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रांची : गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विंग शुरू करने की तैयारी में रिम्स का मेडिसिन विभाग
रांची : रिम्स के मेडिसिन ओपीडी में पेट की समस्या (खासकर गैस्ट्रिक की समस्या) लेकर आनेवाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मेडिसिन विभाग के डॉक्टर इनका इलाज भी कर रहे हैं. लेकिन, मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों और अलग विभाग की जरूरत महसूस की जा रही है. रिम्स […]
रांची : रिम्स के मेडिसिन ओपीडी में पेट की समस्या (खासकर गैस्ट्रिक की समस्या) लेकर आनेवाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मेडिसिन विभाग के डॉक्टर इनका इलाज भी कर रहे हैं. लेकिन, मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों और अलग विभाग की जरूरत महसूस की जा रही है. रिम्स प्रबंधन भी यह मान रहा है कि अस्पताल में इंडोस्कोपी और कोलोनोस्कोपी की जांच व इसके इलाज के लिए अलग से गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग होना चाहिए. रिम्स प्रबंधन के निर्देश पर मेडिसिन विभाग इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
रिम्स के मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ जेके मित्रा ने बताया कि गैस्ट्रोइंट्राेलॉजी विभाग के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रबंधन को भेजा जायेगा. वहां से पद स्वीकृति के लिए विभाग व सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा. पद स्वीकृत होने के बाद विभाग को शुरू करने की अनुमति मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) से मांगी जायेगी. इसके अलावा रिम्स में इसके अलग विभाग के लिए भवन की जरूरत भी पड़ेगी.
इंडोक्राइनोलॉजी विंग को भी शुरू करने की तैयारी
रिम्स में इंडोक्राइनोलॉजी (हार्मोन से संबंधित बीमारी) विभाग को भी शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ जेके मित्रा को इसका भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. इस विभाग के शुरू हो जाने से डायबिटीज, थायराइड व हार्मोन से संबंधित सभी प्रकार की बीमारी का इलाज विशेषज्ञ डाॅक्टर करेंगे. रिम्स में इसका इलाज भी मेडिसिन विभाग के जिम्मे है.
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