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रांची : प्रत्येक पंचायत में होंगी मिट्टी की डॉक्टर : सीएम रघुवर दास

रांची : राज्य में खेतों की सूरत अब बदलेगी. हरेक किसान के खेतों की मिट्टी की जांच होगी. मिट्टी की स्थिति सुधारने के लिए सलाह भी दी जायेगी. इससे उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी. किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को मिट्टी की डॉक्टर योजना को लांच किया. इसके लिए […]

रांची : राज्य में खेतों की सूरत अब बदलेगी. हरेक किसान के खेतों की मिट्टी की जांच होगी. मिट्टी की स्थिति सुधारने के लिए सलाह भी दी जायेगी. इससे उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी. किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को मिट्टी की डॉक्टर योजना को लांच किया. इसके लिए हरेक पंचायत में मिट्टी की डॉक्टर तैयार की जायेंगी. मिट्टी की डॉक्टर सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं होंगी. उनको आठ दिनों का प्रशिक्षण दिया जायेगा. होटवार स्थित टाना भगत स्टेडियम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेक प्रखंड में रेडी टू इट प्लांट की स्थापना की जायेगी. इसका संचालन सखी मंडल की दीदी करेंगी.मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड कृषि के विकास दर में आसपास के पड़ोसी राज्यों से आगे है.
यहां कृषि विकास दर 14 फीसदी के आसपास है, जबकि बिहार का छह, ओड़िशा का 10, पश्चिम बंगाल का 5.5 और आंध्रप्रदेश का 11.39 फीसदी है. चार साल पहले कृषि विकास दर निगेटिव था. चार सालों में कृषि विभाग ने यह उपलब्धि प्राप्त की है. सरकार ने तय किया है कि अगले एक माह में किसानों का एक और दल इस्राइल जायेगा.
पहली बार देश में हो रहा प्रयास : सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि पहली बार देश में पंचायत स्तर पर मिट्टी जांच कराने की व्यवस्था की जा रही है. अभी करीब 17 लाख किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड दिया गया है. 25 लाख किसानों को देने का लक्ष्य है. केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए प्रोत्साहित कर रही है. राज्य में दो लाख से अधिक सखी मंडल कार्य कर रही है. इससे करीब 26 लाख महिलाएं जुड़ी हुई है. सरकार सबको रोजगार से जोड़ना चाह रही है.
14 हजार रुपये प्रतिमाह कमा सकती हैं
140 रुपये प्रति स्वायल हेल्थ कार्ड पर : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि सखी मंडल की सदस्यों को मिट्टी जांच के बारे में सिखाया जा रहा है.
छह दिनों का क्लास रूम में तथा दो दिनों की फील्ड ट्रेनिंग दी जा रही है. सीखने के बाद जांच का किट दिया जा रहा है. 140 रुपये प्रति स्वायल हेल्थ कार्ड के लिए प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. अगर एक महिला हर दिन तीन सैंपल की भी जांच करेगी, तो महीना में 14 हजार रुपये तक कमा सकती है. जांच करने के बाद ऑन स्पॉट रिपोर्ट भी मिलेगा.
इसके साथ मिट्टी के गुण के अनुरूप सलाह भी मिलेगा. नवंबर तक सरकार ने तीन हजार महिलाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य तय किया है. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत कृषि निदेशक छवि रंजन ने किया. मौके पर कांके के विधायक डॉ जीतू चरण राम, जेएसएलपीएस के सीइओ राजीव कुमार, रांची के डीसी राय महिमापत रे समेत अन्य मौजूद थे.
ट्रैक्टर चला रही थी महिलाएं
इस मौके पर मुख्यमंत्री की मुलाकात उन कृषक महिलाओं से भी हुई, जो मिनी ट्रैक्टर पर सवार एक कुशल चालक की भांति ट्रैक्टर चला रहीं थीं. उनके इस कौशल को देख मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्व होता है कि राज्य की महिलाएं सबल व आत्मनिर्भर हो रहीं हैं. लगता है आपकी समृद्धि और आर्थिक स्वावलंबन के सरकार के लक्ष्य को भरपूर गति आपकी ऐसी पहल से अवश्य मिलेगी. महिलाएं जेएएमएटीटीसी के स्टॉल पर ट्रैक्टर चला रही थीं.
रांची से शुरू हुई मिट्टी का डॉक्टर योजना
प्रधानमंत्री ने बतायी थी जरूरत
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनुष्य की स्वास्थ्य जांच की तरह मिट्टी के स्वास्थ्य की जांच की भी जरूरत बतायी थी. इसके लिए 2015 में मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड की योजना लायी गयी थी. झारखंड इस योजना में अच्छा काम कर रहा है.
इसे और गति देने के लिए मिट्टी की डॉक्टर तैयार की जा रही हैं. ये दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणा का काम करेंगी. जैसा रानी मिस्त्री और जल सहिया ने किया है. सरकार चाहती है कि गांव के लोग ही गांव को समृद्ध करें. सरकार इसमें सहयोग करेगी. इसमें बहनों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. उनको आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध करना होगा.

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