दार्जिलिंग : जिला अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों की ओर से स्थायीकरण की मांग को लेकर धरना तीन दिनों से जारी है. दार्जिलिंग जिला अस्पताल में 25 से अधिक अस्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं. ये अस्थायी कर्मचारी अस्पताल परिसर की साफ-सफाई से लेकर अन्य कार्यों में सहयोग करती हैं.
अस्पताल के लिए कई वर्षों से कार्यरत इन अस्थायी कर्मचारियों को मासिक वेतन के रूप में केवल 1500 रुपये मिलते हैं. वर्तमान में महंगाई को देखते हुए इस रकम से इनका घर चलाना मुश्किल हो गया है. अपनी इन्हीं मांगों के समर्थन में अस्पताल के अस्थायी कर्मचारी धरने पर हैं.
मिली जानकारी के अनुसार कुछ माह पहले भी इन अस्थायी कर्मचारियों ने स्थायीकरण की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन किया था. उस दौरान अस्पताल प्रशासन और जीटीए ने स्थायीकरण करने का भरोसा दिलाया था. लेकिन इसके लिए कागजात व अन्य प्रक्रिया के चलते समय लगने की बात कही थी. उस वक्त स्थायीकरण नहीं होने तक तीन हजार रुपया मासिक देने का भरोसा दिया गया था. परंतु कई माह बीत जाने के बावजूद मासिक वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गयी है.
अस्थायी कर्मचारियों की ओर से एलिना प्रधान ने बताया कि अस्पताल परिसर के सामने धरना पर बैठे सभी अस्थायी कर्मचारी यहां कार्यरत हैं. हमलोग अस्पताल की साफ-सफाई से लेकर अन्य कार्य भी करते हैं. परंतु हमलोगों को वेतन के रूप में केवल 15 सौ रुपये मिलते हैं. इससे घर-संसार चलाना काफी मुश्किल हो गया है. कुछ महीने पहले भी हमलोगों ने स्थायीकरण की मांग को लेकर जिला अस्पताल परिसर में ही धरना दिया था.
उस दौरान हमारी बात सुनी गयी थी और स्थायीकरण करने की दिलासा भी दी गयी थी. साथ ही वेतन बढ़ा कर तीन हजार रुपये करने का भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन आजतक कुछ भी नहीं किया गया है. हमलोगों के वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गयी है. प्रधान ने कहा कि पिछले दिनों कुछ लोगों को नियुक्ति-पत्र जारी करके जिला अस्पताल भेजा गया है, जो ठीक नहीं है.
उनलोगों की नियुक्ति से हमलोगों को कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन उससे पहले हमलोगों का स्थायीकरण किया जाय. यदि सम्बंधित विभाग इसी तरह हमारी मांग को नजरअंदाज करता रहा, तो हमलोग अनशन पर बैठेंगे.
उधर, सुमेटी मुक्ति मोर्चा के दार्जिलिंग टाउन कमेटी अध्यक्ष विकास वीके के नेतृत्व में सुमेटी मुक्ति मोर्चा की टोली भी धरना स्थल पर पहुंची. इस संदर्भ में सुमेटी मुक्ति मोर्चा के टाउन कमेटी अध्यक्ष विकास वीके ने कहा कि इन अस्थायी कर्मचारियों की समस्या पर जीटीए वीओए चेयरमैन विनय तामांग से ध्यान देने और कुछ हल निकालने की अपील की जायेगी.