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रांची : नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शिक्षकों की सेवा अब नहीं होगी अनिवार्य

शिक्षक स्थानांतरण नियमावली को वित्त की मिली सहमति रांची : राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अब शिक्षकों के लिए पांच वर्ष सेवा देने की अनिवार्यता नहीं होगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा तैयार की गयी स्थानांतरण नियमावली में यह प्रावधान किया गया था कि वैसे शिक्षक जिनकी सेवा 20 वर्ष या उससे अधिक […]

शिक्षक स्थानांतरण नियमावली को वित्त की मिली सहमति
रांची : राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अब शिक्षकों के लिए पांच वर्ष सेवा देने की अनिवार्यता नहीं होगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा तैयार की गयी स्थानांतरण नियमावली में यह प्रावधान किया गया था कि वैसे शिक्षक जिनकी सेवा 20 वर्ष या उससे अधिक बची हुई है, उन्हें नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कम से पांच वर्ष की सेवा अनिवार्य रूप से देनी होगी. अब विभाग ने वर्ष 2017 में नियमावली को लेकर तैयार किये गये प्रस्ताव में बदलाव किया है.
इसमें से इस शर्त को हटा दिया गया है कि शिक्षकों को अपने सेवाकाल में पांच वर्ष नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विद्यालय में पढ़ाना ही होगा. इसके लिए शिक्षकों को अलग से ग्रेड पे में 7.5 फीसदी अतिरिक्त लाभ देने की बात कही गयी थी. अब शिक्षकों को नियमित स्थानांतरण के तहत सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में भेजा जायेगा.
शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर जिला को पांच अलग-अलग जोन में बांटा गया है. एक जोन में शिक्षक अधिकतम पांच वर्ष नौकरी कर सकेंगे. इसमें नगर-निगम/नगरपालिका क्षेत्र को जोन एक में रखा गया है. इसके अलावा प्रखंड मुख्यालय, पंचायत मुख्यालय को भी जोन बनाया गया है. जोन में विद्यालय से राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजपथ (स्टेट हाइेssवे) की दूरी को भी आधार बनाया गया है.
शिक्षक स्थानांतरण नियमावली को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल गयी है. नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है. अगस्त तक नियमावली को कैबिनेट से स्वीकृति मिल जाने की संभावना है. राज्य में प्राथमिक से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों के लिए अब एक स्थानांतरण नियमावली होगी.
15 जनवरी तक वेबसाइट पर अपलोड होगी रिक्ति
नियमावली लागू होने के बाद शिक्षकों के स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक 15 जनवरी तक अपने जिला के प्राथमिक से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालय की रिक्ति स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर देंगे.
विद्यालयों में रिक्तियों को देखते हुए शिक्षक स्थानांतरण के लिए अपना आवेदन जमा करेंगे. आवेदन की जांच के बाद 30 अप्रैल तक इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. स्थानांतरण वर्ष में एक बार ही होगा.
एक बार मिलेगा जिला बदलने का मौका
शिक्षकों को एक बार अपना जिला बदलने का मौका दिया जायेगा. इसके तहत उन्हें गृह जिला में पदस्थापन का मौका मिलेगा. शिक्षक का गृह जिला व गृह प्रखंड उस जिला व प्रखंड को माना जायेगा जो उनकी सेवा पुस्तिका में अंकित होगा. प्राथमिक व उच्च विद्यालय के शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जायेगा. वहीं, प्लस टू शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जायेगा.

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