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Friday, March 29, 2024

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रांची में सीवरेज-ड्रेनेज का काम 50% भी पूरा नहीं

10 साल लग गये डीपीआर बनाने में, 2015 में शुरू हुआ काम, अब तक फेज-1 भी पूरा नहीं 205 किमी सीवरेज पाइपलाइन व 207 किमी ड्रेनेज का निर्माण करना है पहले चरण में 10 लाख एमएलडी क्षमतावाला सीवरेज पंपिंग स्टेशन बनना है कटहल गोंदा में राजधानी रांची में वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के लिए सीवरेज-ड्रेनेज पाइपलाइन […]

10 साल लग गये डीपीआर बनाने में, 2015 में शुरू हुआ काम, अब तक फेज-1 भी पूरा नहीं
205 किमी सीवरेज पाइपलाइन व 207 किमी ड्रेनेज का निर्माण करना है पहले चरण में
10 लाख एमएलडी क्षमतावाला सीवरेज पंपिंग स्टेशन बनना है कटहल गोंदा में
राजधानी रांची में वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के लिए सीवरेज-ड्रेनेज पाइपलाइन बिछाने की योजना पर काम चल रहा है. लेकिन, इसकी रफ्तार काफी धीमी है. यह योजना चार फेज में पूरी होनी है. फिलहाल, फेज-1 का काम चल रहा है, जिस पर 359.25 करोड़ रुपये खर्च होने हैं.
तय समय सीमा के मुताबिक इस फेज का काम दो साल में ही पूरा हो जाना चाहिए था. हालांकि, साढ़े तीन साल बीतने के बाद भी इस हिस्से में सीवरेज-ड्रेनेज पाइपलाइन बिछाने का काम 50 फीसदी भी नहीं हो पाया है. वहीं, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कार्य भी देरी से शुरू हुआ, जो लगभग 40 प्रतिशत तक ही हो सका है. प्रस्तुत है राणा प्रताप की विशेष रिपोर्ट…
राजधानी में वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के तहत सीवरेज-ड्रेनेज की पाइपलाइन बिछाने और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने की योजना का डीपीआर वर्ष 2006 में बनाया गया था. रांची नगर निगम ने इस प्रोजेक्ट के फेज-1 का काम मेसर्स ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को एक अक्तूबर 2015 को सौंपा था. इसी वर्ष शिलान्यास के बाद फेज-1 का काम शुरू हुआ, जिसके तहत नौ वार्डों में कुल 205 किमी सीवरेज पाइपलाइन बिछायी जानी है. अब तक इस हिस्से में 113 किमी ही सीवरेज पाइपलाइन बिछायी जा सकी है.
चिराैंदी में पाइपलाइन बिछाने का कार्य पिछले कई माह से और एसटीपी का निर्माण पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से बंद है. कार्यस्थल पर संवेदक कंपनी के कुछ कर्मी ड्यूटी दे रहे हैं, लेकिन कंपनी ने कर्मियों को भी लगभग सात माह से वेतन का भुगतान नहीं किया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि जिस रफ्तार से सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट का काम चल रहा है, उससे इसे पूरा होने में वर्षों लग जायेंगे.
प्रोजेक्ट को कई बार एक्सटेंशन भी दिया जा चुका है. बताया जाता है कि कई कारणों से फेज-1 का कार्य प्रभावित हुआ. स्थानीय समस्या, जमीन का समय पर नहीं मिलना, डीपीआर से होनेवाली तकनीकी समस्या से कार्य की गति पर असर पड़ा. डीपीआर में फेज-1 में 192 किमी सीवरेज पाइप दिखायी गयी, लेकिन ज्योति बिल्डटेक द्वारा सर्वे कराये जाने पर वह 280 किमी पहुंच गयी.
फेज-1 के तहत इन वार्डों में चल रहा है काम
रांची नगर निगम के वार्ड संख्या-एक, दो, तीन, चार, पांच, 32,33, 54 व 35 में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का कार्य चल रहा है. फेज-1 में बजरा, आइटीआइ, पिस्का मोड़, रातू रोड, कांके रोड, मोरहाबादी, हरिहर सिंह रोड, बरियातू, बूटी मोड़, बड़गाईं क्षेत्र आदि शामिल हैं. मोरहाबादी से आगे तीन स्थानों पर सीवरेज पाइपलाइन बिछाने में जमीन की समस्या सामने आयी थी. एसटीपी नहीं बनने के कारण ट्रंक लाइन का काम रुक गया है.
एसटीपी का निर्माण कार्य कई सप्ताह से बंद
बड़गाईं के किशुनपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनना था, लेकिन जमीन नहीं मिली. इसके बाद लेम में एसटीपी के लिए जमीन चिह्नित की गयी. 4.80 एकड़ भूमि पर काम शुरू किया गया. एसटीपी का निर्माण काफी धीमा है. यहां 37 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाया जा रहा है. कई सप्ताह से निर्माण कार्य बंद है.
लापरवाही से समय पर पूरा नहीं हुआ प्रोजेक्ट
