रांची : कोई अफसर मिल गया होता, तो कर देता हत्या
बोला साथी सिपाही. छुट्टी नहीं मिलने से गुस्से में था रांची : छुट्टी नहीं मिलने से गुस्से में नशे में गोली चलाने वाले सिपाही सुधीर खाखा से इनसास राइफल वापस ले लिया गया है़ वहीं, गुरुवार की रात ही उसका मेडिकल कराया गया था़ इस मामले में एसएसपी का कहना है कि सुधीर खाखा ने […]
बोला साथी सिपाही. छुट्टी नहीं मिलने से गुस्से में था
रांची : छुट्टी नहीं मिलने से गुस्से में नशे में गोली चलाने वाले सिपाही सुधीर खाखा से इनसास राइफल वापस ले लिया गया है़ वहीं, गुरुवार की रात ही उसका मेडिकल कराया गया था़ इस मामले में एसएसपी का कहना है कि सुधीर खाखा ने इनसास राइफल से फायरिंग की थी़ इससे सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ है़ इसे देखते हुए सिपाही को निलंबित कर दिया गया है़ दूसरी ओर सुधीर से यह पूछे जाने पर कि गोली कैसे चली, उसने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया़
इधर, एक प्रत्यक्षदर्शी सिपाही के अनुसार सुधीर खाखा नशे में था़ इसके साथ ही इतने गुस्से में था कि वह अपने पदाधिकारी को तलाश कर रहा था.
यदि पुलिस लाइन में कोई पदाधिकारी मिल जाता तो वह उनकी हत्या तक कर सकता था़ वह अपने बैरक से दौड़ते हुए सार्जेंट मेजर के कक्ष तक पहुंच गया था़ बाद में उसके सहयोगी सिपाहियों ने समझाया तो उनसे ही उलझ गया था़ फिर गोली चलाने के बाद वह फरार हो गया. काफी तलाश के बाद उसे पकड़ा गया़
पहले भी दे चुका है इस तरह की घटना को अंजाम : मिली जानकारी के अनुसार सुधीर जब लोहरदगा जिला बल में तैनात था उस समय भी उसने गार्ड प्रभारी से गाली-गलौज की थी अौर इनसास से एक राउंड फायरिंग की थी़
उस समय भी उसे निलंबित किया गया था़ वहीं, इस साल कई बार अवकाश पर जाने के बाद पांच बार ओवर स्टे कर चुका है़ वह जुलाई में ही अवकाश से लौटा है़
छुट्टी के लिए पांच-पांच घंटे खड़े रहते हैं पुलिसकर्मी : इधर, न्यू पुलिस लाइन के पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्हें छुट्टी लेने में सबसे अधिक परेशानी हाेती है़ नाइट ड्यूटी करके आने के बाद पांच-पांच घंटे सार्जेंट मेजर के कक्ष के पास उनसे मिलने के लिए खड़ा रहना पड़ता है़ इसके बाद भी छुट्टी मिल जायेगी इसकी गारंटी नहीं है़ सिपाहियों ने आरोप लगाया कि पुलिस लाइन में कई मुंशी हैं, जिन्हें चढ़ावा दिया जाता है तो छुट्टी अासानी से मिल जाती है़ इसके अलावा किसी पुलिसकर्मी की किसी साहब तक पहुंच है तो उसे भी आसानी से छुट्टी मिल जाती है़ हमें हमेशा वीवीआइपी के आने का हवाला देकर छुट्टी नहीं दी जाती़ जबकि वीवीआइपी के आने के बाद भी कई सिपाही बैठे रहते है़ं 10 हजार सिपाहियों में से 10 सिपाही को छुट्टी दे दी जायेगी, तो भी अासानी से काम हो जायेगा़ फिर भी छुट्टी नहीं दी जाती है़
कभी भी भड़क सकता है आक्रोश : एक सिपाही ने बताया कि हमें साल में 36 दिनों की छुट्टी मिलती है़ आठ महीने में उसे अब तक मात्र सात दिन की छुट्टी मिली है. चार महीना बचा हुआ है 29 दिनों की छुट्टी बर्बाद हो जायेगी. इसी प्रकार अधिकतर सिपाहियों की छुट्टी बर्बाद हो जाती है़ छुट्टी नहीं मिलने से अधिकतर सिपाहियों में नाराजगी है़ पुलिसकर्मियों का कहना है इस ओर वरीय पुलिस अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो कभी भी आक्रोश भड़क सकता है़ इधर, सार्जेंट मेजर से इस संबंध में बात करने के लिए कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी़
सिपाहियों ने कहा
पैसा व पहुंच वालों को मिल जाती है छुट्टी
छुट्टी के लिए पांच-पांच घंटे सार्जेंट मेजर के कक्ष के पास खड़ा रहना पड़ता है
गुरुवार रात सुधीर खाखा ने इनसास राइफल से फायरिंग की थी. इससे जानमाल का नुकसान हो सकता था़ सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ है़ इसे देखते हुए उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है़
अनीश गुप्ता, एसएसपी