रांची : गिरिडीह की रहनेवाली सरिता मरांडी को यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने नयी जिंदगी दी है. महिला की किडनी की नली व रक्त की धमनी आपस में उलझ गयी थी. इससे किडनी में सूजन आ गया था. इस कारण महिला के पेट में असहाय दर्द हो रहा था. इसके बाद उसे रिम्स लाया गया. जांच के बाद महिला का ऑपरेशन करने का फैसला लिया गया.
किडनी की नली व रक्त की धमनी उलझ गयी थी, रिम्स के डॉक्टरों ने बचायी जान
रांची : गिरिडीह की रहनेवाली सरिता मरांडी को यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने नयी जिंदगी दी है. महिला की किडनी की नली व रक्त की धमनी आपस में उलझ गयी थी. इससे किडनी में सूजन आ गया था. इस कारण महिला के पेट में असहाय दर्द हो रहा था. इसके बाद उसे रिम्स लाया गया. […]
यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ अरशद जमाल ने बताया कि यह एक अत्यंत दुर्लभ बीमारी है, जिसे मेडिकल भाषा मेें रेट्रोकावेल यूरेटर कहा जाता है. अगर समय पर ऑपरेशन नहीं होता, तो किडनी फेल हो जाती. ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक विधि से किया गया, जिसमें छह घंटे का समय लगा. ऑपरेशन करनेवाली टीम में डॉ अरशद जमाल के अलावा डॉ राणा प्रताप सिंह, डॉ उत्सव साहा, डॉ प्रीतम कर, डॉ इ हक, डॉ अनिंदिता, डॉ चंदन व डॉ अतिप्रिया शामिल थे.
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