वाधिक महकमा दिनहाटा रहा है. शुरुआती दौर में तत्कालीन तृणमूल युवा नेता निशीथ प्रामाणिक के गुट के साथ तृणमूल के मूल संगठन का विरोध शुरु हुआ.
यह लड़ाई मदर व युवा गुट की लड़ाई के नाम से परिचित हुआ. एक तरफ निशीथ-उदयन जोट और दूसरी ओर सिताई से विधायक जगदीश बसुनिया, मीर हुमायूं और नूर आलम का गुट आमने सामने रहा है और यह विरोध कमोवेश आज भी कायम है.
इसी विरोध से भाजपा को लाभ होने की आशंका के मद्दनेजर जिला नेतृत्व ने दोनों गुटों को एक मंच पर लाने का प्रयास उक्त बैठक में किया गया. विरोध इतना तीव्र था कि तृणमूल के आला कमान को निशीथ प्रामाणिक को दल से निष्कासित करना पड़ा.
हालांकि निष्कासन के बाद भी गुटीय विरोध जारी रहा. बाद में निशीथ प्रामाणिक ने दिल्ली जाकर भाजपा के मुख्यालय में दल की सदस्यता ली. इससे तृणमूल में चिंता बढ़ गयी है.
गुटीय विरोध का लाभ भाजपा ले सकती है इसकी आशंका के बीच विरोधी गुटों को एकजुट रखने की जरूरत महसूस की गयी. तृणमूल के जिला नेतृत्व का मानना है कि अगर दोनों गुटों के सभी चार नेता अगर एकजुट होकर काम करें तो भाजपा को पराजित करना मुश्किल काम नहीं होगा.
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