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रांची : जगुआर का नंबर लगा चला रहा था फॉर्च्यूनर, ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ा

रांची : राजधानी में एक वाहन के नंबर का प्रयोग दूसरे वाहन में धड़ल्ले से हो रहा है. हद तो यह है कि मोटरसाइकिल और ऑटो के नंबर का उपयोग कार चलाने में किया जा रहा है. इतना ही नहीं लग्जरी वाहनों में भी गलत नंबर का उपयोग किया जा रहा है. मंगलवार को ऐसा […]

रांची : राजधानी में एक वाहन के नंबर का प्रयोग दूसरे वाहन में धड़ल्ले से हो रहा है. हद तो यह है कि मोटरसाइकिल और ऑटो के नंबर का उपयोग कार चलाने में किया जा रहा है. इतना ही नहीं लग्जरी वाहनों में भी गलत नंबर का उपयोग किया जा रहा है.
मंगलवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया, जब अरगोड़ा थाना क्षेत्र के सहजानंद चौक पर एक सफेद कलर की फॉर्च्यूनर गाड़ी पकड़ी गयी. उस पर जेएच-01डीडी-0001 नंबर लगा था. ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को दो दिन पूर्व सूचना मिली थी कि उक्त वाहन पर उपयोग किया जाने वाला नंबर उस गाड़ी की नहीं है. इसकी सूचना उन्होंने राजधानी में तैनात पुलिसकर्मियों को दी.
इसी कड़ी में मंगलवार को उक्त गाड़ी को पकड़ा गया. उस गाड़ी पर सवार युवक राज को भी पकड़ा गया. इसके बाद गाड़ी और राज को ट्रैफिक पुलिस ने अरगोड़ा थाने की पुलिस के हवाले कर दिया. मामले में ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर अरुण सहित अन्य अरगोड़ा थाने पहुंचे. ट्रैफिक पुलिस ने मामले में अरगोड़ा पुलिस को लिखित शिकायत की है.
वीआइपी नंबर का खेल या कोई और गेम : ट्रैफिक पुलिस ने मामले की जांच की, तो पता चला कि फॉर्च्यूनर पर लगी नंबर जेएच-01डीडी-0001 इसकी नहीं है. बल्कि यह नंबर जगुआर कंपनी की काले रंग की कार की है.
जबकि फॉर्च्यूनर गाड़ी कांके के पंकज कुमार के नाम से निबंधित है. इसको डीटीओ ऑफिस से जेएच-01डीडी-0011 नंबर दिया गया था. अब पुलिस इस बिंदु पर जांच कर रही है कि कीमती गाड़ी में वीआइपी नंबर का खेल क्यों किया गया. कहीं इसका दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा था. बता दें कि वीआइपी नंबर लेने में एक से डेढ़ लाख रुपये खर्च करना पड़ता है.
ऑटो व बाइक का नंबर लगा चलाते हैं कार : जनवरी से अब तक राजधानी में छह कारों की सूचना पुलिस को मिली है जिस पर मोटरसाइकिल और ऑटो के नंबर का उपयोग किया जा रहा है. इसका खुलासा ऐसे हुआ कि उक्त छह कारों ने राजधानी में विभिन्न स्थानों पर ट्रैफिक नियम का उल्लंघन किया था. इसकी छवि चौक-चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी. इस आधार पर ट्रैफिक पुलिस ने उक्त नंबर के मालिक के पते पर चालान भेजा. मालिक सामने आया. उसने ट्रैफिक एसपी काे जानकारी दी कि हुजूर हमारे पास कोई कार नहीं है. तीन लोगों ने बताया कि हमारे पास ऑटो है.
जबकि दो ने बताया कि हमारे पास मोटरसाइकिल है. इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए उक्त सभी छह कारों की तस्वीर सभी जगहों पर पुलिस को भेजी गयी है. जहां पर भी उक्त कार मिलेगी, उसे पकड़ना है.

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