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कोयलांचल के मंदिरों में सावन की तैयारी, शक्ति मंदिर में हर सोमवार को होगा बाबा का विशेष शृंगार

धनबाद : कोयलांचल के मंदिरों में श्रावणी माह को लेकर जोरदार तैयारी चल रही है. 17 जुलाई से सावन प्रारंभ हो रहा है. सावन की शुरुआत बुधवार से हो रही है. इस सावन में चार सोमवार पड़ेंगे. सावन को लेकर कोयलांचल के मंदिरों के पट खुलने और बंद होने के समय में बढ़ोतरी की गयी […]

धनबाद : कोयलांचल के मंदिरों में श्रावणी माह को लेकर जोरदार तैयारी चल रही है. 17 जुलाई से सावन प्रारंभ हो रहा है. सावन की शुरुआत बुधवार से हो रही है. इस सावन में चार सोमवार पड़ेंगे. सावन को लेकर कोयलांचल के मंदिरों के पट खुलने और बंद होने के समय में बढ़ोतरी की गयी है.
शक्ति मंदिर कमेटी के सचिव अरुण भंडारी ने बताया जोड़ाफाटक शक्ति मंदिर का पट पूरे सावन माह में सुबह पांच बजे खुलेगा आैर एक बजे बंद होगा. वहीं संध्या चार बजे पट खुलेगा, जो रात्रि नौ बजे बंद होगा. हर सोमवार को यहां बाबा का विशेष शृंगार किया जायेगा. मंदिरों को फूलों से सजाया जायेगा.
भक्तों बीच फलाहारी का प्रसाद वितरित किया जायेगा. सावन की अंतिम सोमवारी को शिव महिमा जागरण का कार्यक्रम होगा. भूईफोड़ मंदिर के पुजारी सुरेश पांडे ने बताया सावन में मंदिर का पट सुबह पांच बजे खुलेगा आैर एक बजे बंद होगा. फिर दोपहर तीन बजे पट खुलेगा, जो रात्रि नौ बजे बंद होगा.
सोमवारी के दिन विशेष पूजा-अर्चना होगी. खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी मनोज पांडे बताते हैं कि सावन में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. सुबह पांच बजे से मंदिर का पट भक्तों के लिए खोल दिये जायेंगे. सोमवारी को पूरे दिन पट खुला रहेगा.
सोमवारी के दिन रुद्राभिषेक और बाबा का शृंगार किया जायेगा. इसके अलावा शिव शक्ति मंदिर माडा कॉलोनी, बेकारबांध शिव मंदिर, नागेश्वर मंदिर पुलिस लाइन, राम मंदिर में भी सावन में विशेष पूजा अर्चना की जायेगी.
22 से मधु श्रावणी
मिथिलांचल का पावन पर्व मधु श्रावणी 22 अगस्त से प्रारंभ हो रहा है. तीन अगस्त को समापन होगा. नव ब्याहताओं के लिए मधु श्रावणी का पर्व खास होता है. कोयलांचल की नव ब्याताओं में पर्व को लेकर भारी उत्साह है.
पंडित गुणानंद झा बताते हैं कि मधु श्रावणी सावन माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से प्रारंभ होता है, जो शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को समाप्त होता है. इस बार मधु श्रावणी 13 दिनों का है. तृतीया तिथि दो दिन पड़ रही है. तृतीया तिथि 19 जुलाई की रात्रि एक बजे प्रारंभ हो रही है, जो 20 जुलाई को संध्या सात बजे समाप्त हो रही है.
16 को गुरु पूर्णिमा
16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है. वेदाचार्य रमेश चंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि काशी पंचाग के अनुसार पूर्णिमा 15 जुलाई को रात्रि एक बज कर पांच मिनट से प्रारंभ हो रही है, जो 16 जुलाई को रात्रि एक बज कर बावन मिनट तक रहेगी. 16 जुलाई को ही रात्रि एक बज कर इकतीस मिनट से खग्रास चंद्रग्रहण प्रारंभ हो रहा है, जो साढ़े चार बजे समाप्त होगा.

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