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Friday, March 29, 2024

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रांची : हाइस्कूल शिक्षक चयन को लेकर मेरिट में समानता नहीं

राणा प्रताप राज्य के कई जिलों में अभ्यर्थी कम अंक लाने के बाद भी शिक्षक पद पर चयनित, हो रहा विरोध रांची : राज्य के हाइस्कूलों में 17,572 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए संयुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा-2016 की प्रक्रिया वर्तमान में भी जारी है. वर्ष 2019 के मई माह गुजर रहा है, लेकिन […]

राणा प्रताप
राज्य के कई जिलों में अभ्यर्थी कम अंक लाने के बाद भी शिक्षक पद पर चयनित, हो रहा विरोध
रांची : राज्य के हाइस्कूलों में 17,572 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए संयुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा-2016 की प्रक्रिया वर्तमान में भी जारी है. वर्ष 2019 के मई माह गुजर रहा है, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. 24 जिलों का आयोग रिजल्ट जारी कर चुका है, लेकिन सात जिलों में ही नियुक्ति हो पायी है. उक्त प्रतियोगिता परीक्षा नवंबर 2017 में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली गयी थी.
आयोग ने विज्ञापन संख्या 21/2016 प्रकाशित किया था, जिसमें अभ्यर्थियों को एक ही जिले में आवेदन देने को कहा गया था. विज्ञापन में कट अॉफ मार्क्स के विषय में कोई जानकारी नहीं दी गयी थी. आयोग ने राज्य स्तर पर परीक्षा ली थी. उसमें से दुमका, देवघर, पाकुड़, लातेहार, जामताड़ा, साहेबगंज, गोड्डा आदि जिलों का जिलावार, विषयवार, कैटेगरीवार कट अॉफ मार्क्स जारी किया गया है.
विज्ञापन एक, परीक्षा एक है, लेकिन सभी विषयों का जिलावार, विषयवार, कैटेगरीवार कट अॉफ मार्क्स (मेरिट) भी अलग-अलग है. मेरिट में कोई समानता नहीं है. कई जिलों में अभ्यर्थी कम अंक लाने के बाद भी शिक्षक पद पर चयनित हो गये हैं, जबकि उसी विषय में अधिक अंक लानेवालों का चयन नहीं हो पाया है. मेरिट में कोई समानता नहीं रहने के कारण दर्जनों अभ्यर्थियों ने मेरिट में धांधली को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में चुनाैती दी है.
सरकार की नियोजन नीति में 13 अनुसूचित जिला व 11 गैर अनुसूचित जिला है
राज्य सरकार ने नियोजन नीति लागू की है. उसमें 13 जिलों को अनुसूचित जिला घोषित किया गया है. इन 13 जिलों में संबंधित जिले के स्थानीय निवासी ही अपने जिले में चतुर्थ व तृतीय वर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन दे सकेंगे. शेष 11 जिलों को गैर अनुसूचित जिला माना गया है, जहां पूरे राज्य अथवा दूसरे राज्य के अभ्यर्थी भी आवेदन दे सकेंगे.
अलग-अलग मेरिट को लेकर अभ्यर्थी पहुंचे कोर्ट, याचिकाएं की गयीं दायर
हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा में सभी विषयों का जिलावार, विषयवार, कैटेगरीवार कट अॉफ मार्क्स (मेरिट) अलग-अलग है. मेरिट में कोई समानता नहीं है. इसे लेकर झारखंड हाइकोर्ट में दर्जनों अभ्यर्थियों ने अलग-अलग याचिका दायर की है. शैलेंद्र मेहता, कमल किशोर पांडेय, विक्की चाैधरी, केसरी नंदन, अनुज गुप्ता व अन्य की अोर से याचिका दायर कर प्रतियोगिता परीक्षा को रद्द करने की मांग की गयी है.
नियोजन नीति व नियुक्ति विज्ञापन को दी गयी है चुनाैती
पलामू निवासी सोनी कुमारी ने राज्य सरकार की नियोजन नीति व हाइस्कूल शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा के विज्ञापन को चुनाैती दी है. उनके अधिवक्ता ललित कुमार सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट व कट अॉफ मार्क्स संविधान की धारा 14 व 16 का उल्लंघन है.
सुप्रीम कोर्ट ने राजेश गुप्ता बनाम यूपी सरकार व अन्य (सिविल अपील 3048 से लेकर 3073/2005) में आदेश पारित किया था, जिसमें कहा गया है कि जिलावार मेरिट लिस्ट नहीं हो सकता है. वहीं राधेश्याम सिंह व अन्य बनाम केंद्र सरकार व अन्य (सिविल अपील 4190/1995) में समान अवसर व समान अंक की बात कही गयी है.
संयुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा के लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने जो नियमावली तैयार की थी, उसमें कहा गया है कि अभ्यर्थी एक ही जिले में आवेदन देंगे.
योगेंद्र दुबे, परीक्षा नियंत्रक, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग
विषय अंग्रेजी, जिला दुमका
कोटि चयनित का प्राप्तांक
अनारक्षित 188
एसटी 140
एससी 160
दृष्टि दोष दिव्यांग 154
विषय अंग्रेजी, जिला देवघर
कोटि चयनित का प्राप्तांक
अनारक्षित 202
एसटी 160
एससी 152
अोबीसी-वन 178
पिछड़ा वर्ग-टू 176
दृष्टि दोष दिव्यांग 184
विषय अंग्रेजी, जिला पाकुड़
कोटि चयनित का प्राप्तांक
अनारक्षित 176
एसटी 136
एससी नहीं मिला अभ्यर्थी
अोबीसी-वन 176
पिछड़ा वर्ग-टू 174
विषय अंग्रेजी, जिला गोड्डा
कोटि चयनित का प्राप्तांक
अनारक्षित 198
एसटी 136
एससी 140
अोबीसी-वन 192
पिछड़ा वर्ग-टू 182
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