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बुजुर्गों को सताने पर जायेंगे जेल, दामाद-बहू पर भी होगी जिम्मेदारी

सिर्फ सगे ही नहीं, सौतेले या गोद लिये गये बच्चे भी दायरे मेंरांची : बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल की जिम्मेदारी अब सिर्फ बेटा या बेटी पर ही नहीं होगी, बहू और दामाद को भी निभानी होगी. यही नहीं, सास-ससुर को सताने पर उन्हें जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है. दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने […]

सिर्फ सगे ही नहीं, सौतेले या गोद लिये गये बच्चे भी दायरे में
रांची :
बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल की जिम्मेदारी अब सिर्फ बेटा या बेटी पर ही नहीं होगी, बहू और दामाद को भी निभानी होगी. यही नहीं, सास-ससुर को सताने पर उन्हें जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है. दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरणपोषण और कल्याण (संशोधन) अधिनियम, 2019 को अपनी मंजूरी दे दी है.

यह बिल जल्द ही संसद में पेश किया जायेगा. इस बिल में ऐसे कई प्रावधान हैं, जिनसे बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. इस मसौदा विधेयक के एक प्रावधान के मुताबिक अगर दामाद या बहू बुजुर्ग सास-ससुर की देखभाल करने में नाकाम रहते हैं या फिर मासिक गुजारा भत्ता नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ केस चलाया जा सकता है. इसके अलावा पांच हजार रुपये का न्यूनतम जुर्माना या तीन महीने जेल या फिर दोनों का प्रावधान है. विधेयक में संशोधन के मुताबिक सिर्फ सगे बच्चों पर ही नहीं, बल्कि सौतेले बच्चों व गोद लिये गये बच्चों पर भी देखभाल की बराबर जिम्मेदारी होगी. मसौदे में सास-ससुर को भी शामिल किया गया है. भले ही वह वरिष्ठ नागरिक हों या नहीं.

शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर
हर पुलिस थाने में या जिला स्तरीय विशेष पुलिस इकाई में बुजुर्गों की शिकायतों को सुनने के लिए नोडल अधिकारी होंगे. एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर भी होगा. विधेयक के तहत प्राथमिकता उन वरिष्ठ नागरिकों के आवेदनों को दी जायेगी, जिनकी आयु 80 वर्ष या अधिक है और यदि वे अपने बच्चों द्वारा उपेक्षा किये जाने की शिकायत दर्ज कराते हैं.

गुजारा खर्च की अधिकतम सीमा हटी
विधेयक में बुजुर्गों को मासिक गुजारा खर्च की 10,000 रुपये की अधिकतम सीमा भी हटा दी गयी है. अब अधिक आय वाले लोगों को अपने अपने माता-पिता के लिए गुजारा खर्च के तौर पर अधिक रकम देनी होगी.

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