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बीइओ की जांच रिपोर्ट पर विधायक ने उठाये सवाल

मध्य विद्यालय, सौनउल सुल्तान के प्राचार्य सह निकासी व व्ययन पदाधिकारी सत्येंद्र सिंह से जुड़ा है मामला विधायक ने आरोपित शिक्षक पर प्रपत्र क गठित होने पर भी बचाने का शिवहर बीइओ पर लगाया है आरोप लोक शिकायत निवारण केंद्र में भी परिवाद है दायर पुरनहिया (शिवहर) : विधायक सह सभापति अल्पसंख्यक कल्याण समिति मो […]

मध्य विद्यालय, सौनउल सुल्तान के प्राचार्य सह निकासी व व्ययन पदाधिकारी सत्येंद्र सिंह से जुड़ा है मामला

विधायक ने आरोपित शिक्षक पर प्रपत्र क गठित होने पर भी बचाने का शिवहर बीइओ पर लगाया है आरोप
लोक शिकायत निवारण केंद्र में भी परिवाद है दायर
पुरनहिया (शिवहर) : विधायक सह सभापति अल्पसंख्यक कल्याण समिति मो शरफुद्दीन ने बीइओ शिवहर द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन पर सवाल उठाया है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को पत्र लिखकर जांच पदाधिकारी के खिलाफ जांच की मांग करते हुए कहा कि मध्य विद्यालय सोनौल सुलतान के निलंबित प्रधानाध्यापक सह निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी सत्येंद्र सिंह के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर कई आरोप लगाये गये. आरोप में साक्ष्य होने के बावजूद बीइओ द्वारा कैसे बचाव किया गया.
यह सवाल के घेरे में है. विधायक ने कहा है कि निलंबित प्रधानाध्यापक द्वारा बार-बार विरुद्ध में आवेदन देने वाले शिक्षकों को धमकी दिये जाने पर भी शिक्षा विभाग चुप्पी साधे रहा है. कहा कि आवेदक के साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटती है, तो डीपीओ स्थापना एवं बीइओ शिवहर उनके संरक्षण दाता के रूप में जिम्मेवार होंगे.
क्या है मामला : बसंत जगजीवन निवासी मुनीश ने लोक शिकायत निवारण केंद्र में मई 17 को एक परिवाद दायर की थी. जिसमें मध्य विद्यालय सोनौल सुलतान के प्रधानाध्यापक सह निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी सत्येंद्र सिंह पर भ्रष्ट आचरण के साथ शिक्षकों का भयादोहन कर अवैध वसूली तथा जबरन एलआइसी करने का आरोप लगाया था. जिसके आलोक में विभाग ने विभागीय कार्रवाई करते हुए प्रपत्र क गठित कर जांच की जिम्मेवारी बीइओ शिवहर जवाहरलाल सहनी को सौंपा.
जिसमें प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी बीइओ डुमरी कटसरी आमोद कुमार बनाये गये. जांच पदाधिकारी द्वारा जांच में लीपा पोती की आशंका को देखते हुए सेवानिवृत्त शिक्षक रामश्रेष्ठ सिंह एवं मध्य विद्यालय बसंत जगजीवन के प्रधानाध्यापक मनीष ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र के माध्यम से आगाह किया कि प्रपत्र क में कुल छह बिंदु पर लगाये गये आरोप एवं इसके समर्थन में प्राप्त आवेदन का सीसीए 2005 के नियम 17 के उपनियम 21(ख) के तहत डीइओ से स्वयं साक्ष्य परीक्षण करने की मांग की.
ताकि प्रखंड अंतर्गत शिक्षकगण निर्भीक होकर अपनी बात कह सकें. प्राप्त आवेदन के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एसएसए तथा लेखा एवं योजना को जांच की जिम्मेदारी सौंपी. इस बीच लेखा एवं योजना डीपीओ के स्थानांतरण हो जाने के कारण जांच पूर्ण नहीं हो सका. निलंबित शिक्षक के ऊपर लगाये गये आरोप के समर्थन में आवेदन करने वाले शिक्षकों की माने तो जांच के क्रम में बीइओ शिवहर द्वारा न तो कार्यरत और न ही सेवानिवृत्त शिक्षकों से किसी प्रकार की पूछताछ की गयी. वही अब तक किसी वरीय पदाधिकारी द्वारा भी इस संदर्भ में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है. जांच कार्य में जांच पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध होने को लेकर विधायक ने डीइओ तथा डीपीओ स्थापना को पत्र के माध्यम से सूचित कर उचित कार्रवाई की मांग की. कहा कि साक्ष्य के बावजूद निलंबित शिक्षक को जांच पदाधिकारी द्वारा बचाया जाना एक गंभीर मामला है. इस कारण निलंबित शिक्षक के साथ साथ जांच पदाधिकारी के विरुद्ध भी जांच की जानी चाहिए . ताकि पीड़ित शिक्षकों को न्याय मिल सके. सूत्रों की माने तो इस मामले में लोक शिकायत विभाग ने स्वत: संज्ञान ले लिया है.
मामले की हो रही जांच
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी मो मसलेउदीन का कहना है कि बीइओ शिवहर के जांच प्रतिवेदन से पुरी तरह संतुष्ट नहीं होने के कारण अब जांच की जिम्मेदारी डीपीओ एसएसए को सौंपा गया है. जांचोपरांत उनके द्वारा समर्पित किये जाने वाले प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.
मो मसलेउदीन, डीइओ

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