27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

रांची : पार्क बनने से खत्म हो गया डिस्टिलरी तालाब

जल संरक्षण के दावे के बीच तालाब की जगह पार्क बन गयी नगर निगम की प्राथमिकता रांची : कोकर-लालपुर मार्ग पर स्थित डिस्टिलरी तालाब रांची नगर निगम की अदूरदर्शिता और लापरवाही की भेंट चढ़ गया. हालात बदतर हैं. एक ओर जल संरक्षण की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर एक तालाब को खत्म होने […]

जल संरक्षण के दावे के बीच तालाब की जगह पार्क बन गयी नगर निगम की प्राथमिकता
रांची : कोकर-लालपुर मार्ग पर स्थित डिस्टिलरी तालाब रांची नगर निगम की अदूरदर्शिता और लापरवाही की भेंट चढ़ गया. हालात बदतर हैं. एक ओर जल संरक्षण की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर एक तालाब को खत्म होने के लिए छोड़ दिया गया. सरकार और निगम के दावे-प्रतिदावे के बीच तालाब बचाने की जगह पार्क निर्माण प्राथमिकता बन गयी.
वर्ष 2015 तक डिस्टिलरी तालाब का स्वरूप बरकरार था. इससे पानी झरने की शक्ल में गिरता था. लेकिन वर्ष 2016 में निगम ने यहां पार्क बनाने की योजना बनायी. फिर क्या था, डिस्टिलरी तालाब के चेकडैमनुमा गेट व दीवार को तोड़कर इस तालाब को पूरी तरह सूखा दिया गया. तालाब पर निगम ने पार्क का निर्माण कर दिया. तालाब पर निर्माण होने से पार्क हल्की सी बारिश होने पर ही कीचड़मय हो जाता है.
तालाब खत्म, जल संकट शुरू : शहर के तालाबों के सौंदर्यीकरण और संरक्षण के नाम पर नगर निगम ने पिछले दो सालों में 10 तालाबों के सौंदर्यीकरण पर 18 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की है. अगर निगम चाहता तो डिस्टिलरी तालाब का भी सौंदर्यीकरण कार्य करा सकता था.
लेकिन इसके विपरीत निगम ने पूरे डिस्टिलरी तालाब में मिट्टी भरवा दी. इसके बाद इसे पार्क में तब्दील कर दिया गया. तालाब के खत्म होने और पार्क के बनने का निगेटिव असर एक साल बाद ही आसपास के लोगों को देखने के लिए मिला. गर्मी की शुरुआत में ही चूना भट्ठा, वर्द्धवान कंपाउंड, पीस रोड और कोकर आदि क्षेत्रों में जलसंकट दिखने लगा और लोग बूंद-बूंद पानी को तरसने लगे.
भूगर्भशास्त्री डॉ नीतीश प्रियदर्शी कहते हैं कि 100 साल पहले बने इस तालाब से आसपास का वाटर लेवल रिचार्ज होता था. लेकिन तालाब के सूखने का यह असर हुआ कि इससे आसपास के इलाके में भूगर्भ जल का रिचार्ज होना बंद हो गया. आज के दौर में गर्मी की शुरुआत में ही डिस्टिलरी के आसपास के लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है.
धरना व विरोध प्रदर्शन के बाद भी बना दिया पार्क
नगर निगम की इस योजना का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. लेकिन निगम यहां पार्क बनाने को लेकर पूरी तरह अड़ा हुआ था. एक ओर लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. दूसरी ओर निगम द्वारा जेसीबी व डंपर लगाकर इस तालाब को भरा जा रहा था. एक साल में इस तालाब को भरकर मैदान का रूप दे दिया गया. फिर 29 जनवरी 2018 को नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने इस नवनिर्मित पार्क का उदघाटन भी किया. पार्क के निर्माण में यहां दो करोड़ से अधिक की लागत आयी.
पार्क बना, तो खुल गया रेस्टोरेंट
नगर निगम द्वारा पार्क बनाकर इसे ठेकेदार के हवाले कर दिया गया. फिर ठेकेदार ने पैसा कमाने के लिए इस पार्क में ही रेस्टोरेंट का भी निर्माण कर दिया. आम शहरों में जहां लोगों की सुविधाओं के लिए पार्क बनाये जाते हैं, वहीं यहां इंट्री फी 10 रुपये कर दी गयी. इस प्रकार से एक तालाब पूरी तरह से खत्म हो गया.
रांची की बर्बादी के गुनहगार कौन -3
रांची की बर्बादी के गुनहगार कौन? कॉलम के तहत प्रभात खबर ने अपने सुधि पाठकों से विचार आमंत्रित किये थे. इसके तहत झारखंड सिविल सोसाइटी के सदस्य विकास सिंह ने अपने विचार हमें भेजे हैं. यदि आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी हो, तो सप्रमाण उसे हमें इस मेल आइडी ranchi@prabhatkhabar.in पर भेजें. हम उसे छापेंगे.
वर्ष 2000 में राज्य का गठन हुआ. पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी बने. श्री मरांडी ने इस दौरान कहा था कि नयी राजधानी सुकुरहुटू में बनायी जायेगी, लेकिन यह नहीं बनी.
यहीं से शहर की बर्बादी शुरू हुई. इसके बाद जितने भी नेता, मंत्रीव अफसरों ने यहां शासन किया, उनमें से किसी के मन में यह नहीं था कि इस शहर को बेहतर कैसे बनाया जाये. हमने यह मांग कई बार रखी कि शहर के ऐसे प्रमुख कार्यालय, जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में बाहर से लोग आते हैं, उसे बीच शहर से बाहर रिंग रोड के किनारे ले जाया जाये, ताकि लोग शहर के अंदर आयें ही नहीं. पर इसका कोई असर नहीं हुआ.
अब भी शहर के अंदर धड़ल्ले से बड़े-बड़े सरकारी भवन बन रहे हैं. झारखंड गठन के बाद जितने भी अफसर यहां महत्वपूर्ण पदों पर रहे, सबने मिल कर इस शहर को नर्क बनाया. रही सही कसर बिल्डरों ने पूरा कर दिया. निगम की मिलीभगत से इन्होंने ऐसी-ऐसी जगहों पर बहुमंजिली इमारतें खड़ी कर दीं, जहां घर बनाने का परमिशन आम लोगों को नहीं मिल सकता.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें