25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पुलवामा कांड के बाद शहीद के परिजनों का जख्म हुआ ताजा

10 वर्ष पहले मालदा के सुल्तान ने दी थी शहादत शहीद जवान का बेटा जाना चाहता है सेना में मालदा : कश्मीर में भारतीय सीमाओं की रक्षा में तैनात मालदा के चांचल के बीएसएफ जवान सुल्तान अली ने 10 साल पहले अपनी शहादत दी थी. पुलवामा की घटना के बाद एक बार फिर से इस […]

10 वर्ष पहले मालदा के सुल्तान ने दी थी शहादत

शहीद जवान का बेटा जाना चाहता है सेना में
मालदा : कश्मीर में भारतीय सीमाओं की रक्षा में तैनात मालदा के चांचल के बीएसएफ जवान सुल्तान अली ने 10 साल पहले अपनी शहादत दी थी. पुलवामा की घटना के बाद एक बार फिर से इस परिवार के जख्म हरे हो गये हैं. सुल्तान अली का बेटा अब जवान हो चुका है और वह भी देश के लिए सैन्य बलों में भर्ती होना चाहता है. सुल्तान अली का परिवार चांचल-1 ब्लॉक की खबरा ग्राम पंचायत के आशापुर गांव में रहता है.
6 जुलाई, 2010 को भारत-पाकिस्तान सीमा के अखनूर सेक्टर में गश्त लगाने के दौरान आतंकवादी हमले में सुल्तान अली शहीद हो गये थे. वह बीएसएफ में कांस्टेबल के पद पर थे. शहीद की विधवा शमीमा नासरीन ने बताया कि पति की मौत के बाद केन्द्र सरकार से कुछ सहायता मिली थी.
इसके बाद से पेंशन से परिवार चल रहा है. इसी पैसे से उन्होंने अपने बेटे-बेटी को पाल-पोषकर बड़ा किया. बेटा मोहम्मद सोएब को वह सेना में भेजना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि उनका बेटा भी सेना में जाकर शहीद सैनिकों का बदला लेना चाहता है.
सुल्तान अली 1990 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे. शमीमा ने बताया कि 6 जुलाई, 2010 को उनके पति ने फोन करके कहा था कि कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में तनाव का माहौल है. लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है. यही उनसे हुई आखिरी बातचीत थी. उसी दिन देर रात को फोन पर 32 नंबर बटालियन की ओर से उनकी शहादत की खबर दी गयी. उन्होंने कहा कि पुलवामा की घटना ने एक बार फिर से इन पुराने दिनों की याद दिला दी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें