रांची : पहले दिन ही ध्वस्त हो गयी ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था
रिम्स की वेबसाइट से जुड़ा पंजीयन सॉफ्टवेयर, लेकिन… रांची : रिम्स में पंजीयन की नयी व्यवस्था सोमवार से लागू की गयी, लेकिन पहले ही दिन यह व्यवस्था फेल हो गयी. क्योंकि लिंक फेल होने की वजह से पंजीयन का सॉफ्टवेयर रिम्स की वेबसाइट से कनेक्ट नहीं हो पा रहा था. सुबह नौ बजे से लेकर […]
रिम्स की वेबसाइट से जुड़ा पंजीयन सॉफ्टवेयर, लेकिन…
रांची : रिम्स में पंजीयन की नयी व्यवस्था सोमवार से लागू की गयी, लेकिन पहले ही दिन यह व्यवस्था फेल हो गयी. क्योंकि लिंक फेल होने की वजह से पंजीयन का सॉफ्टवेयर रिम्स की वेबसाइट से कनेक्ट नहीं हो पा रहा था.
सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक मरीज के परिजन और काउंटर पर बैठे कर्मचारी दोनों परेशान रहे. इस बीच कई बार दोनों ओर से नोक-झोंक भी हुई. वहीं, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और आयुष्मान भारत योजना का कार्य भी प्रभावित रहा. दोपहर बाद लिंक मिलने पर ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो गया.
सोमवार सुबह रिम्स के ओपीडी काउंटर पर पंजीयन कराने पहुंचे लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि जब कंप्यूटर से ही पर्ची बननी है, तो देर क्यों हो रही है.
पहले भी तो ऐसे ही पर्ची बनती थी. उन्हें नयी व्यवस्था के बारे में जानकारी नहीं थी. काउंटर पर बैठे कर्मचारी उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे थे कि पहले एजेंसी के साॅफ्टवेयर से काम होता था. जबकि नयी व्यवस्था के तहत पंजीयन का सॉफ्टवेयर रिम्स की वेबसाइट से जुड़ गया है. जितनी भी पर्ची बनेगी, उसका मिनट-टू-मिनट रिकॉर्ड रिम्स प्रबंधन को उपलब्ध रहेगा. पहले पूरे दिन पर्ची कटने के बाद इसका रिकॉर्ड रिम्स को दिया जाता था.
बाद में मरीजों की मैनुअल पर्ची बनायी गयी
लिंक नहीं मिलने और मरीजों की परेशानी को देखते हुए काउंटर पर बैठे कर्मचारियों ने मैनुअल पर्ची बनाना शुरू किया.
एक मरीज की ओपीडी पर्ची बनाने में पांच मिनट का समय लग रहा था. भीषण गर्मी में लंबी प्रक्रिया से गुजरने की वजह से कर्मचारी और मरीज व उनके परिजन परेशान थे. लंबी लाइन व दो घंटे से ज्यादा समय तक इंतजार करने के कारण कई लोग सदर अस्पताल व निजी क्लिनिक में चले गये. सूत्रों की मानें, तो करीब 150 से ज्यादा मरीज लौट गये.