छपरा : गर्मी का महीना आ गया है. अभी से ही गर्मी ने लोगों को सताना शुरू कर दिया है. हर रोज दिन के तापमान में वृद्धि हो रही है. भूमंडलीय ऊष्मीकरण के कारण इस बार भी पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा गर्मी पड़ने की आशंका है. भरी दोपहरी के समय चिलचिलाती धूप जलन का एहसास दिला रही है. गर्मी बढ़ने से लोगों की समस्याएं भी बढ़ रही हैं.
शहर में धूप से बचने के लिए शेल्टर का अभाव
छपरा : गर्मी का महीना आ गया है. अभी से ही गर्मी ने लोगों को सताना शुरू कर दिया है. हर रोज दिन के तापमान में वृद्धि हो रही है. भूमंडलीय ऊष्मीकरण के कारण इस बार भी पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा गर्मी पड़ने की आशंका है. भरी दोपहरी के समय चिलचिलाती धूप जलन का […]
शहर के तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी से लोग व्याकुल हैं. मई की शुरुआत से प्रचंड गर्मी पड़ने लगेगी. इससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. सबसे ज्यादा समस्या दोपहर के समय हो रही है, जब सिर के ऊपर धूप की तपिश से लोग परेशान हो जा रहे हैं. दोपहर के समय घर से बाहर निकलने वाले राहगीरों को धूप की तपिश से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है.
प्रशासनिक स्तर पर नहीं हो रही व्यवस्था
शहर में सड़कों पर निकलने वाले लोगों के लिए शेल्टर की कोई विशेष व्यवस्था नहीं है. इसके लिए प्रशासन द्वारा अभी तक कोई उपाय नहीं किया गया है. बात अगर पश्चिम छपरा की करें, तो ब्रह्मपुर से दारोगा राय चौक तक एक भी सरकारी शेड या शेल्टर नहीं है.
इसके अलावा दारोगा राय चौक से थाना चौक आने वाली सड़क पर शिशु पार्क के समीप एक शेड बना है, उसे भी नगर निगम या जिला प्रशासन ने नहीं, बल्कि एक सामाजिक संस्था ने बनवाया है. इसे छोड़ दिया जाये, तो शहर में कहीं भी सड़क किनारे धूप से बचने या सुस्ताने के लिए किसी भी प्रकार के शेड का निर्माण नहीं किया गया है.
पेड़ों के नीचे मिलता है लोगों को सहारा
गर्मी में लोगों को धूप और थकावट से राहत के लिए पेड़ों के नीचे जमीन पर बैठ कर सुस्ताना पड़ता है. वहीं, कई स्थानों पर पेड़ों के नीचे बैठने लायक जगह नहीं होती जिससे यात्री चाह कर भी सुस्ता नहीं पाते हैं. बाजार में भी सरकारी शेड नहीं होने से लोगों को समस्या होती है. दारोगा राय चौक से थाना चौक तक पेड़ों की संख्या पर्याप्त है, लेकिन अन्य सड़कों के किनारे पेड़ों की कमी है.
खराब हैं कई नलकूप
गर्मी में सबसे ज्यादा लोगों को पानी की समस्या होने वाली है. शहर के कई इलाकों में जल स्तर में काफी गिरावट आयी है. कुओं, नलकूपों के जल स्तर में कमी आयी है. कई जगहों पर नलकूप खराब होने से अभी से लोग पानी की समस्या से परेशान हैं. शहरी क्षेत्र के विभिन्न मुहल्लों में कई चापाकल सालों से खराब पड़े हैं, लेकिन अब तक उन्हें ठीक नहीं कराया गया है.
लोगों का कहना है कि नगर निगम और पीएचइडी के चक्कर में नलकूप भी ठीक नहीं हुआ. इस संबंध में पूछे जाने पर नगर आयुक्त ने कहा कि खराब पड़े चापाकलों को जल्द ही बनवाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
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