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Friday, March 29, 2024

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रांची : 56 नंबर वाले फेल, 32 वाले छात्र कर दिये गये पास

दो साल बाद भी नये फॉर्मेट के अनुसार रिजल्ट तैयार करने के लिए नहीं बना सॉफ्टवेयर रांची : रांची विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर सीबीसीएस सिस्टम लागू होने के दो साल बाद भी अब तक नये फॉर्मेट के अनुरूप रिजल्ट तैयार करने के लिए सॉफ्टवेयर नहीं बन पाया है. इस कारण सत्र विलंब हो रहा […]

दो साल बाद भी नये फॉर्मेट के अनुसार रिजल्ट तैयार करने के लिए नहीं बना सॉफ्टवेयर
रांची : रांची विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर सीबीसीएस सिस्टम लागू होने के दो साल बाद भी अब तक नये फॉर्मेट के अनुरूप रिजल्ट तैयार करने के लिए सॉफ्टवेयर नहीं बन पाया है. इस कारण सत्र विलंब हो रहा है. विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक सेमेस्टर वन और टू का जो रिजल्ट जारी किया गया, उसमें काफी गड़बड़ी है. इसे लेकर बुधवार को राजधानी के विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थी कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय से मिले. उन्होंने उन्हें बताया कि रिजल्ट में काफी गड़बड़ी है.
फेल विद्यार्थी को पास और पास को फेल कर दिया गया है. डोरंडा कॉलेज के एक विद्यार्थी को भौतिकी में 56 अंक मिले, पर उसको फेल कर दिया गया है, जबकि 32 अंक वाले को पास बताया जा रहा है. रिजल्ट में ऐसी कई गड़बड़ी है. ऐसे में जब प्राप्तांक के अनुसार विद्यार्थी को पास होना चाहिए तो फिर उसे फेल कर दिया गया और अब फिर से स्नातक सेमेस्टर वन की परीक्षा फॉर्म जमा करने को कहा जा रहा है.
रिजल्ट में सुधार नहीं होने तक नहीं भरेंगे फॉर्म : विद्यार्थियों ने कहा कि जब तक उनके रिजल्ट में सुधार नहीं किया जाता है, तब तक वे किसी हाल में स्नातक सेमेस्टर वन की परीक्षा का फॉर्म जमा नहीं करेंगे. परीक्षा का फॉर्म जमा करने के लिए विद्यार्थियों से छह सौ रुपये लिये जा रहे हैं.
ऐसे में अगर रिजल्ट में सुधार के बाद फेल विद्यार्थी पास होते हैं, तो परीक्षा शुल्क विश्वविद्यालय वापस करे. कुलपति से मिलने वालों में रांची विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष कुणाल शर्मा, सचिव सौरभ बोस, उप सचिव अंकित रंजन, संयुक्त सचिव सौरभ तिवारी, विद्यार्थी परिषद के श्यामानंद पांडेय समेत काफी संख्या में विद्यार्थी शामिल थे.
डोरंडा कॉलेज के गणित ऑनर्स के 120 विद्यािर्थयों में 117 हो गये फेल
डोरंडा कॉलेज के विद्यार्थियों ने कुलपति को बताया कि गणित ऑनर्स के 120 विद्यार्थियों में से पास तीन पास हैं. कई विद्यार्थियों को भौतिकी में तीन से चार अंक दिये गये हैं. विद्यार्थियों का दावा था कि उत्तरपुस्तिका की जांच ठीक से नहीं हुई है.
इस पर कुलपति ने कहा कि सेमेस्टर वन की कॉपी की जांच दो बार हुई है. इसके बाद भी अगर किसी विद्यार्थी को मूल्यांकन को लेकर शक है, तो उनकी कॉपी फिर से देखी जा सकती है. उन्होंने कहा कि वे अपना आवेदन रोल नंबर के साथ जमा कर दें. विद्यार्थियों ने बताया कि हिंदी में कई विद्यार्थियों को अंक दिये ही नहीं गये.
क्यों रिजल्ट में हो रही गड़बड़ी
रांची विश्वविद्यालय में वर्ष 2017 में स्नातक स्तर पर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू किया गया. एक साल में दो सेमेस्टर की परीक्षा लेने का प्रावधान है. दोनों सेमेस्टर मिलाकर कंपोजिट रिजल्ट जारी किया जाता है. नये सिस्टम के माध्यम से रिजल्ट प्रकाशन के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का काम दो वर्ष पहले शुरू है, पर आज तक सॉफ्टवेयर ठीक से काम नहीं कर रहा है. जिस कारण रिजल्ट में गड़बड़ी हो रही है. इस कारण लगभग 40 हजार विद्यार्थियों का सत्र विलंब हो रहा है.
वीसी ने कहा- परेशानी से हैं अवगत
रिजल्ट को लेकर मिलने आये विद्यार्थियों से कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि वे उनकी परेशानी से अवगत हैं. रिजल्ट में सॉफ्टवेयर के कारण हो रही गड़बड़ी को दूर किया जा रहा है. कई कॉलेजों के रिजल्ट में सुधार कर दिया गया है. दो दिनों में रिजल्ट में सुधार कर दिया जायेगा. कुलपति ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि स्नातक सेमेस्टर वन का परीक्षा फॉर्म जमा करने की तिथि भी बढ़ा दी जायेगी. उन्होंने इस संबंध में प्रतिकुलपति को निर्देश भी दिये.
500 में 400 विद्यार्थियों को मिड सेमेस्टर में तीन से चार नंबर ही मिल पाये
योगदा सत्संग कॉलेज के राजनीति शास्त्र विभाग के हैं विद्यार्थी
कुलपति से मिले कॉलेज के विद्यार्थी, कहा -मिड सेमेस्टर के अंक में हुई है गड़बड़ी स्नातक के सेमेस्टर वन के बाद सेमेस्टर टू के रिजल्ट में भी गड़बड़ी है.
रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर योगदा सत्संग कॉलेज के राजनीति शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कुलपति से मिला. विद्यार्थियों ने कुलपति को बताया कि कॉलेज को सेमेस्टर वन की परीक्षा का जो क्रॉस लिस्ट भेजा गया है, उनमें मिड सेमेस्टर में अधिकतर विद्यार्थियों को तीन-चार नंबर दिये गये हैं. इस कारण सभी विद्यार्थी फेल हो गये है.
विद्यार्थियों का कहना था कि जिस विद्यार्थी को 75 में 60 अंक मिले हैं, उसे मिड सेमेस्टर में पांच अंक मिले. विद्यार्थियों ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने कॉलेज प्रशासन से बात की थी. कॉलेज का कहना है कि इस मामले में विश्वविद्यालय स्तर से ही कार्रवाई की जा सकती है. विद्यार्थियों ने इस बात की आशंका जतायी है कि अंक पोस्टिंग में गड़बड़ी के कारण सभी विद्यार्थियों को एक समान अंक दे दिये गये हैं.
स्नातक सेमेस्टर वन की परीक्षा मार्च 2018 में हुई थी. एक साल बाद विश्वविद्यालय रिजल्ट नहीं दे पा रहा है. विद्यार्थी पढ़ाई छोड़कर रिजल्ट के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. अब तक केवल आश्वासन मिला है.
दानिश अली, छात्र
विद्यार्थी रिजल्ट को लेकर परेशान हैं. पास विद्यार्थी को भी फेल कर दिया गया है. ऐसे में परीक्षा फॉर्म जमा करने को कहा जा रहा है. रिजल्ट ठीक से जारी नहीं होने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
शिवम कुमार
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