शचिंद्र कुमार दाश
सवाल : डीसी सर आपको आईएएस बनने की प्रेरणा कहां से मिली ?
जवाब : जब कक्षा छह में पढ़ाई कर रहा था. उस समय किसी किताब में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के इंडियन सिविर सर्विसेस से रिजाइन करने के बारे में पढ़ा, तो इस नौकरी के संबंध पिताजी से जानकारी ली. पिताजी ने बताया कि आईएएस के संबंध में जानकारी दी और आगे पढ़ाई करने के प्रति प्रेरित किया. तभी से आइएएस बनने को अपने जीवन का लक्ष्य मान कर कड़ी मेहनत की और इसमें सफलता मिली.
सवाल : क्या साधारण घर के बच्चे आईएएस बन सकते है ?
जवाब : इस सवाल का जवाब ना हो हीं नहीं सकता. प्रतिभा हो तो साधन-संसाधन कभी बाधक नहीं बन सकते. देश में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम समेत कई सारे उदाहरण है. जे सीमित संसाधनों में भी बेहतर किये है. इसके लिये लिये दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ साथ कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है.
सवाल : जिला में शिक्षा के क्षेत्र में क्या संभावनायें है ?
जवाब : शिक्षा के क्षेत्र में असिमित संभावनायें है. कुछ स्कूलों में संसाधनों की कमी है. परंतु आने वाले दिनों में इसे ओर बेहतर किया जायेगा.
सवाल : आप की रुची किसमें है ?
जवाब : बचपन के दिनों में मेरी रुची तो पढ़ाई से अधिक क्रिकेट में थी. पिताजी की पिटाई के कारण खेल के साथ साथ पढ़ाई पर ध्यान दिया. प्रेरणादायक फिल्म देखने में भी रुची रखता हूं.