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Friday, March 29, 2024

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TET की नयी नियमावली : मैट्रिक में अंग्रेजी पास होंगे, तभी बनेंगे प्राइमरी शिक्षक

सुनील कुमार झा रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक का शिक्षक बनने के लिए इंटर प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का मैट्रिक में अंग्रेजी में पास होना जरूरी है. वहीं, संबंधित क्षेत्रीय व अन्य भाषा में भी मैट्रिक/इंटर में पास होना अनिवार्य होगा. झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली (जेटेट) में इसका […]

सुनील कुमार झा
रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक का शिक्षक बनने के लिए इंटर प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का मैट्रिक में अंग्रेजी में पास होना जरूरी है. वहीं, संबंधित क्षेत्रीय व अन्य भाषा में भी मैट्रिक/इंटर में पास होना अनिवार्य होगा. झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली (जेटेट) में इसका प्रावधान किया गया है. नियमावली में उल्लेख है कि राज्य में क्लास एक से पांच तक अंग्रेजी की पढ़ाई अनिवार्य है.
नयी नियमावली के तहत कक्षा छह से आठ तक में शिक्षक नियुक्ति के लिए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के विषय का भी निर्धारण कर दिया गया है. वर्ष 2012 की नियमावली में विषय का प्रावधान नहीं होने के कारण ऐसे विषय से स्नातक सफल अभ्यर्थी, जिसकी पढ़ाई कक्षा छह से आठ में नहीं होती है कि नियुक्ति हो गयी थी.
कक्षा छह से आठ के लिए प्रत्येक मध्य विद्यालय में विज्ञान, कला व भाषा विषय के एक-एक स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है.
इसमें विज्ञान में गणित, भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान व वनस्पति शास्त्र से स्नातक विद्यार्थी व कला संकाय में इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, समाजशास्त्र, भूगोल व अर्थशास्त्र से स्नातक करनेवाले विद्यार्थी शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन जमा कर सकेंगे. इसके अलावा भाषा में हिंदी व अंग्रेजी के अलावा अतिरिक्त भाषा के रूप में चिह्नित भाषा से स्नातक करनेवाले आवेदन जमा कर सकेंगे.
अतिरिक्त भाषा में इन भाषाओं को किया गया है शामिल
शिक्षक पात्रता परीक्षा में पहली बार संस्कृत को शामिल किया गया है. अतिरिक्त विषय में संस्कृत के अलावा उर्दू, फारसी, उड़िया, बंगाली, संताली, मुंडारी, हो, खड़िया, कुड़ुख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी व पंच परगनिया को शामिल किया गया है.
क्यों किया गया प्रावधान
सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से पांच में पढ़ाने के लिए विषयवार शिक्षक की नियुक्ति नहीं होती है. कक्षा एक से पांच के शिक्षक को सभी विषय पढ़ाने होते हैं. ऐसे में मैट्रिक स्तर तक संबंधित सभी प्रमुख विषयों की जानकारी अनिवार्य करने के उद्देश्य से अंग्रेजी में पास होना अनिवार्य किया गया है.
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