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ओडि़या, हो, कुरमाली में नहीं हो रहा नामांकन, मातृभाषा में पढ़ाई करने से वंचित हो रही है छात्राएं

– मॉडल महिला कॉलेज खरसावां का हाल – कॉलेज में क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए प्राध्यापकों के पद सृजित नहीं – पिछले साल से ही इन विषयों पर बंद है नामांकन शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां कोल्हान विश्व विद्यालय के अधीन आने वाले खरसावां के मॉडल महिला कॉलेज में स्नातक में हो, ओड़िया, कुरमाली भाषा […]

– मॉडल महिला कॉलेज खरसावां का हाल

– कॉलेज में क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए प्राध्यापकों के पद सृजित नहीं

– पिछले साल से ही इन विषयों पर बंद है नामांकन

शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां

कोल्हान विश्व विद्यालय के अधीन आने वाले खरसावां के मॉडल महिला कॉलेज में स्नातक में हो, ओड़िया, कुरमाली भाषा में नामांकन पिछले सत्र (2018) से बंद है. इससे बड़ी संख्या में छात्राएं अपनी मातृभाषा में पढ़ाई से वंचित हो रही है. पिछले वर्ष मामला विस में उठने के साथ-साथ राजभवन तक पहुंचा था, तो छात्राओं में इस बात की आस जगी थी कि अगले सत्र से शायद हो, ओड़िया, कुरमाली भाषा में नामांकन शुरू हो सकती है.

परंतु इस वर्ष भी हो, ओड़िया, कुरमाली भाषा में इस वर्ष भी चांसलर पोर्टल के जरिए इन भाषाओं में नामांकन नहीं हो पा रहा है. इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि कॉलेज में इन विषयों के लिए पढ़ाई के लिए प्राध्यापकों का पद स्वीकृत नहीं किया गया है. 2015, 2016 व 2017 में ओडि़या, हो, कुरमाली विषय के लिए शिक्षकों की व्यवस्था कर कॉलेज में तीन शैक्षणिक सत्र में इन विषयों के लिए नामांकन लिया गया था.

बताया जा रहा है कि उस वक्त प्रध्यापकों का पद सृजीत नहीं किया गया था. दिसंबर 2017 में कॉलेज के लिए नये सिरे से प्रध्यापकों का पद सृजित किया गया है. जिसमें इन ही विषयों को स्थान नहीं दिया गया है. इस कारण इन भाषाओं में नामांकन नहीं हो पा रही है. महिला कॉलेज में हो, ओड़िया, कुरमाली विषय में नामांकन के लिए बड़ी संख्या में छात्राएं पहुंच रही है, परंतु नामांकन नहीं होने के कारण बेरंग वापस लौट रही है.

ये छात्रायें अपनी मातृभाषा में पढ़ाई से वंचित हो रही है. इससे छात्राओं में काफी असंतोष देखा जा रहा है. इसको लेकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ इन विषयों की पढ़ाई करने को इच्छुक छात्राओं में नाराजगी देखी जा रही है.

तीन सत्रों में हुआ था क्षेत्रीय भाषाओं के लिए नामांकन

खरसावां के मॉडल महिला कॉलेज में तीन शैक्षणिक सत्रों में ओड़िया, हो, कुरमाली विषय की पढ़ाई के लिए नामांकन हुआ था. शैक्षणिक सत्र 2015-18 में कुरमाली में चार, हो व ओड़िया भाषा में नौ-नौ छात्राओं ने नामांकन लिया था. इसी तरह 2016-19 में हो भाषा में 56, ओड़िया में 27 व कुरमाली में पांच तथा शैक्षणिक सत्र 2017-19 में हो भाषा में 31 व ओड़िया में आठ छात्राओं ने नामांकन लिया था.

भूगोल के शिक्षक के लिए पद सृजित, पर एक भी नामांकन नहीं

सरकार की ओर से भूगोल के लिए तीन पदसृजित किये गये हैं. परंतु अब तक कॉलेज में एक भी छात्रा ने भूगोल विषय की पढ़ाई के लिए किसी भी शैक्षणिक वर्ष में नामांकन नहीं कराया है. कॉलेज के स्थापना के पश्चात कॉलेज की ओर से विश्व विद्यालय प्रबंधन को प्रस्ताव भेज कर हो, ओड़िया, कुरमाली भाषा की पढ़ाई के लिए प्राध्यापकों का एक-एक पदसृजित करने का आग्रह किया गया था.

मुख्य बातें

– तीन शैक्षणिक सत्र 2015, 2016 व 2017 में हो, ओड़िया, कुरमाली भाषा की पढ़ाई लिए छात्राओं ने नामांकन लिया है, इन विषयों का रिजल्ट भी शत प्रतिशत रहा है.

– महिला कॉलेज की छात्राओं ने मांग की है कि ओडि़या, हो, कुरमाली विषय के लिए प्राध्यापकों के पद सृजित कर नामांकन शुरू करायें.

– भूगोल विषय में एक भी छात्रा नहीं, प्राध्यापकों के तीन पदसृजित किये गये हैं.

– कॉलेज में सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज करने वाली छात्राएं हो और ओड़िया विषय की हैं.

– हो, ओड़िया, कुरमाली भाषा में स्नातक की पढ़ाई के लिए छात्राओं को सरायकेला या चाईबासा जाना पड़ रहा है.

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