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रांची़ : कई प्रतिष्ठानों में नहीं है फायर फाइटिंग सिस्टम
रांची़ : अपर बाजार की अधिकतर गली जैसे रंगरेज गली, पेपर मार्केट, रणधीर प्रसाद स्ट्रीट(सोनार पट्टी), महावीर चौक स्थित बुचड़ गली, कांग्रेस भवन के बगलवाली गली, श्रद्धानंद रोड से गांधी चौक निकलने वाली गली में कई बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं, इसके बावजूद इनके पास फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है. ऐसे में आग लगी तो बड़ा […]
रांची़ : अपर बाजार की अधिकतर गली जैसे रंगरेज गली, पेपर मार्केट, रणधीर प्रसाद स्ट्रीट(सोनार पट्टी), महावीर चौक स्थित बुचड़ गली, कांग्रेस भवन के बगलवाली गली, श्रद्धानंद रोड से गांधी चौक निकलने वाली गली में कई बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं, इसके बावजूद इनके पास फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है. ऐसे में आग लगी तो बड़ा हादसा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
दुकानदार भी इस बात को मानते हैं कि आग लगने पर फायर ब्रिगेड के आने तक स्थानीय स्तर पर मोटर के पानी से आग बुझाने के अलावा कोई उपाय नहीं है़ गौरतलब है कि इसी गुरुवार को सुरेश बाबू स्ट्रीट स्थित पुष्पांजलि गारमेंट्स में आग लग गयी थी़ उस दुकान में तीन फायर फाइटिंग सिस्टम थे, लेकिन अगल-बगल के अधिकांश दुकानों में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है.
आवासीय इलाके में भी हो सकता है बड़ा हादसा
हिंदपीढ़ी, डोरंडा, किशोरगंज, मधुकम, रातू रोड का इंद्रपुरी, पंडरा, कोकर का चूना भट्ठा, कोकर का आदर्श नगर, शांति नगर गढ़ा टोली, कांटाटोली व चुटिया के कुछ इलाके में इतनी संकीर्ण गली और सटे-सटे मकान हैं कि अाग लगने के बाद वहां तक फायर ब्रिगेड को पहुंचने में काफी परेशानी होगी़
राजधानी के अधिकतर दुकानदारों ने नहीं लिया है एनओसी
प्रभारी स्टेट फायर ऑफिसर सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि राजधानी में कितने दुकानदारों ने एनओसी लिया है, इसकी पूरी जानकारी नहीं है. क्योंकि अब सारा कुछ आॅनलाइन होता है़ डाटा देखने के बाद ही बताया जा सकता है़ हालांकि मेरी जानकारी के अनुसार अपर बाजार के मॉल या छोटे दुकानदारों ने एनओसी नहीं लिया है़ उन्होंने बताया कि संकीर्ण गली में आग बुझाने के लिए तीन छोटे फायर ब्रिगेड वाहन है़ं
अगर किसी गली में आग लगी तो तीनों फायर ब्रिगेड काे लगा दिया जायेगा. उसके स्पोर्ट के लिए खुले स्थान पर बड़ा वाला फायर ब्रिगेड को रखा जायेगा़ वर्तमान में राजधानी में तीन छोटे, 20 बड़े फायर ब्रिगेड वाहन व एक हाइड्रोलिक प्लेटफाॅर्म है, जो 45 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है़ समय पर सूचना मिलने पर किसी भी बड़े हादसे को टालने के लिए अग्निशमन विभाग सक्षम है़
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