रांची : जेलों में बंद कैदियों को समय से पहले छोड़े जाने को लेकर गृह विभाग कारा निरीक्षणालय ने 18 कैदियों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय से मांगी है. जेल आइजी ने बताया है कि उम्रकैद की सजा मिले बंदियों को समय से पहले मुक्त करने के लिए एसपी द्वारा अनिवार्य जांच रिपोर्ट नहीं भेजने के कारण कारा मुक्ति का प्रस्ताव राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद को नहीं भेजा जा रहा है. इसलिए बंदियों के बारे में अविलंब जांच रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये.
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समय से पहले जेल से छूटनेवाले कैदियों के बारे में मांगी रिपोर्ट
रांची : जेलों में बंद कैदियों को समय से पहले छोड़े जाने को लेकर गृह विभाग कारा निरीक्षणालय ने 18 कैदियों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय से मांगी है. जेल आइजी ने बताया है कि उम्रकैद की सजा मिले बंदियों को समय से पहले मुक्त करने के लिए एसपी द्वारा अनिवार्य जांच रिपोर्ट नहीं भेजने के […]
जिन कैदियों के बारे में रिपोर्ट मांगी गयी है उसमें गुमला के पात्रिक बाड़ा, तिजा तुरी, रांची के जगमोहन महतो, फागू महतो, चंद्रमोहन महतो, मदन मोहन सिंह गंझू, साेमरा उरांव, लालू मुंडा, सरायकेला के लुसा पहाड़िया, चाईबासा के डाकुआ तिरिया, बिरसा दोराइबुरू, जमशेदपुर के हरिशंकर देहरी, ललित चंद्र विश्वास, लातेहार के चामू उरांव, गढ़वा के चिरगू भुईया, लखीसराय के पप्पू सिंह, साहेबगंज के शमशेर अली और पवन पासवान शामिल हैं.
रिहाई को लेकर अनशन पर हैं
मालूम हो कि हजारीबाग जेल के कुछ कैदी सजा पूरी होने के बावजूद रिहा नहीं होने के कारण जेल में अनशन पर बैठ गये हैं. क्योंकि समय पर सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक नहीं हो पाती है, जिसके कारण सजा पूरी करने पर भी रिहा नहीं हो पाते हैं.
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