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रूंगदुंग नदी के किनारे गोरामुमो ने मनाया माघे संक्रांति

दार्जिलिंग : गोरामुमो की ओर से मंगलवार को मिनेरल स्प्रींग दवाई पानी के रूंगदुंग नदी में माघे संक्रांति समारोह का आयोजना किया गया. आयोजित माघे संक्राती समारोह में गोरामुमो अध्यक्ष मन घीसिंग विशेष रूप से उपस्थित रहे. माघे संक्रांति समारोह के शुभारम्भ में धामी, झाक्री उर्फ ओझाओं के जरिये वन देवी, वन देवता, नाग-नगिन, भूमि […]

दार्जिलिंग : गोरामुमो की ओर से मंगलवार को मिनेरल स्प्रींग दवाई पानी के रूंगदुंग नदी में माघे संक्रांति समारोह का आयोजना किया गया. आयोजित माघे संक्राती समारोह में गोरामुमो अध्यक्ष मन घीसिंग विशेष रूप से उपस्थित रहे.
माघे संक्रांति समारोह के शुभारम्भ में धामी, झाक्री उर्फ ओझाओं के जरिये वन देवी, वन देवता, नाग-नगिन, भूमि देवता आदि की पूजा अर्चना की गयी. इस दौरान वन देवी को कंदमूल आदि जैसे खाद्य सामग्री अर्पित किया गया.
सुबह साढ़े 10 बजे के से शुरू हुये पूजापाठ के बीच गोरामुमो अध्यक्ष मन घीसिंग ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये कहा कि गोरामुमो हरेक साल माघे संक्रांति के अवसर पर समारोह का आयोजना करता आ रहा है.
इस दौरान धामी, झाक्री उर्फ ओझाओं के जरिये वन देवी, वन देवता, नाग नागिन, भूमि देवी आदि का पूजापाठ करके पहाड़वासियों के मनोकामना पूरा करने की प्रार्थना की जाती है. इसी तरह से माघे संक्रांति के अवसर पर गोरामुमो ने मिनेरल स्प्रींग दवाई पानी के रूगदुंग नदी में माघे संक्रांति समारोह का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर धामी, झाक्री उर्फ ओझाओं के जरिये मैंने भी वन देवी, वन देवता आदि का पूजा पाठ करते हुये पिछले कई सालों से दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की जनता जर्नादन ने जो सपना देखा है, उस पूरा करने की प्रार्थना की है.
श्री घीसिंग ने कहा कि मेरे पिताजी एंव गोरामुमो के संस्थापक अध्यक्ष सुवास घीसिंग ने अपने समय में मिनेरल स्प्रींग दवाई पानी खूब आया करते थे. उस दौरान यहां की जनता जर्नादन को ध्यान में रखते हुये रूगदुंग नदी के ऊपर मुक्ति पुल का निर्माण कर दिया था. इस मुक्ति पुल के निर्माण होने से स्थानीय लोगों को काफी फायदा हुआ था.
वहीं समारोह में उपस्थित गोरामुमो के वरिष्ठ नेता प्रभाष्कर ब्लोन ने कहा कि देश के विभिन्न स्थानों में माघे संक्रांति का पर्व समारोह काफी भव्यता के साथ मनाया जा रहा है. लेकिन उनलोगों ने जिस तरह से माघे संक्रांति मनाया जा रही है, उसकी तुलना में गोरामुमो का नियम कुछ अलग है.
उन्होंने कहा कि हमलोग जनजाति की तरह माघे संक्रांति का पर्व मनाते हैं. श्री ब्लोन ने कहा कि क्योंकि हमारी मांग छठी अनुसूचि है. जिस पर सरकार को ध्यान दिलाने के लिये हमलोगों ने यह कदम उठाया है. गोरामुमो ने पहाड़ के विभिन्न क्षेत्रों में माधे संक्रांति पर्व काफी हर्ष उल्लास के साथ मनाया.

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