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Thursday, March 28, 2024

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शहर के इतिहास का साक्षी प्रकाशनगर का महावीर धाम

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के 43 नंबर वार्ड के प्रकाश नगर में द्वितीय महानंदा सेतु के बगल में स्थित है महावीर धाम श्री हनुमान मंदिर. इसके प्रति इलाके के लोगों में एक अलग ही आस्था है. वैसे तो हर दिन यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, पर मंगलवार व शनिवार को विशेष भीड़ […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के 43 नंबर वार्ड के प्रकाश नगर में द्वितीय महानंदा सेतु के बगल में स्थित है महावीर धाम श्री हनुमान मंदिर. इसके प्रति इलाके के लोगों में एक अलग ही आस्था है. वैसे तो हर दिन यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, पर मंगलवार व शनिवार को विशेष भीड़ होती है.
इस मंदिर में हनुमानजी के अलावा भगवान शिव और शनिदेव का मंदिर भी है. यहां सिलीगुड़ी के अलावा दूरदराज के भक्त भी पहुंचते हैं. वर्तमान में लाखों रुपये की लागत से मंदिर परिसर में धर्मशाला, यज्ञशाला आदि की व्यवस्था की जा रही है.
जहां आज मंदिर है, वहां बहुत साल पहले बाबा गोरखनाथ के अनुयायी योगी बाबा रहा करते थे. इलाके के लोगों का कहना है कि योगी बाबा ने ही यहां हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की थी. लेकिन एक रोज अचानक सांप के काटने से योगी बाबा की मौत हो गयी. इसके बाद 1962 में भारत-चीन के युद्ध के दौरान इलाके में महानंदा नदी पर पुल का निर्माण किया जा रहा था. उस वक्त बड़ी संख्या में लोग यहां काम करने आये थे. उन लोगों ने इस मंदिर में पूजा करनी शुरू कर दी. धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गयी.
मंदिर के पुजारी पंडित उमापति मिश्र बताते हैं कि उन्हें सपने में इस मंदिर का आभास हुआ था. जब वह उस इलाके में पहुंचे तो पहले से ही हनुमानजी की मूर्ति वहां विराजमान थी. इसके बाद उन्होंने वहां पूजा-अर्चना आरंभ की. राम नवमी और हनुमान जयंती पर मंदिर में खास आयोजन होते हैं.
प्रत्येक वर्ष श्री राम विवाह महोत्सव पर मंदिर परिसर में 108 घंटे के हरिराम कीर्तन होता है. उन्होंने बताया कि चार-पांच वर्ष पहले सिलीगुड़ी के एक भक्त अवध बिहारी के परिवार ने शिवलिंग को मंदिर में दान किया, जिसे मंदिर परिसर में एक पीपल वृक्ष के नीचे स्थापित किया गया. सावन के प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग का शृंगार किया जाता है. शनि भक्त भी यहां आते हैं.
‘हर मनोकामना पूरी करते हैं बजरंगबली’
मंदिर में दर्शन करने पहुंचे ज्योति नगर इलाके से आये उपेन्द्र यादव बताते हैं कि वह पिछले 10 वर्षों से हर रोज इस मंदिर में आ रहे है. उनके मुताबिक, जब से वह मंदिर से जुड़े हैं, बजरंगबली उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं. मंदिर में आयी गांधीनगर इलाके की एक निवासी रम्भा गुप्ता ने बताया कि इस मंदिर को सिद्ध पीठ कहा जाता है, क्योंकि यहां माथा टेकनेवाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. वह पिछले 10-15 वर्षों से नियमित रूप से इस मंदिर में आ रही हैं.
धर्मशाला, यज्ञशाला बनाने की है योजना : राजकिशोर
महावीर धाम श्री हनुमान मंदिर की प्रबंध कमेटी के उपाध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि 10 वर्ष पहले इस कमेटी का निर्माण किया गया. इसके अध्यक्ष सौमित्र कुंडू, संयोजक मुन्ना प्रसाद और सचिव सुखदेव महतो हैं. उपाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह, अमिरी सहनी, मंजय सिंह, पृथ्वी चौधरी, गुलाबचंद महतो हैं. सह-सचिव पद पर अनिल बिंदल, युगल किशोर यादव, प्रेम सिंह, सुभाष सिंह, बैजू राय, सुरेन्द्र यादव हैं.
कोषाध्यक्ष की जिम्मेवारी सुरेश राय, बबलू गोस्वामी तथा श्रीपति मिश्र संभाल रहे हैं. राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि लाखों रुपये की लागत से मंदिर को सजाने का काम चल रहा है. कई चरणों में‍ काम आरंभ हो चुका है. मंदिर परिसर में धर्मशाला तथा यज्ञशाला बनाने की योजना है. आनेवाले समय में यह मंदिर शहर की किसी ऐतिहासिक धरोहर की तरह दिखेगा.
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