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रांची : स्कूलों की बढ़ी फीस से अभिभावकों के छूटे पसीने, री-एडमिशन के नाम पर भी वसूली

अभिषेक/राजेश इंजीनियरिंग कॉलेज के एक सेमेस्टर जैसी होती है फीस, लगातार कर रहे मनमानी रांची : रांची के मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा स्तर में बेहतरी के नाम पर सालाना लाखों रुपये वसूल रहे हैं. झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को निजी स्कूलों को 10 फीसदी से ज्यादा स्कूल फीस बढ़ाने से पहले कोर्ट से अनुमति लेने […]

अभिषेक/राजेश
इंजीनियरिंग कॉलेज के एक सेमेस्टर जैसी होती है फीस, लगातार कर रहे मनमानी
रांची : रांची के मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा स्तर में बेहतरी के नाम पर सालाना लाखों रुपये वसूल रहे हैं. झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को निजी स्कूलों को 10 फीसदी से ज्यादा स्कूल फीस बढ़ाने से पहले कोर्ट से अनुमति लेने की बात कही है.
वहीं स्कूल वालों ने निर्देश से पहले ही फीस की वसूली कर ली है. स्कूलों ने बिना कोई कमेटी का गठन किये अपने-अपने स्कूल की फीस 10 फीसदी तक बढ़ा ली है. हालत यह है कि जिन स्कूलों ने पिछले साल अपनी फीस में छूट दी थी, उन्होंने इस साल रियायत का निचाेड़ निकाल लिया है. अभिभावकों का कहना है कि हाइकोर्ट का निर्देश तो मान्य है, पर इसमें काफी देर हो चुकी है. लगभग सभी अभिभावकों ने री-एडमिशन के नाम पर स्कूलों को मनमानी फीस दे दी है.
11वीं में एडमिशन की दौड़ शुरू : वहीं बोर्ड रिजल्ट के बाद से अभिभावकों के लिए 11वीं की एडमिशन फीस सर दर्द बन गयी है. 10वीं का रिजल्ट जारी होने के अगले ही दिन से स्कूलों ने अभिभावकों की दौड़ शुरू करा दी है.
एडमिशन की दौड़ में शहर के टॉप स्कूल किसी इंजीनियरिंग कॉलेज से कम नहीं हैं. 11वीं कक्षा की फीस इंजीनियरिंग कॉलेज के एक सेमेस्टर के बराबर कर दी गयी है. एप्टीट्यूड टेस्ट के बाद फीस की वजह से कई अभिभावकों ने टॉप स्कूल में एडमिशन से इंकार कर दिया.
सत्र के बीच में वसूलते हैं बकाया फीस
राजधानी के सभी स्कूलों ने चालू सत्र से फीस की बढ़ोतरी की है. इसमें कई स्कूलों ने अभी अभिभावकों को जानकारी नहीं दी है. कई स्कूल फीस वसूली का कई नया फंडा भी अपना रहे हैं. सत्र की शुरुआत में केवल एडमिशन फीस लेते हैं. वहीं सत्र के बीच में डेवलपमेंट फीस व अन्य चार्जेज लिया जाता है. इसके बाद ही बच्चों को अर्द्धवार्षिक परीक्षा में बैठने दिया जाता है.
अभिभावक से ले रहे स्कूल का खर्च
निजी स्कूलों ने मासिक शुल्क में आठ से 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है. वहीं स्कूल बसों के किराये में 100 से लेकर 150 रुपये तक की वृद्धि की गयी है. यह वृद्धि स्कूल से घर की दूरी के नाम पर की गयी है. स्कूलों ने फीस बढ़ाने के नाम पर कई अन्य व्यय भी अभिभावकों के सिर जोड़ दिये हैं. इसमें अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अलावा बिल्डिंग चार्ज, डेवलपमेंट चार्ज, एसाइनमेंट चार्ज, गेम्स चार्ज आिद शािमल हैं.
नहीं दे रहे फीस बुक
डिजिटल फीस पेमेंट की सुविधा स्कूलों को देने से मनमानी फीस की वसूली आसानी से की जा रही है. अभिभावकों को मासिक फीस का बिल भी नहीं दिया जा रहा, जबकि स्कूल प्रबंधन ने इसके लिए अभिभावकों का मेल आइडी भी मांगा था. अभिभावक फीस जमा करते वक्त बैंक से डायरेक्ट ट्रांजेशन कर दे रहे हैंं. कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों को फीस बुक भी देना बंद कर दिया है.
इन स्कूलों ने मानी फीस बढ़ोतरी की बात
स्कूल फीस बस फीस
जेवीएम श्यामली 8फीसदी 100 रु
डीपीएस 10फीसदी 100 रु
सुरेंद्रनाथ 9.8 फीसदी 100 रु
लोयला कॉन्वेंट 8 से 10 फीसदी 100 रु
बिशप वेस्टकॉट गर्ल्स, नामकुम 10 फीसदी —
शारदा ग्लोबल स्कूल 10फीसदी 100 रु
डीएवी हेहल 5 फीसदी 100 रु
संत फ्रांसिस 6 से 8 फीसदी —-
संत जेवियर्स स्कूल, डोरंडा 8फीसदी 100 रु
शहर के प्लस टू स्कूलों की एडमिशन फीस
स्कूल एडमिशन फीस
डीपीएस 67,000 रु – साइंस 64,000 रु कॉमर्स
जेवीएम श्यामली 30,000 रु (साइंस-आर्ट्स-कॉमर्स) करीब 30 हजार बाद में
केराली स्कूल 60,000 रु (साइंस-कॉमर्स)
डीएवी ग्रुप एक्सटर्नल स्टूडेंट (चार माह की फीस के साथ) इंटरनल स्टूडेंट (अप्रैल से सितंबर के फीस के साथ)
पीसीएम 41,000 रु 22,800 रु
पीसीबी 41,880 रु 23,820 रु
पीसीएम विद कंप्यूटर साइंस 42,600 रु 24,900 रु
कॉमर्स व आर्ट्स 40,200 रु 21,300 रु
सेंट जेवियर्स स्कूल डोरंडा 42,000 रु

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