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खनुआ नाला को अतिक्रमणमुक्त करने के लिए मापी का काम शुरू

एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन के दर्जन भर पदाधिकारी व कर्मी लगे पैमाइश में ढाई दशक बाद पहली बार प्रशासन की सख्ती के बाद अतिक्रमणकारियों में मचा हड़कंप छपरा (सदर) : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश व डीएम सुब्रत कुमार सेन के निर्देश के आलोक में शहर के ऐतिहासिक खनुआ नाला की मापी कर […]

एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन के दर्जन भर पदाधिकारी व कर्मी लगे पैमाइश में

ढाई दशक बाद पहली बार प्रशासन की सख्ती के बाद अतिक्रमणकारियों में मचा हड़कंप
छपरा (सदर) : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश व डीएम सुब्रत कुमार सेन के निर्देश के आलोक में शहर के ऐतिहासिक खनुआ नाला की मापी कर अतिक्रमणमुक्त करने को ले मापी का काम शुरू होते ही अतिक्रमणकारियों के चेहरे पर हवाईया उड़नी शुरू हो गयी. गुरूवार को सदर सीओ विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में सीआई रघुवर दयाल तथा नगर निगम के पांच कर्मियों ने शहर के रूपगंज मुहल्ले की ओर से नाले की मापी शुरू की. सीओ के अनुसार अंचल के अमिन राजेंद्र राय, अरूण कुमार ने मापी का काम शुरू किया. खनुआ नाले की मापी का काम अगले चार दिनों तक चलेगा. सीओ के अनुसार, खनुआ नाला रूपगंज के पास 50 फुट चौड़ा है.
इसके आधार पर शहर के रूपगंज, करीमचक, साहेबगंज, पुरानी गुड़हट्टी, सिविल कोर्ट, साढ़ा ढाला की ओर जाने वाली नाले की पैमाइश की जायेगी. इसके बाद इन सभी मुहल्लों में गुजरने वाले खनुआ नाले पर अतिक्रमण करने वालों को हटा कर तथा नाले की उड़ाही कर जल निकासी के योग्य बनाया जायेगा. अतिक्रमण हटाने को ले नगर निगम के आयुक्त अजय कुमार सिन्हा की ओर से भी नगर निगम के कर्मियों की तैनाती की गयी है.
अतिक्रमणकारियों में अब मचा है हड़कंप
एनजीटी के आदेश को अमली जामा पहनाने के लिए डीएम सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर नाले की मापी के बाद विभिन्न मुहल्लों में खनुआ नाले पर स्थायी तथा अस्थायी ढाचा बनाकर अतिक्रमण करने वाले सैकड़ों लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खीच गयी हैं. नाले पर अतिक्रमण करने वालों को विगत ढाई दशक में दर्जनों बार जिला प्रशासन ने नाले पर से हटाने तथा नाले की सफाई कर जलनिकासी व्यवस्था चुस्त करने का प्रयास किया.
परंतु, कभी राजनीतिक हस्तक्षेप तो कभी न्यायालय के आदेश के आलोक में खनुआ नाले की स्थिति बद से बदतर होती गयी. गंदगी तथा नाले की सफाई नहीं होने के कारण आस-पास के मुहल्लों की कौन कहे सिविल कोर्ट परिसर में भी महीनों तक जलजमाव की स्थिति रहती है. जिससे परेशान वेटरन फोरम ने एनजीटी में मुकदमा दायर किया था. जिसपर एनजीटी ने आदेश देकर जिला प्रशासन को नाले की सफाई तथा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है.

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