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दार्जिलिंग : गोरखाओं के प्रति ईमानदार थे घीसिंग : लामा

दार्जिलिंग : गोरामुमो ने मंगलवार को पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय सुवास घीसिंग का चौथा पुण्यतिथि मनाया. 29 जनवरी, 2015 को गोरामुमो संस्थापक सुवास घीसिंग की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. शहर के एचडी लामा रोड स्थित गोरामुमो दार्जिलिंग ब्रांच कमेटी कार्यालय में गोरामुमो ने स्व. घीसिंग की पुण्यतिथि मनायी. इस […]

दार्जिलिंग : गोरामुमो ने मंगलवार को पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय सुवास घीसिंग का चौथा पुण्यतिथि मनाया. 29 जनवरी, 2015 को गोरामुमो संस्थापक सुवास घीसिंग की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. शहर के एचडी लामा रोड स्थित गोरामुमो दार्जिलिंग ब्रांच कमेटी कार्यालय में गोरामुमो ने स्व. घीसिंग की पुण्यतिथि मनायी. इस दौरान गोरामुमो के वरिष्ठ नेता वाइ लामा, अमर तमांग, वीरेन लामा, मन्जुला तमांग, मणिकला तमांग, वसुंधरा प्रधान आदि उपस्थित थे. इसके साथ ही गोरामुमो के समर्थकों की भीड़ थी. इस दौरान घीसिंग की तस्वीर पर 108 दीप जलाये गये और खदा अर्पण करके प्रार्थना की गयी.

गोरामुमो के वरिष्ठ नेता वाइ लामा ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए स्वर्गीय घीसिंग के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमलोगों ने सुवास घीसिंग को पहचानने में देर कर दी, जिसके कारण आज हमलोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सुवास घीसिंग भारतीय गोर्खाओं के प्रति ईमानदार थे. उन्होंने 5 अप्रैल, 1980 में गोरामुमो का गठन करके अलग राज्य गोर्खालैंड के लिए आंदोलन शुरु किया था और यह आंदोलन 1985 से तेज पकड़ने का काम किया और 1986 में आन्दोलन और उग्र हो गया. 22 अगस्त, 1988 के दिन दार्जिलिंग गोर्खा पर्वतीय परिषद के दस्तावेज पर त्रिपक्षीय समझौता हुआ और चुनाव के माध्यम से दागोपाप का गठन हुआ.
इसके बाद भी सुवास घीसिंग चुप नहीं बैठे और छठी अनुसूची गठन को लेकर सरकार पर दबाव बनाते रहे. इस बीच 6 दिसम्बर, 2005 को छठी अनुसूची के दस्तावेज पर त्रिपक्षीय समझौता हुआ. उस दौरान राज्य में वाममोर्चा की सरकार थी और वामोर्चा के सरकार ने विधानसभा में छठी अनुसूची का प्रस्ताव पारित करके केन्द्र सरकार को भेजा था. केन्द्र में यूपीए की सरकार थी और यूपीए सरकार ने छठी अनुसूची का बिल चर्चा के लिए सदन में रखा.
तब कतिपय अड़चनों को दिखाकर छठी अनुसूची को संसदीय समिति के पास भेज दिया गया था, लेकिन तब तक दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में छठी अनुसूची का विरोध हो चुका था. उसी दौरान सुवास घीसिंग बीमार हो गये और दिल्ली में एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए. 29 जनवरी, 2015 के दिन उनका निधन हो गया.
इधर, गोरामुमो के प्रचार-प्रसार सचिव दिनेश राई ने बताया कि गोरामुमो अध्यक्ष मन घीसिंग ने आज अपने पिता एवं गोरामुमो के संस्थापक अध्यक्ष सुवास घीसिंग के चौथे पुण्यतिथि पर गुम्बा पर दीप जलाकर प्रार्थना की.

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