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नींद से जागें, सोये नहीं रहें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी : हाइकोर्ट

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में शुक्रवार को हाइकोर्ट के समीप तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए उपस्थित अधिकारियों को कानून का पालन नहीं होने पर फटकार लगायी. माैखिक रूप से कहा कि झारखंड राज्य […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में शुक्रवार को हाइकोर्ट के समीप तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए उपस्थित अधिकारियों को कानून का पालन नहीं होने पर फटकार लगायी. माैखिक रूप से कहा कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी क्या सोये हुए हैं.
नींद से जागें, सोये नहीं रहें. ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए पहले से कानून बने हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट ने भी समय-समय पर निर्देश जारी किया था. इन्हें लागू करना अनिवार्य है. यह सब जानते हैं. इसके बावजूद कोर्ट के आदेशों व कानून का पालन क्यों नहीं हो रहा है.
अदालत ने कहा कि किसी के माैलिक अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए, लेकिन कानून का पालन करना जरूरी है. जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि आगे से ध्वनि प्रदूषण के कारण न्यायिक कार्य में बाधा नहीं पहुंचेगी.
उपायुक्त अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रस्ताव तैयार करें, कोर्ट को अवगत करायें : अदालत ने उपायुक्त से पूछा कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं. अदालत ने उपायुक्त को निर्देश दिया कि आप अधिकारियों के साथ बैठक कर ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाया जा सकता है, उस पर एक प्रस्ताव तैयार करें.
अगली सुनवाई तक शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में प्रस्तुत किया जाये. सुनवाई के दाैरान कहा गया कि हाइकोर्ट के आसपास का इलाका यदि नो हॉर्न जोन घोषित है, तो उससे संबंधित सूचना पट्ट क्यों नहीं लगायी गयी है़ फिर अदालत ने सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. सुनवाई के दाैरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, उपायुक्त राय महिमापत रे, एसएसपी अनिश गुप्ता, ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, एसडीअो सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे़
इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि ध्वनि प्रदूषण से संबंधित कानूनों व कोर्ट के आदेशों के अनुरूप शीघ्र कार्रवाई की जायेगी. इस मामले में अवमानना की कार्यवाही नहीं चलाने का आग्रह किया. महाधिवक्ता ने अदालत से यह भी आग्रह किया कि जिला प्रशासन को दो सप्ताह का समय दिया जाये, ताकि व विचार-विमर्श कर प्रस्ताव तैयार कर सकें.
उल्लेखनीय है कि 28 फरवरी को दिन के लगभग 12.30 बजे हाइकोर्ट के समीप एक प्रचार वाहन तेज लाउडस्पीकर बजा रहा था. तेज आवाज की वजह से कुछ देर के लिए न्यायिक कार्य में बाधा आयी थी. इसे अदालत ने गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था.

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