ज्योति बिल्डटेक कंपनी ने एग्रीमेंट करने के बाद काफी समय बाद काम शुरू किया था. इसके पास प्रशिक्षित कर्मचारियों व वित्तीय स्थिति ठीक होने के कारण रुक-रुक कर काम कराया गया. सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट में हो रही देरी के लिए जितनी जिम्मेदार ज्योति बिल्डटेक कंपनी है, उससे कही अधिक जिम्मेवार रांची नगर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारी हैं. प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले जमीन की बाधा दूर नहीं की गयी. जमीन अधिग्रहण में विलंब किया गया. इसका असर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण पर पड़ा. बड़गाईं के लेम में एसटीपी व लेम बस्ती में ट्रंक लाइन बिछाने का काम भी बंद हो गया है.
10 वर्ष पहले बना है डीपीआर : सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट के डीपीआर के लिए 10 साल पहले सर्वे हुआ था. पूर्व में अोआरजी मार्ग से कार्य वापस लेकर मैनहर्ट कंपनी को डीपीआर बनाने का कार्य दिया गया था. कई वर्षों के बाद 2006-2008 में सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार हुआ. उस समय ट्रंक लाइन का जो क्षेत्र चिह्नित किया गया था, वह जुमार नदी का किनारा था.
हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं आयी काम में तेजी
झारखंड हाइकोर्ट में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण को लेकर अरविंदर सिंह देअोल ने जनहित याचिका दायर की है. पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और रांची नगर निगम की ओर से सीवरेज निर्माण का स्टेटस रिपोर्ट दायर की गयी थी. स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार कार्य की गति स्लो है. कार्यों में तेजी नहीं आ पा रही है. सरकार की अोर से प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए संवेदक कंपनी को कई बार चेतावनी दी जा चुकी है, लेकिन कार्य की रफ्तार बढ़ नहीं पा रही है.
सीवरेज-ड्रेनेज के निर्माण से राजधानी की बड़ी समस्या दूर हो जायेगी. संवेदक का काम संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है. पूर्व के अधिकारियों की वजह से यह स्थिति पैदा हुई है. पहले एसटीपी का निर्माण होना चाहिए था, ताकि नीचे से ऊपर काम होते आता, तो कार्य कब का पूरा हो गया होता. -आशा लकड़ा, मेयर, रांची नगर निगम
2015 से सीवरेज निर्माण शुरू किया गया. यह तीन स्टेप में बन रहा है. पहला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, जहां मैला जमा होगा व ट्रीटमेंट के बाद गंदा पानी छोड़ा जायेगा. दूसरा सीवरेज पंपिंग स्टेशन से मैला बहाया जायेगा. तीसरा पाइपलाइन द्वारा गंदा पानी बहाया जायेगा. – यूएन तिवारी, कार्यपालक अभियंता
खराब हो चुकी हैं एदलहातू की सड़कें
सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट के कारण एदलहातू की सड़कों की स्थिति खराब हो गयी है. एदलहातू नीचे टोला मोहल्ला के लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं. पिछले एक साल से सीवरेज-ड्रेनेज के लिए सड़कें खोद कर पाइपलाइन बिछायी जा रही है. कभी पाइप के लिए, तो कभी चैंबर बिठाने के लिए जगह-जगह गड्ढे खोद दी जा रही है. मोहल्ले के निवासी जगदीश प्रसाद, बहादुर दास, अशोक प्रसाद, अनिल धवन, मनोज यादव, अर्पण भगत, रवींद्र सिंह, रवि गोप, इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि सड़क कच्ची होने के कारण हर साल बरसात के दिनों में पानी जम जाता है.
रांची की बर्बादी के गुनाहगार कौन-1
पुख्ता योजना और उसके प्रभावों का आकलन किये बिना शहर में लगातार ऐसे काम किये गये जिससे सरकारी पैसों की बर्बादी तो हुई ही, शहर पर भी कुप्रभाव पड़ा. करोड़ों खर्च कर जल स्रोतों को बर्बाद कर दिया गया.
नालियां बनीं, फिर भी सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है. मोहल्ले आज भी बारिश में डूब रहे हैं. करोड़ों खर्च कर पहले तालाबों को घेरा गया और फिर उन्हें तोड़ा भी जा रहा है. इन सब पर अब सवाल उठ रहे हैं. यदि आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी हो, तो सप्रमाण उसे हमें इस मेल आइडी ranchi@prabhatkhabar.in पर भेजें. हम उसे छापेंगे.
संपादक
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