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रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विंग में इमरजेंसी शुरू करने का आदेश

रिम्स निदेशक ने डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर तैयार कराया रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विंग की इमरजेंसी को शुरू करने का आदेश रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने दिया है. निदेशक ने डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर भी तैयार कराया है, जिसके हिसाब से डॉक्टरों को ड्यूटी देनी होगी. कार्डियोलॉजी विंग में चार विशेषज्ञ डाॅक्टर […]

रिम्स निदेशक ने डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर तैयार कराया
रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विंग की इमरजेंसी को शुरू करने का आदेश रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने दिया है. निदेशक ने डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर भी तैयार कराया है, जिसके हिसाब से डॉक्टरों को ड्यूटी देनी होगी.
कार्डियोलॉजी विंग में चार विशेषज्ञ डाॅक्टर डॉ हेमंत नारायण राय, डॉ प्रकाश कुमार, डॉ प्रवीण झा व डॉ प्रशांत कुमार हैं. इस हिसाब से चारों को चार दिन अकेले व दो दिन संयुक्त रूप से ड्यूटी करनी होगा. रोस्टर के हिसाब से जिस दिन डॉक्टर का ओपीडी होगा, उसके अगले दिन उनको इको का कार्य करना होगा.
विशेषज्ञ डॉक्टर जिस दिन एंजियोग्राफी या एंजियोप्लास्टी करेंगे, उसी दिन उनकी इमरजेंसी होगी. ओपीडी की ड्यूटी नौ से पांच बजे की होगी.
शेष दो दिन में एक दिन डॉ प्रकाश व डॉ प्रवीण ड्यूटी देंगे. वहीं एक दिन डॉ हेमंत व डॉ प्रशांत संयुक्त रूप से ड्यूटी देंगे. रिम्स निदेशक ने यह भी कहा है कि कार्डियोलॉजी में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन का कोर्स शुरू करना है, इसलिए इमरजेंसी को शुरू करना है.
24 घंटे चलेगी कार्डियेक इमरजेंसी : निदेशक ने स्पष्ट कहा है कि कार्डियेक इमरजेंसी 24 घंटे संचालित होगी. इसमें सीनियर रेजीडेंट व जूनियर रेजीडेंट की ड्यूटी लगायी जायेगी.
सीनियर डॉक्टर भी ड्यूटी करेंगे. तीन एसआर व तीन जेआर को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा चार इसीजी टेक्नीशियन को भी रोटेशन के हिसाब से ड्यूटी पर लगाया जायेगा. विभागाध्यक्ष को शीघ्र व्यवस्था कर इमरजेंसी को संचालित करने को कहा गया है. हालांकि कुछ उपकरण व नर्स की कमी है, जिसे रिम्स प्रबंधन ने जल्द ही मुहैया कराने को कहा है.
अचानक क्यों लिया गया फैसला : ज्ञात हो कि तीन दिन पहले जमशेदपुर जेल से एक कैदी को हार्ट अटैक के बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स लाया गया था.
कैदी को पहले कार्डियोलॉजी विंग ले जाया गया, लेकिन वहां से उसे सेंट्रल इमरजेंसी भेज दिया गया. वहां से मरीज को पुन: कार्डियाेलॉजी विंग भेजा गया. करीब एक घंटा चक्कर काटने के बाद कैदी मेडिसिन विभाग में भर्ती हुआ. वहां से कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर को कॉल किया गया, लेकिन कोई नहीं आया. रिम्स निदेशक को जब इसकी जानकारी हुई, तो कार्डियोलॉजिस्ट कैदी को देखने आये. कार्डियोलॉजी विंग की इस व्यवस्था से नाराज होकर निदेशक ने इमरजेंसी को तत्काल संचालित करने का आदेश दिया.
डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर
दिन नाम इको एंजियोग्राफी इमरजेंसी
सोमवार डॉ प्रकाश कुमार डॉ प्रकाश/डॉ प्रवीण डॉ हेमंत/डॉ प्रशांत डॉ हेमंत/डॉ प्रशांत
मंगलवार डॉ हेमंत डॉ हेमंत/डॉ प्रशांत डॉ प्रकाश/डॉ प्रवीण डॉ प्रकाश/डॉ प्रवीण
बुधवार डॉ प्रकाश व डॉ प्रवीण डॉ प्रशांत डॉ हेमंत डॉ हेमंत
गुरुवार डॉ हेमंत व डॉ प्रशांत डॉ प्रवीण डॉ प्रकाश डॉ प्रकाश
शुक्रवार डॉ प्रवीण डॉ प्रकाश डॉ प्रशांत डॉ प्रशांत
शनिवार डॉ प्रशांत कुमार डॉ हेमंत डॉ प्रवीण डॉ प्रवीण
कार्डियोलॉजी में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की डिग्री शुरू करनी है. इसके लिए इमरजेंसी को संचालित करना जरूरी है. हार्ट के गंभीर मरीजों को परेशानी हो रही थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है. कार्डियोलॉजी में सब सीनियर डॉक्टर है, इसलिए उम्मीद है कि वह जिम्मेदारी के साथ रोस्टर का पालन करेंगे.
डॉ डीके सिंह, निदेशक रिम्स

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