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दो दिवसीय चिंतन सभा के समापन पर विनय का भाजपा पर हमला, कहा – किसी कीमत पर भाजपा का समर्थन नहीं

सिलीगुड़ी : चाहे पृथ्वी इधर-उधर से हो जाये, लेकिन किसी भी हाल में गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) धोखेबाज भाजपा का समर्थन नहीं करेगी. भाजपा ने अलग राज्य गोरखालैंड के नाम पर पहाड़वासियों को बार-बार धोखा दिया है. भाजपा को यह गरम तेवर दिखाया है गोजमुमो सुप्रीमो सह जीटीए के कार्यवाहक चेयरमैन विनय तमांग ने. वह […]

सिलीगुड़ी : चाहे पृथ्वी इधर-उधर से हो जाये, लेकिन किसी भी हाल में गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) धोखेबाज भाजपा का समर्थन नहीं करेगी. भाजपा ने अलग राज्य गोरखालैंड के नाम पर पहाड़वासियों को बार-बार धोखा दिया है.
भाजपा को यह गरम तेवर दिखाया है गोजमुमो सुप्रीमो सह जीटीए के कार्यवाहक चेयरमैन विनय तमांग ने. वह गुरुवार को सिलीगुड़ी के निकट सुकना में गोजमुमो के चिंतन सभा की समाप्ति पर आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे. दो दिवसीय यह चिंतन सभा सुकना आदर्श हाइ स्कूल के प्रशासनिक भवन में कल यानी गुरुवार को शुरु हुआ था.
आज प्रेस-वार्ता के दौरान श्री तमांग के साथ जीटीए के वाइस चेयरमैन अनित थापा, छीरिंग दहाल, सूरज शर्मा व सतीश पोखरैल मौजूद थे. श्री तमांग ने प्रेस-वार्ता के दौरान भाजपा खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा बीते चुनाव से पहले उन्होंने माटीगाड़ा के चुनावी जनसभा में भाजपा के आनेपर गोरखालैंड अलग राज्य बनाने का वादा किया.
दार्जिलिंग लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार एसएस अहलुवालिया गोजमुमो व पहाड़वासियों के समर्थन से सांसद हो गये. इन साढ़े चार सालों में मोदी उत्तर बंगाल के दौरे पर भी आये लेकिन गोरखालैंड राज्य नहीं हुआ. सांसद अहलुवालिया तो अब पहाड़ दौरे की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे. अभी दिल्ली में संसद का शीतकालीन अधिवेशन जारी है,जो 11 जनवरी तक चलेगा.
लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के सभी 11 जातियों को संवैधानिक वैधता दिलाने के लिए कोई चर्चा नहीं की है. जबकि उन्होंने इसके लिए भी कई बार आश्वासन दिया था. अहलुवालिया से पहले भी दार्जिलिंग लोकसभा सीट गोजमुमो के समर्थन से ही भाजपा के जसवंत सिंह सांसद चुने गये थे, लेकिन उनके पांच साल के कार्यकाल के दौरान भी भाजपा ने पहाड़ की समस्त गोर्खा जातियों व अन्य भाषा-भाषियों को भी धोखा दिया था.
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए श्री तमांग ने कहा कि चुनाव आयोग ने अभी लोकसभा चुनाव की तारीख का एलान नहीं किया है. चुनाव की घोषणा होने और चुनावी माहौल बनने के बाद ही गोजमुमो चुनावी लड़ाई के लिए चिंतन-मंथन करेगी.
गोर्खाओं को धोखा देने का लगाया आरोप
विनय तमांग ने मीडिया को बताया कि इस साल गोजमुमो ने एक विशेष उपलब्धि हासिल कर ली है. पार्टी की उपलब्धि है दिल्ली एनसीआर व हरियाणा में अपनी ब्रांच खोल लेना.
अब जल्द ही दोनों जगहों पर अपनी राजनैतिक गतिविधि भी बढ़ा दी जायेगी. इसके अलावा अन्य राज्यों में भी गोजमुमो अपनी शाखा बड़े स्तर पर खोलेगी. जिन समस्त राज्यों में गोर्खा समुदाय से जुड़े लोग बड़ी संख्या में रहते हैं पहली प्राथमिकता उन्हीं राज्यों में पार्टी को मजबूत करना है.
संवैधानिक पहचान दिलाना मुख्य मकसद
विनय तमांग का कहना है कि भारत को आजाद कराने में भारतीय गोर्खा समुदाय का बहुत बड़ा योगदान है. गोर्खा रेजिमेंट आज भी दुश्मनों से देश की रक्षा करने में सराहनीय योगदान दे रही है.
इसके बावजूद भारतीय गोर्खाओं को अपने देश में विदेशी कहा जाता है. यहां तक की नेपाल के वासिंदा के तौर पर उनके साथ देश के विभिन्न जगहों में दुराचार किया जाता है.
इतना ही नहीं गोर्खा समुदाय की भारतीय युवती अगर देर शाम को कामकाज के बाद घर लौटने पर उनके साथ कुछ विकृत दिमाग वाले लोग अलग तरीके से पेश आते हैं. गोर्खाओं को भारत में हर कहीं पर अपना संवैधानिक पहचान व सुरक्षा दिलाना भी गोजमुमो का मुख्य मकसद है. यह मुद्दा भी चिंतन सभा में खासतौर पर उठा है.
एक साल में किया पहाड़ का काफी विकास
विनय तमांग ने दावे के साथ कहा कि पहाड़ यानी दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र का जो विकास बीते 30 सालों में नहीं हुआ वह मात्र एक वर्ष में हुआ है.
उन्होंने बताया कि दो दिवसीय चिंतन सभा में दार्जिलिंग व कालिम्पोंग जिले समस्त पहाड़ पर विकास के मुद्दों पर कुल 55 प्रस्ताव पारित किये गए हैं. यह सभी प्रस्ताव गोजमुमो की केंद्रीय कमेटी, कोर कमेटी, जिला कमेटी, ब्लॉक कमेटी, छात्र, युवा, महिला विंग की मौजूदगी में सर्वसम्मति से पारित हुआ.
इन 55 प्रस्तावों की भावी रणनीति का खाका भी तैयार कर लिया गया है. इस पर तीन चरणों पर काम किया जाना है. पहले चरण के तहत पार्टी को विशेष तौर पर मजबूत करना है. गांव-गांव, घर-घर व हरेक उम्र के लोगों खासतौर पर छात्र, युवा व महिलाओं को अधिक-से-अधिक संख्या में पार्टी के जोड़ना है. इसके लिए पार्टी नेता-कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर काम करना जरुरी है. अभी से ही कमर कसने की जरुरत है.

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