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प्रशासन मुस्तैद : रांची जिले की सभी सीमाएं की जायेंगी सील

सीमा से होकर गुजरने वाले हर वाहन की जांच का दिया गया है आदेश वाहनों की जांच करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल मुहैया कराये जायेंगे रांची : लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण हो, इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. इसके लिए रांची जिले की सभी सीमाएं सील की जायेंगी. सीमाओं के पास बैरिकेडिंग भी […]

सीमा से होकर गुजरने वाले हर वाहन की जांच का दिया गया है आदेश
वाहनों की जांच करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल मुहैया कराये जायेंगे
रांची : लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण हो, इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. इसके लिए रांची जिले की सभी सीमाएं सील की जायेंगी. सीमाओं के पास बैरिकेडिंग भी की जायेगी. साथ ही यहां से गुजरने वाले हर वाहनों की जांच की जायेगी.
इस कार्य के लिये अतिरिक्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराया जायेगा. इस संबंध में रांची डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी राय महिमापत रे ने आदेश जारी कर दिया है. 10 अप्रैल को चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही सीमाएं सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. दिन से ही सीमाओं के पास चेकनाका भी काम करने लगेगा और यहां सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति कर दी जायेगी.
उड़नदस्ते का होगा गठन
जिले में चुनाव कार्यों पर नजर रखने के लिए उड़नदस्ते का गठन किया जायेगा. सूचना मिलते ही दस्ता के सदस्य त्वरित कार्रवाई करेंगे. इस दस्ते में दंडाधिकारियों को भी शामिल किया जायेगा. उपायुक्त ने वरीय आरक्षी अधीक्षक को वैसे वारंटियों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है, जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हैं. एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को ऐसे लोगों को नोटिस भेज कर गंभीरता से काम करने को कहा है.
सुविधा एप का इस्तेमाल करें : आयोग
रांची : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में राजनीतिक दलों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दलों के प्रतिनिधियों को इवीएम-वीवीपैट, सी-विजिल एप और हेल्पलाइन नंबर 1950 के बारे में बताया गया. बताया गया कि आयोग आम चुनाव में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के कई एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कर रहा है. चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाये जाने के लिए सुविधा एप लांच किया गया है.
इसका इस्तेमाल प्रत्याशियों के नामांकन, चुनाव प्रचार से संबंधित काम के लिए अनुमति, मतगणना और चुनाव परिणाम से संबंधित कार्य के प्रबंधन के लिए कर सकते हैं. अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मनीष रंजन ने बताया कि इस एप के माध्यम से कोई भी राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी जनसभा और रैली के लिए मैदान अथवा हॉल की अनुमति, हेलीपैड व हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल, चुनाव कार्यालय खोलने व अन्य संबंधित कार्यों की अनुमति लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
कंट्रोल रूम शुरू, तीन पालियों में रहेंगे कर्मचारी
रांची : चुनाव आयोग के सी विजिल ऐप पर आनेवाली शिकायतों का निबटारा करने के लिए रांची जिला मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम में काम शुरू हो गया है.
यह कंट्रोल रूम गोपनीय शाखा में है. कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेगा. यहां तीन पालियों में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.जिला निर्वाची पदाधिकारी सह उपायुक्त के लॉगइन और सहायक निर्वाची पदाधिकारी के लॉगइन में आनेवाली शिकायतों के लिए अलग-अलग टीम का गठन किया गया है. प्रथम पाली सुबह छह से दो बजे तक, दूसरी पाली दिन के दो बजे से रात 10 बजे व तीसरी पाली रात के 10 बजे से सुबह छह बजे तक होगी. कंट्रोल रूम में प्रतिनियुक्त कर्मी यदि अनुपस्थित पाये गये, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
13.38 लाख युवा वोटरों पर होगी दलों की नजर
रांची : रांची लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 21.77 लाख हैं. इनमें 65 फीसदी यानी 13.38 लाख युवा वोटर हैं. ये सारे 18-28 की उम्र के बीच के हैं. यही नहीं, 2.27 लाख ऐसे युवा वोटर हैं जो लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट देंगे. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों की नजर इन युवाओं पर होगी अौर अपने-अपने तरीकों से इन्हें रिझाने का काम करेंगे. मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत रांची जिले में 18-19 वर्ष के मतदाताओं का नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. इसके लिये प्रशासन की ओर से भी हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं.
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 में 18,46,781 मतदाता थे, जो वर्ष 2019 में बढ़ कर 21,23,865 हो गये हैं. इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में 277084 नये मतदाता भी मतदान प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे. इनमें 11 लाख छह हजार 573 पुरुष मतदाता हैं. वहीं, 10 लाख 17 हजार 218 महिला मतदाता हैं. जबकि, वर्ष 2018-2019 के अक्तूबर व नवंबर माह में 49 हजार 576 नये मतदाताओं को जोड़े गये. इनमें 23916 पुरुष व 25632 महिला मतदाता हैं.
सोशल मीडिया पर भी रहेगी नजर
चुनाव में सोशल मीडिया को आचार संहिता के दायरे में शामिल किया गया है. आचार संहिता लागू होते ही फेसबुक, व्हाटसअप आदि पर नजर रखी जा रही है. व्हाट्सएप और फेसबुक पर किसी खास ग्रुप या उम्मीदवार के पक्ष में प्रसार-प्रसार किया गया, तो इसे पेड न्यूज के दायरे में लाया जायेगा.
वहीं, ग्रुप एडमिन के खिलाफ नियम सम्मत कार्रवाई की जायेगी. रांची की सदर अनुमंडल पदाधिकारी गरिमा सिंह ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए ग्रुप एडमिन से किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार-प्रसार नहीं करने का निर्देश दिया है. संदेशों को फॉरवर्ड करनेवालों पर भी नजर रखी जायेगी.
रांची : रांची नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर समेत बोर्ड, निगमों के अलावा संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य सदस्यों के राजनीतिक कार्यों के लिए सरकारी वाहनों के उपयोग पर रोक लगा दी गयी है. इस संबंध में रांची उपायुक्त राय महिमापत रे ने आदेश जारी कर दिया है.
कहा है कि यदि सरकारी वाहनों का उपयोग राजनीतिक कार्यों में करते हुए पाया गया है, उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया जाएगा. साथ ही नियमानुसार कार्रवाई भी होगी. उपायुक्त ने इस सदस्यों से एक अंडरटेकिंग मांगी है जिसमें उन्हें लिखना होगा कि वह सिर्फ सरकारी कार्य के लिए ही सरकारी वाहनों का उपयोग करेंगे. अंडरटेकिंग नहीं देनेवालों के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की बात कही गयी है.
इन्हें भेजा गया है पत्र
रांची उपायुक्त ने सभी को पत्र के माध्यम से इस विषय में सूचित कर दिया है. जिन्हें पत्र भेजा गया है, उनमें रांची की मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, 20 सूत्री उपाध्यक्ष जयलेंद्र कुमार, राकेश प्रसाद, बुंडू नगर पंचायत उपाध्यक्ष सुनील जायसवाल, अध्यक्ष राजेश उरांव, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर, झारखंड राज्य खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण, झारखंड मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष गणेश गंझू, आरआरडीए अध्यक्ष परमा सिंह, माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्रीचंद प्रसाद, झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष मो कमाल खां, उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह सेठी, गुरदेव सिंह सलूजा, जिला परिषद रांची के अध्यक्ष सुकरा मुंडा आदि शामिल हैं.

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