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जलपाईगुड़ी : रायपुर बागान खुलवाने को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी, ज्ञापन देने के बाद दी आंदोलन की चेतावनी

जलपाईगुड़ी : चेंगमारी चाय बागान के बाद अब सभी की नजर रायपुर चाय बागान पर भी लगी है. लंबे समय तक बंद रहने के बाद यह चाय बागान 10 जुलाई 2014 को खुला था, लेकिन पिछले साल बकाया राशि को लेकर श्रमिक-प्रबंधन के बीच विवाद के चलते प्रबंधन के लोग बागान बंद कर चले गये. […]

जलपाईगुड़ी : चेंगमारी चाय बागान के बाद अब सभी की नजर रायपुर चाय बागान पर भी लगी है. लंबे समय तक बंद रहने के बाद यह चाय बागान 10 जुलाई 2014 को खुला था, लेकिन पिछले साल बकाया राशि को लेकर श्रमिक-प्रबंधन के बीच विवाद के चलते प्रबंधन के लोग बागान बंद कर चले गये. उसके बाद से श्रमिकों की हालत सोचनीय हो गयी है.
बकाया रकम के भुगतान सहित कई मांगों को लेकर यूनियन के बैनर तले एडीएम सह जिला भूमि व भूमि राजस्व अधिकारी छिरिंग भूटिया के साथ श्रमिकों ने भेंट की. बाद में तृणमूल श्रमिक यूनियन के बागान के नेता और पातकाटा ग्राम पंचायत के प्रधान प्रधान हेम्ब्रम ने प्रेस वार्ता की. इसी में उन्होंने मांगों को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी प्रशासन और बागान प्रबंधन को दी है.
प्रधान हेम्ब्रम ने बताया कि बीते 10 जुलाई 2014 को बेंगलुरू के नये मालिक के अधिग्रहण के बाद रायपुर चाय बागान चालू हो गया. इस बागान में स्थायी श्रमिकों की संख्या 650 है. बागान मैनेजर चरणप्रीत सिंह गत 12 सितंबर को बागान छोड़कर चले गये थे. उसके बाद से बागान बंदी की हालत में है.
उन्होंने आरोप लगाया कि गैरकानूनी तरीके से बिना नोटिस दिये ही प्रबंधन के लोग बागान छोड़कर चले गये हैं. उन्होंने बताया कि बागान की स्थिति अच्छी नहीं है. ग्राम पंचायत से मनरेगा योजना के तहत कमेटी का गठन कर बागान की साफ-सफाई कर श्रमिकों के भुगतान के लिए कुछ व्यवस्था की गयी है.
लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. फिलहाल पत्ता तोड़ने का मौसम नहीं होने के बावजूद पहले से जमा रुपये और पंचायत की मदद से श्रमिकों को कुछ राहत दे रहे हैं. उन्होंने बागान की दुरावस्था के बारे में श्रम विभाग को जानकारी दी है. बागान खुलवाने के लिए श्रमिक-कर्मचारियों द्वारा जिलाधिकारी और श्रमायुक्त के घेराव की योजना है. इसके अलावा बागान संलग्न गोशाला मोड़ से बोदागंज जाने की सड़क पर बेमियादी पथावरोध किया जायेगा.
तराई डुवार्स प्लांटेशन वर्कर्स यूनियन (टीडीपीडब्लूयू) के जिला कार्यकारी अध्यक्ष स्वपन सरकार ने बताया कि बीते साल सितंबर में बागान में गतिरोध कायम होने से लेकर अब तक दस त्रिपक्षीय वार्ता हो चुकी है लेकिन एक में भी बागान मालिकपक्ष उपस्थित नहीं हुआ.
इस बीच श्रमिकों का नौ पाक्षित वेतन, कर्मचारियों का चार माह के वेतन, पीएफ-ग्रैच्युटी मिलाकर करीब एक करोड़ रुपये का बकाया है. बागान में अंतरिम मजदूरी वृद्धि से लेकर कई साल तक रायपुर चाय बागान प्रबंधन ने 200 श्रमिकों को एक रुपया तक नहीं दिया है. प्रशासन को इसकी जानकारी दी गयी है. अब आंदोलन के सिवा कोई विकल्प नहीं है.
इस बारे में जिलाधिकारी शिल्पा गौरीसारिया ने बताया कि उन्होंने डीएलएलआरओ को इस बारे में छानबीन के लिए कहा है. वह त्रिपक्षीय वार्ता में मालिकपक्ष की उपस्थिति का प्रयास कर बागान चालू करवाने का प्रयास कर रही हैं.
वहीं, मालिकों के संगठन आइटीपीए के मुख्य सलाहकार अमितांशु चक्रवर्ती ने बताया कि उन्होंने बागान मालिक गुरु शंकर के साथ संपर्क किया है. जल्द ही बागान खुलवाने का प्रयास किया जायेगा. इस तरह से बहुत दिनों तक नहीं चल सकता.

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