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दहशत : अब सब्जी व दूध वाले भी नहीं आते संतपुर

संतपुर गांव में मेडिकल टीम ने किया हेल्थ चेकअप, पीएचडी ने की पानी की जांच सत्तरकटैया : प्रखंड के विशनपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर एक एवं दो लक्ष्मीनियां गांव में लगातार हो रही आकस्मिक मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग व पीएचडी विभाग की टीम हरकत में आयी है. लेकिन प्रशासनिक पदाधिकारी अभी भी बेपरवाह बने […]

संतपुर गांव में मेडिकल टीम ने किया हेल्थ चेकअप, पीएचडी ने की पानी की जांच

सत्तरकटैया : प्रखंड के विशनपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर एक एवं दो लक्ष्मीनियां गांव में लगातार हो रही आकस्मिक मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग व पीएचडी विभाग की टीम हरकत में आयी है. लेकिन प्रशासनिक पदाधिकारी अभी भी बेपरवाह बने हुए हैं. सोमवार को मेडिकल की दो टीम ने दोनों वार्ड में अलग-अलग कैंप लगाकर लोगों का स्वास्थ्य जांच कर आवश्यक दवा का वितरण किया. मेडिकल टीम ने दर्द, उल्टी की टेंडेंसी, कृमिनाशक, मलेरिया आदि की गहन जांच की. टीम के द्वारा दोनों वार्ड में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया तथा चापाकल में हेलोजन का टेबलेट डाला गया. टीम के सदस्यों ने मृतक परिवार के सदस्यों का ब्लड सैंपल भी लिया.
पीएचडी एसडीओ के नेतृत्व में टीम ने पानी का सैंपल भी लिया. पीएचसी पंचगछिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार गुप्ता ने बताया ने ब्लड सैंपल सदर अस्पताल जांच के लिए भेजा जायेगा. मेडिकल टीम में डॉ संतोष विश्वास, डॉ प्रफ्फुल कुमार, डॉ राजेश रंजन, डॉ महेश पंडित, लैब टेक्नीशियन मो शोहेल, अनंत अग्रवाल, एएनएम नमीता कुमारी, सरिता कुमारी, आशा फेसिलेटर चंदुल कुमारी सहित अन्य मौजूद थीं. जबकि ग्रामीणों ने कहा कि मौत का डर इस गांव में इस कदर घर कर गया है कि इस गांव का पानी व चाय मेडिकल की टीम ने भी पीने से इंकार कर दिया. इस गांव में सब्जी, पानी, दूध आदि पहुंचाने वाले ने भी आना बंद कर दिया है.
एक सप्ताह तक मेडिकल टीम तैनात करने की उठी मांग: संतपुर गांव में विगत दो माह के दौरान हुई 15 लोगों की आकस्मिक मौत पर कई ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने मुआवजे की मांग की. जिला पार्षद पिंटू कुमार, प्रियंका आनंद, पूर्व जिला पार्षद सह जनतांत्रिक जनता दल के नेता प्रवीण आनंद, पंचायत समिति सदस्य संतोष कुमार, वार्ड सदस्य फुलेश्वर राम, अनंत यादव, पूर्व मुखिया अरविंद यादव सहित अन्य ने मृतक के परिजनों को आपदा कोष से चार लाख मुआवजा राशि देने की मांग की है. जनप्रतिनिधियों ने बताया कि संतपुर गांव में दो माह के दौरान 15 लोगों की आकस्मिक मौत हो चुकी है. जिसके कारण लोगों में भय उत्पन्न हो गया है.
इस गांव में प्रत्येक श्राद्ध के दिन दूसरों की मौत हो रही है. जो चिंता का विषय है. लेकिन प्रखंड व जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी उदासीन बने हुए हैं. जनप्रतिनिधियों ने एक सप्ताह तक लगातार मेडिकल टीम को तैनात करने, मौत के कारण की उच्चस्तरीय जांच कराने तथा मुआवजा भुगतान करने की मांग की है.
ग्रामीणों ने शुरू की पूजा-अर्चना: संतपुर गांव को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए ग्रामीणों ने पूजा अर्चना शुरू कर दी है. ग्रामीणों के द्वारा विषहरी स्थान से पूजा शुरू की गयी. अब विद्यापति धाम परिसर में अखंड रामधुन शुरू की गयी है. इस गांव की मौत की कहानी दूर-दूर तक फैल गयी है. बाहर के लोग इस गांव में प्रवेश नहीं करना चाहते हैं. इस गांव में सब्जी, पानी, दूध आदि पहुंचाने वाले ने भी आना बंद कर दिया है. ग्रामीण अरविंद यादव, केदार यादव, भागेश्वर यादव, मुक्ति यादव, रामदेव यादव, अशोक यादव, विद्यानंद यादव, राधा देवी, रूपा देवी, झबरी देवी, सीता देवी, तिलिया देवी सहित अन्य ने गांव में शांति स्थापना के लिए ईश्वर से दुआ मांगी है.
मौत के खौफ से बच्चे को लेकर महिलाओं ने किया मायके शिफ्ट
संतपुर गांव की मौत की कहानी दिन प्रतिदिन एक पहेली जैसी बनती जा रही है. इस गांव के लोगों में यह भय पैदा हो गया है कि मृत्यु के मुंह में जाने का अगला नंबर किसका होगा. इस मौत के भय से महिलाएं अपने अपने बच्चों को लेकर अन्य जगह शिफ्ट होने लगी है. किसी ने शहर में डेरा डाल दिया तो कोई सगे संबंधी व मायके में शिफ्ट हो गया है. इस गांव की पहरेदारी अब बड़े बुजुर्गों के हाथ में ही बची हुई है. मौत का डर इस गांव में इस कदर घर कर गया है कि इस गांव का पानी व चाय मेडिकल की टीम ने भी पीने से इंकार कर दिया.
क्या कहते हैं सीएस
जिले के सत्तरकटैया प्रखंड अंतर्गत संतपुर गांव में जांच के लिए सोमवार को पीएचइडी एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम गयी थी. जो वहां से खून के सैंपल लेकर आयी है. जिसकी जांच की जा रही है. मौके पर जांच के लिए पहुंची जांच टीम ने वहां लोगों का आतिथ्य तक स्वीकार नहीं करते हुए ना चाय व पानी पिया. इस बाबत पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जांच टीम का पानी व चाय नहीं पीना यह उनका खुद का मामला है.
कई लोग चाय नहीं पीते हैं यह भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि संतपुर का मामला पूरे संज्ञान में लिया गया है. टीम सोमवार को ब्लड सैंपल लेकर लौटी है. मंगलवार को वे खुद भी फिजीशियन व टेक्नीशियन के साथ गांव पहुंच जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि हम लोग वहां की वस्तुस्थिति जानना चाह रहे हैं. लेकिन कोई वस्तु स्थिति की जानकारी पूरी तरह नहीं दे पा रहा है. साफ-सफाई भी मुद्दा हो सकता है. लोग घरों के आगे मवेशी का पालन करते हैं. लेकिन साफ-सफाई का पूरा ख्याल नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि गांव में चूना वगैरह का छिड़काव किया गया है. साफ सुथरा रहने के लिए लोगों को सलाह दी जा रही है. गंदगी भी कारण हो सकता है.

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