27.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

ग्रामीण विकास की ओर

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से अनेक योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसमें 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य प्रमुख है. सरकार ने ग्रामीण भारत के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए 25 लाख करोड़ रुपये के बड़े निवेश की पहल की है. वर्ष 1965 से […]

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से अनेक योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसमें 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य प्रमुख है. सरकार ने ग्रामीण भारत के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए 25 लाख करोड़ रुपये के बड़े निवेश की पहल की है. वर्ष 1965 से 2015 की अवधि में हमारे खाद्य उत्पादन में 3.7 गुनी और जनसंख्या में 2.55 गुनी बढ़ोतरी हुई. इस हिसाब से प्रति व्यक्ति खाद्य उत्पादन में 45 प्रतिशत वृद्धि हुई.

किसानों के इस परिश्रम का परिणाम है कि हम न केवल इस मामले में आत्मनिर्भर हुए, बल्कि खाद्य निर्यातक देश भी बने. परंतु इस प्रक्रिया में किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सबसे कम लाभ हुआ, क्योंकि नीतिगत तौर पर आय बढ़ाने को प्राथमिकता नहीं मिली. इतना ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत संरचना का विस्तार भी उपेक्षित रहा. ऐसी प्रवृत्ति के कारण ही ग्रामीण भारत दशकों से संकट में है.
यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस क्षेत्र में आय और मांग बढ़ने का सीधा संबंध हमारी अर्थव्यवस्था से है. उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करना, किसानों को सम्मान राशि देना, बीमा और क्रेडिट की सुचारू व्यवस्था करना, बिजली व रसोई गैस की व्यवस्था करना, शौचालयों के निर्माण पर बल देना, स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करना जैसे प्रयासों से गांव-देहात की तस्वीर बदलने लगी है.
लेकिन, इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के बिना दीर्घकालिक विकास के लक्ष्य को नहीं प्राप्त किया जा सकता है. इसके लिए कृषि, पशुपालन, संबंधित उद्यम व व्यवसाय आदि पर समेकित रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है. बड़े निवेश की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि साढ़े तीन लाख करोड़ की राशि जल संरक्षण के मद के लिए निर्धारित हुई है.
जलवायु परिवर्तन और भूजल के दोहन के कारण देश का बड़ा भाग पानी की कमी से जूझ रहा है. अत्यधिक वर्षा और बाढ़ की समस्याएं भी हैं. जल संरक्षण से इनका समाधान संभव है तथा पेयजल की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है. दूषित जल से होनेवाले संक्रामक रोग हमारे देश में होनेवाली बीमारियों और मौतों के बड़े कारणों में हैं.
गांवों में कुपोषण के साथ ये समस्याएं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक गंभीर हैं. अनाज के भंडारण और ढुलाई के लिए निर्माण कार्यों की आवश्यकता है. यदि इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होते हैं, तो स्व-रोजगार, व्यवसाय, दस्तकारी जैसे विकल्प भी बढ़ेंगे. अनियमित रोजगार, कम मेहनताना और आपदाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन की चुनौती भी बड़ी है.
इससे कोई ठोस समाधान भी नहीं हो पाता है और शहरों पर भी दबाव बढ़ता है. सुविचारित नीतियों और बड़े निवेश से ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में शहरों की तरह उद्यम, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था भारत की प्रगति के लिए एक सशक्त आधार तैयार होगा. आशा है कि सरकार की नवीन योजनाओं को शीघ्र ही साकार करने की प्रक्रिया आरंभ होगी और राष्ट्रीय विकास की गति तीव्र होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें