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सांसद कोटा से टिकट कंफर्म कराने के खेल का ऐसे हुआ खुलासा

सहरसा : रेल टिकट की अवैध बिक्री के धंधे की जड़ें कितनी गहरी जम गयी है, यह जानना हो तो सहरसा आ जाइए. यहां टिकट की न सिर्फ खुलेआम नीलामी होती है. बल्कि इस खेल में जनप्रतिनिधियों के फर्जी कागजात से लेकर उनके रुतबे तक का बेखौफ इस्तेमाल किया जाता है. मजे की बात तो […]

सहरसा : रेल टिकट की अवैध बिक्री के धंधे की जड़ें कितनी गहरी जम गयी है, यह जानना हो तो सहरसा आ जाइए. यहां टिकट की न सिर्फ खुलेआम नीलामी होती है. बल्कि इस खेल में जनप्रतिनिधियों के फर्जी कागजात से लेकर उनके रुतबे तक का बेखौफ इस्तेमाल किया जाता है. मजे की बात तो यह है कि जिन जनप्रतिनिधि के नाम व रुतबे से दलाल आसानी से अपना काम निकाल लेते हैं. उस जनप्रतिनिधि को इस खेल की खबर तक नहीं होती. फिलहाल रेलवे विभाग द्वारा सहरसा में दलालों पर की गयी कार्रवाई से हड़कंप मचा है. हालांकि, पर्दे के पीछे की सारी बातें अभी सामने नहीं आयी है. लेकिन, यह बखूबी समझा जा सकता है कि टिकट दलाल के द्वारा सहरसा में किया जा रहा फर्जीवाड़ा का खेल रेलवे तक ही सीमित नहीं है. इस खेल में दलालों ने जनप्रतिनिधि को भी नहीं छोड़ा है. दलालों ने वेटिंग टिकट को कंफर्म करने के लिए रेलवे के बड़े अधिकारी ही नहीं सांसद को भी चूना लगाना शुरू कर दिया है.

खगड़िया के सांसद का सहरसा में ऑफिस!
आपको यह जान कर हैरानी होगी कि खगड़िया लोकसभा के सांसद सह हज कमेटी के अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर का निजी कार्यालय सहरसा के महावीर चौक स्थित एक फोटो स्टेट की दुकान में दलालों की आपसी मिलीभगत से संचालित होता है. यह अलग बात है कि खुद सांसद को भी इसका पता नहीं होगा. लेकिन, विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां स्थित एक फोटो स्टेट की दुकान से फैक्स के जरिये रेलवे हेडक्वॉर्टर को टिकट का पीएनआर भेज कर कंफर्म कराने का गोरखधंधा बीते छह महीने से भी ज्यादा समय से जारी था. रेल मुख्यालय में सांसद अनुशंसित सभी पत्रों में फैक्स नंबर महावीर चौक स्थित एक फोटो स्टेट दुकान की है. जिसकी जांच आसानी से करायी जा सकती है.

लेटर हेड पर पीएनआर भेज कराते थे कंफर्म
मिली जानकारी के अनुसार दलालों ने सांसद के नाम का एक फर्जी लेटर हेड तैयार किया था. जिसे मेल पर उक्त दुकानदार को भेज लेटर हेड पर पीएनआर कंफर्म करने का पत्र भेजते थे. वहां दुकानदार द्वारा सांसद द्वारा अनुशंसित फर्जी पत्र तैयार किया जाता था. जिसका प्रिंट आउट लेने के बाद मंत्रालय व मुख्यालय को भेज दिया जाता था. अगर इसकी जांच की जाये तो पता चलेगा कि फैक्स किये जाने वाले लेटर में यात्रियों की जगह दलालों व उनके सगे संबंधी व दोस्तों के मोबाइल नंबर अंकित है. फैक्स सेंटर वाले के ई मेल व फैक्स विवरण की जांच कर भी इन लोगों पर नकेल कसी जा सकती है.

कैसे खुला मामला

मिली जानकारी के अनुसार, पहले इस फोटो स्टेट की दुकान से सांठगांठ कर एक दलाल ने सांसद के नाम से फर्जी अनुशंसा पत्र भेज कर टिकटों को कंफर्म कराने का कार्य शुरू किया. सांसद के नाम से भेजे गये पत्र के आधार पर टिकट आसानी से कंफर्म हो जाता था. कुछ ही दिनों में दुकान वाला व दलाल खूब पैसे बनाने लगे. यह देख एक दूसरा दलाल भी सक्रिय हुआ. अब तक फोटो स्टेट वाले को भी कुछ ज्यादा पाने की चाहत होने लगी. ऐसे में दूसरे दलाल ने पहले को दरकिनार कर दुकान वाले से अपनी सांठगांठ पक्की कर ली. जब पहले वाले दलाल ने यह देखा तो उसने इस खेल को बर्बाद करने की कोशिश शुरू की.

ऐसे में दो दिन पहले गरीब रथ एक्सप्रेस में यात्रियों के टिकट जांच के दौरान टीटीई को यात्री पप्पू शर्मा का टिकट फर्जी लगा. जबकि टिकट उसी खेल के अनुसार हेडक्वार्टर से कंफर्म होना बताया जा रहा था. संदेह होने पर टीटीई व एस्कार्ट पार्टी ने तहकीकात शुरू की तो यात्री ने बताया कि उसने चांदनी चौक स्थित जायसवाल ट्रैवल्स के संचालक रवि कुमार से टिकट खरीदा है. उसने सारा वाकया अधिकारियों को लिखित में देकर जायसवाल ट्रेवल्स का एक विजिटिंग कार्ड भी दिया. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर आरपीएफ अधिकारियों व सदर थाना के अधिकारियों ने संयुक्त छापेमारी कर रवि को कई कागजात के साथ गिरफ्तार किया.

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