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रांची : 71.03 लाख के डाक टिकट घोटाले में सीबीआइ छापा, दस्तावेज जब्त

रांची : सीबीआइ (एसीबी) रांची ने डाक टिकट घोटाले में असिस्टेंट पोस्ट मास्टर और पोस्टल ट्रेजरर के घर और कार्यालय में छापा मारा. सीबीआइ ने 71.03 लाख रुपये के डाक टिकट घोटाले में अजय कुमार श्रीवास्तव और राजेश कुमार को नामजद अभियुक्त बनाया है. इन कर्मचारियों पर गलत तरीके से डाक टिकट निकाल कर उसे […]

रांची : सीबीआइ (एसीबी) रांची ने डाक टिकट घोटाले में असिस्टेंट पोस्ट मास्टर और पोस्टल ट्रेजरर के घर और कार्यालय में छापा मारा. सीबीआइ ने 71.03 लाख रुपये के डाक टिकट घोटाले में अजय कुमार श्रीवास्तव और राजेश कुमार को नामजद अभियुक्त बनाया है. इन कर्मचारियों पर गलत तरीके से डाक टिकट निकाल कर उसे खुले बाजार में बेचने का आरोप है. राजेश कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का एक मामला पहले से दर्ज है.
सीबीआइ ने डाक टिकट घोटाले में अजय श्रीवास्तव, पोस्टल ट्रेजरर के पीएनटी कॉलोनी स्थित आवास और राजेश कुमार, असिस्टेंट पोस्ट मास्टर के लालपुर स्प्रिंग वैली स्थित फ्लैट नंबर-3 बी पर छापा मारा. इसके अलावा हेहल स्थित पोस्टल स्टोर और डोरंडा स्थित मुख्य डाक घर पर भी छापा मारा. छापेमारी के दौरान घोटाले से जुड़े दस्तावेज जब्त किये गये.
घोटाले में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि राजेश कुमार ने डोरंडा मुख्य डाक घर में असिस्टेंट पोस्ट मास्टर के रूप में काम करने के दौरान पोस्टल ट्रेजरर के साथ साजिश रच कर इस घोटाले को अंजाम दिया. राजेश ने ‘अभी बुक करें बाद में भुगतान करें (बीएनपीएल)’ योजना के तहत लोगों द्वारा जमा किये गये चेक के बदले अजय श्रीवास्तव से पोस्टल स्टांप हासिल किया और उसे खुले बाजार में बेच दिया.
ऐसे की गयी जालसाजी : प्राथमिकी में कहा गया है कि डाक विभाग द्वारा बीएनपीएल योजना वैसे ग्राहकों के लिए दी जाती है जो रोज ज्यादा से ज्यादा डाक सेवा का इस्तेमाल करते हैं.
इस तरह के ग्राहकों में सरकार और बड़ी कंपनियां शामिल हैं. डाक विभाग द्वारा ऐसे ग्राहकों को रेट चार्ट के साथ ‘बार कोड’ दिया जाता है. संबंधित ग्राहक अपनी सामग्रियों को भेजने के लिए पैकेट पर स्टांप के बदले डाक विभाग द्वारा दिये गये बार कोड का इस्तेमाल करता है.
हर रोज शाम को डाक विभाग का एक कर्मचारी ऐसे ग्राहक के दफ्तर पहुंच कर डाक सामग्री जमा करता है.
इसकी एक सूची तैयार कर उपभोक्ता से हर महीने चेक के माध्यम से भुगतान लिया जाता है. राजेश कुमार और अजय कुमार इस योजना की मार्केटिंग और मॉनिटरिंग का काम करते थे. प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया कि अजय कुमार और राजेश कुमार सुनियोजित साजिश रच कर बीएनपीएल योजना के मद में मिले चेक के बदल गलत तरीके से डाक टिकट निकालते थे और उसे बाजार में बेच दिया करते थे. वर्ष 2011 से 2018 के दौरान इन दोनों ने जालसाजी कर 71.03 लाख रुपये का टिकट निकाला और बेच कर डाक विभाग को नुकसान पहुंचाया.
जिसके ठिकानों पर छापा पड़ा
-अजय कुमार श्रीवास्तव,पोस्टल ट्रेजरर के पीएनटी कॉलोनी स्थित आवास
-राजेश कुमार, असिस्टेंट पोस्ट मास्टर के लालपुर स्प्रिंग वैली स्थित फ्लैट नंबर-3 बी
– डोरंडा मुख्य डाक घर
– हेहल स्थित पोस्टल स्टोर

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