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कूचबिहार : राज्य से तृणमूल को उखाड़ फेंकना ही लक्ष्य : दिलीप घोष

कूचबिहार : शुक्रवार को दिनभर कूचबिहार और आसपास के जिलों का राजनीतिक पारा चढ़ा रहा. प्रशासनिक आदेश और हाइकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले की उपेक्षा कर भाजपा ने कूचबिहार शहर से कुछ दूर पर स्थित झिनाईडांगा में बिना केंद्रीय नेताओं के जनसभा की, जिसे मुख्य रूप से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने संबोधित […]

कूचबिहार : शुक्रवार को दिनभर कूचबिहार और आसपास के जिलों का राजनीतिक पारा चढ़ा रहा. प्रशासनिक आदेश और हाइकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले की उपेक्षा कर भाजपा ने कूचबिहार शहर से कुछ दूर पर स्थित झिनाईडांगा में बिना केंद्रीय नेताओं के जनसभा की, जिसे मुख्य रूप से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने संबोधित किया. उन्होंने मंच से कहा, ‘हमलोग रथयात्रा के कार्यक्रम से पीछे नहीं हट रहे हैं.m
आनेवाले दिनों में अदालत से आदेश लेकर रथयात्रा निकलेगी. 2019 तक यह आंदोलन चलेगा. इस राज्य से तृणमूल को उखाड़ फेंकना ही हमारा लक्ष्य है.’ गुरुवार रात को ही यह तय हो गया था कि अमित शाह कूचबिहार नहीं आ रहे हैं, इसलिए त्रिपुरा व असम के मुख्यमंत्री भी नहीं आये. शुक्रवार सुबह दस बजे भाजपा के शीर्ष नेताओं का मदन मोहन मंदिर जाकर पूजा-अर्चना का कार्यक्रम था, लेकिन कोई नेता मंदिर नहीं गया.
झिनाईडांगा में जनसभा की वजह से काफी देर तक एनएच 31 बाधित रहा. बड़ी संख्या में यात्री और मालवाही गाड़ियां जाम में फंसी रहीं, पर मौके पर पुलिस या भाजपा के वॉलेंटियर नजर नहीं आये. बीते गुरुवार को दिलीप घोष ने आह्वान किया था कि पार्टी कार्यकर्ता लाठी लेकर पहुंचे. इसका अनुसरण करते हुए शुक्रवार को जनसभा स्थल पर बड़ी संख्या में लोग हाथों में मोटी लाठी लिये और चेहरे को भगवा कपड़े से ढके नजर आये.
जिस मैदान में जनसभा हुई, उसकी क्षमता करीब पांच हजार थी और वह पूरा भरा हुआ था. पुलिस ने अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों में कूचबिहार जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को रोका. इस दौरान कई जगह भाजपाइयों और पुलिस के बीच संघर्ष होने से माहौल गर्म हो उठा.
अमित शाह की सभा की तैयारी के लिए भाजपा के कई बड़े नेता पिछले कई दिनों से कूचबिहार के एक होटल में डेरा डाले हुए थे. ये नेता शुक्रवार को होटल से बाहर नहीं निकले. केंद्रीय नेताओं में केवल बाबुल सुप्रियो मंच पर पहुंचे.
कुछ देर बाद राहुल सिन्हा भी सभास्थल पर देखे गये. पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमलोग संविधान के अनुसार चलेंगे. अदालत से आदेश लेकर ही हम रथयात्रा निकालेंगे.’
कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल राय, रूपा गांगुली व कई अन्य नेताओं ने झिनाईडांगा का रुख तक नहीं किया. इस दिन मंच पर केपीपी नेता अतुल राय को भी रहना था, लेकिन अमित शाह के नहीं आने के कारण वह भी मंच पर नहीं आये. सुबह से ही हाइकोर्ट के डिवीजन बेंच के फैसले के इंतजार के बाद दोपहर करीब दो बजे नेता मंच पर पहुंचे और स्थानीय नेताओं का भाषण शुरू हुआ.
अंत में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पांच-छह मिनट का संक्षिप्त भाषण देकर सभा का समापन किया. दिलीप घोष ने अपने भाषण में कहा कि इस राज्य से घुसपैठिये मुसलिमों को खदेड़ना होगा और शरणार्थी के रूप में आये हिंदुओं को नागरिकता देनी होगी.

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