सहरसा : कहते हैं शरीर का नाश भले ही हो जाये, लेकिन आत्मा अमर है. वह हमेशा सुकून की तलाश में रहता है. शहर के डीबी रोड निवासी मो लासानी व अजीमून निशा की पुत्री व समाजसेवी लुकमान अली की बहन तरन्नुम प्रवीण पांच वर्ष पूर्व ही 32 साल की आयु में दुनियां को अलविदा कह गयी.
Advertisement
गरीबों की अंतरात्मा से निकली हुई दुआ तरन्नुम के रूह को देगा सुकून
सहरसा : कहते हैं शरीर का नाश भले ही हो जाये, लेकिन आत्मा अमर है. वह हमेशा सुकून की तलाश में रहता है. शहर के डीबी रोड निवासी मो लासानी व अजीमून निशा की पुत्री व समाजसेवी लुकमान अली की बहन तरन्नुम प्रवीण पांच वर्ष पूर्व ही 32 साल की आयु में दुनियां को अलविदा […]
मंगलवार को उसके जन्मदिवस पर परिजनों ने स्टेशन परिसर में सैकड़ों जरूरतमंदों को भोजन कराया. इस नेक आयोजन पर तरन्नुम के परिजनों की उपस्थिति में शहर के कई समाजसेवियों ने मरहूम की तसवीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया.
कैंडिल जला दो मिनट का मौन रख मृतात्मा की शांति की प्रार्थना की. मृतात्मा के जन्मदिवस पर गरीबों के बीच भोज के आयोजन की मौजूद लोगों ने सराहना की. सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले रौशन कुमार झा ने तरन्नुम की आत्मा की चिरशांति की प्रार्थना की और कहा कि ऐसे आयोजनों पर अंजान, भूखे, बेसहारों को याद कर उनके भूखे पेट को भरने का निर्णय अत्यंत सराहनीय व अनुकरणीय है.
युवा अभिषेक वर्द्धन ने कहा कि महरूम तरन्नुम बहुत ही प्रभावशाली प्रतिभा थी. आर्ट एंड क्राफ्ट में उसकी सानी न थी. परिजनों ने उनके जन्मदिन पर बेसहारों की भूख मिटा पुण्य का कार्य किया है. उमर हयात गुड्डू ने कहा कि घर के आयोजनों में लोग अपने परिचितों को बुलाते हैं. लेकिन अजनबी गरीबों की कोई जात, संप्रदाय या पंथ नहीं होता. ऐसे लोगों के दिल से निकली दुआ सीधे रूह तक जाती है और उसे सुकून देता है.
इस मौके पर रूहुल्ला, नैयर आजम, फिरदौश अली, सानिया, साइना, अकरम, फैशल अब्दुल्ला, हदीश, आजाद, प्रो गौतम, अजीत कुमार, सुमित भगत, प्रणव मिश्रा, संपत कुमार, रामशंकर भगत, बिट्टू गाड़ा, अमरेंद्र तिवारी, प्रेम पंजियार, मोती पंजियार, अशोक पंजियार, रजी अहमद, रितेश हन्नी, पिंक, श्रवण गुप्ता, शहनवाज आलम, अंचल आनंद, रोटी बैंक के रौशन कुमार भगत, माधव झा, राहुल गौरव, अजय कुमार, पंकज कुमार, चंदन कुमार, मो शाकिन उस्मान, मो हीरा सहित अन्य मौजूद थे.
Advertisement