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Friday, March 29, 2024

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33 केवी का केबल वायर काटने पर निर्माण कंपनी के खिलाफ मुकदमा

साढ़े सात लाख रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप शेखपुरा : दनियावां-शेखपुरा रेल मार्ग के निर्माण में जुटे हरियाणा की कंपनी एमजीसीपीएल पर साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस मामले में बरबीघा के सहायक विद्युत अभियंता अभिषेक राज ने कंपनी पर 33 केवी के केबल वायर काट दिये […]

साढ़े सात लाख रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप

शेखपुरा : दनियावां-शेखपुरा रेल मार्ग के निर्माण में जुटे हरियाणा की कंपनी एमजीसीपीएल पर साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस मामले में बरबीघा के सहायक विद्युत अभियंता अभिषेक राज ने कंपनी पर 33 केवी के केबल वायर काट दिये जाने पर यह कार्रवाई की है. इस मामले में उक्त कंपनी पर साढ़े सात लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान करने का आरोप लगाया है. इस मामले में सहायक अभियंता ने दर्ज प्राथमिकी में बताया कि शेखपुरा-बरबिघा सड़क मार्ग स्थित नेमदारगंज गांव के समीप रेलवे पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. उक्त निर्माण स्थल पर अंडर ग्राउंड 33 केवी के विद्युत वायर को कंपनी के पोक लेन चालक के द्वारा काट दिया गया है. उन्होंने बताया कि 14 जून को दोपहर 1:30 बजे की इस घटना में सूचना मिलने पर जब विद्युत विभाग की टीम मौके पर पहुंची तब वहां पोकलेन मशीन से खुदाई का काम चल रहा था. उसी क्रम में विद्युत तार को काटा गया.
उन्होंने बताया कि कैंप ऑफिस भंडार सर्वा के अधीन हो रहे इस कार्य को लेकर जिस पोकलेन से खुदाई का काम किए जाने का कार्य चल रहा था. उस पर पोकलेन पर कोई नंबर भी अंकित नहीं था और चालक ने अपना नाम बताने से भी इनकार किया.हरियाणा की निर्माण कंपनी पर विद्युत विभाग के द्वारा लगाये आरोप में साढ़े सात लाख रुपये के नुकसान का जिक्र किया गया है. दर्ज प्राथमिकी में अधिकारियों के मुताबिक खुदाई के दौरान करीब ढाई लाख रुपये का विद्युत केबल को काटकर क्षतिग्रस्त कर दिया गया. जबकि घटना के दिन बरबीघा शहर में तकरीबन आठ घंटे तक विद्युत बाधित रहा. इस दौरान विभाग को करीब पांच लाख रुपये के राजस्व का नुकसान भी हुआ. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तार कटने के बाद बरबीघा में विद्युत सप्लाई ठप पड़ गया. जबकि कंपनी को 33 केवी की आपूर्ति जारी रहे. ऐसी परिस्थिति में कंपनी को ही उक्त अवधि में आपूर्ति किए गए विद्युत का शुल्क भुगतान करना होता है. ऐसी परिस्थिति में साउथ बिहार ने रेल लाइन निर्माण कंपनी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है.33-केबी तार काटने के मामले में जहां विभाग के सहायक अभियंता ने प्राथमिकी दर्ज कराया है. वहीं कंपनी के तेवर से विभाग घिरता नजर आ रहा है. इस घटनाक्रम को लेकर रेल लाइन निर्माण में जुटे कंपनी एमजीसीपीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर संतोष यादव ने कहा कि विद्युत विभाग ने पहले तो बिना नक्शा पास कराए और स्वीकृति के ही अनाधिकृत तरीके से रेल ब्रिज के नीचे 33 केवी का तार बिछाने का काम किया है. लेकिन जब कंपनी रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही है, ऐसी परिस्थिति में विभाग के अधिकारियों को सूचना देकर तार को व्यवस्थित करने के लिए कहा गया था. इस दिशा में विद्युत विभाग ने काम भी किए लेकिन बड़ी बात यह है कि 33 केवी के विधुत तार की पहचान के लिए कोई चिन्ह नहीं छोड़ा गया और न ही निर्धारित मापदंड डेढ़ मीटर की गहराई से तार ले जाने कि की मानकता का पालन किया गया. ऐसी परिस्थिति में निर्माण कार्य के दौरान पोकलेन मशीन की चपेट में जब 33केवी का तार आ गया तब बड़ा हादसा होते-होते टल गया. उन्होंने कहा कि जिले के अंदर केबल बिछाने के लिए विद्युत विभाग ने मानकता का कोई पालन ही नहीं किया है. ऐसी परिस्थिति में अगर विभाग के द्वारा मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है तो विभाग के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराएंगे.
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