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रांची : हंगामेदार रही जिला बार एसोसिएशन की आमसभा
रांची : जिला बार एसोसिएशन की आमसभा शनिवार को हंगामे के साथ संपन्न हुई. एसोसिएशन के नये बार भवन परिसर में हुई सभा में एसोसिएशन के चुनाव सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन कुछ वकीलों के विरोध के बाद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका. एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही ने चुनाव […]
रांची : जिला बार एसोसिएशन की आमसभा शनिवार को हंगामे के साथ संपन्न हुई. एसोसिएशन के नये बार भवन परिसर में हुई सभा में एसोसिएशन के चुनाव सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन कुछ वकीलों के विरोध के बाद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका. एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही ने चुनाव संपन्न कराने के लिए अधिवक्ता केएमपी सिन्हा, अजय कुमार तिवारी अौर अवधेश कुमार मंडल के नाम को प्रस्तावित किया. कुछ अधिवक्ताअों ने इसका विरोध किया.
जिसके बाद इसमें अरविंद सिंह का नाम भी शामिल किया गया. इन नामों को स्टेट बार काउंसिल के समक्ष रखा जायेगा. काउंसिल द्वारा इनमें से तीन अधिवक्ताअों को चुनाव संपन्न कराने के लिए निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में चुना जायेगा.
आधे घंटे बाद होने लगा हंगामा : आम सभा दिन के 1:30 बजे से शुरू हुई. अध्यक्षता शंभु प्रसाद अग्रवाल ने की. महासचिव संजय विद्रोही ने वर्तमान कमेटी के कार्यों का लेखा-जोखा सामने रखा. करीब आधे घंटे तक आम सभा शांतिपूर्ण तरीके से चलती रही. जब उन्होंने वर्तमान अौर पूर्व कमेटी की ऑडिट रिपोर्ट को अधिवक्ताअों के समक्ष रखा तो कुछ वकीलों ने बैलेंस शीट नहीं होने की बात कह कर हंगामा किया.
बाद में संजय विद्रोही ने बैलेंस शीट को अधिवक्ताअों के मोबाइल पर उपलब्ध कराया. इसके बाद चुनाव संपन्न कराने के लिए संजय विद्रोही ने केएमपी सिन्हा, अजय कुमार तिवारी अौर अवधेश कुमार मंडल के नाम का प्रस्ताव को रखा तो अधिवक्ता एसके सिन्हा, रिंकू भगत, बबलू सिंह, राजेश कुमार सहित अन्य ने विरोध किया. एसके सिन्हा तो टेबल पर चढ़ गये अौर कहा कि आम सभा में मनमानी नहीं चलने दी जायेगी.
रिंकू भगत ने संजय विद्रोही द्वारा प्रस्तुत ऑडिट रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि उनके पास एसोसिएशन के कार्यों से संबंधित दस्तावेज है. इससे पता चलता है कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने फर्जी आंकड़े पेश किये हैं. छोटे-मोटे कामों को अपनी उपलब्धियों में गिना रहे हैं जबकि बड़ी राशि का असल ब्योरा नहीं दिया जा रहा. हंगामे के दौरान कई अधिवक्ताअों ने चुटकी भी ली.
एक अधिवक्ता ने कहा कि क्यों न चुनाव पदाधिकारी के रूप में संजय विद्रोही, कुंदन प्रकाशन अौर रिंकू भगत का नाम शामिल किया जाये. हंगामा बढ़ता देख संजय विद्रोही अौर शंभु प्रसाद अग्रवाल चले गये. हालांकि संजय विद्रोही थोड़ी देर बाद आ गये, तब तक आम सभा से अधिवक्ताअों की भीड़ छंटने लगी थी.
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