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जल सहिया और रानी मिस्त्रियों ने झारखंड को बनाया पूर्ण ओडीएफ

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड को पूर्ण ओडीएफ राज्य का दर्जा दिलाने में जल सहिया और रानी मिस्त्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. श्री दास पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय जल सहिया सम्मेलन में […]

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड को पूर्ण ओडीएफ राज्य का दर्जा दिलाने में जल सहिया और रानी मिस्त्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. श्री दास पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय जल सहिया सम्मेलन में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि रानी मिस्त्रियां पूरे देश में चर्चित रहीं. प्रधानमंत्री ने रानी मिस्त्रियों द्वारा झारखंड में शौचालय निर्माण के क्षेत्र में किये गये कार्यों को अनुकरणीय बताया है. वर्ष 2014 तक मात्र 18 फीसदी राज्य खुले में शौच मुक्त था. पर, आज शत प्रतिशत खुले में शौच मुक्त हो गया है.
यह उपलब्धि टीम झारखंड की प्रतिबद्धता का उदाहरण है. आगे भी ओडीएफ प्लस के तहत स्वच्छ झारखंड के निर्माण में प्रतिबद्धता के साथ कार्य होता रहना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 तक राज्य के प्रत्येक घर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम किया जा रहा है.
सभी आदिम जनजाति बाहुल्य टोलों में मुख्यमंत्री जन जल योजना के तहत पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है. इस योजना के तहत लगभग 10 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल की सुविधा दी जायेगी. श्री दास ने कहा कि झारखंड आर्थिक विकास करने वाले राज्यों की सूची में गुजरात के बाद दूसरे स्थान पर है.
शहर की व्यवस्था को गांव तक पहुंचाया जायेगा : श्री दास ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार राज्य में डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से प्राप्त राजस्व का 30 प्रतिशत पेयजलापूर्ति और अन्य विकास कार्यों में खर्च करने का प्रावधान बनाया गया है. सोलर के माध्यम से टंकी लगाकर घर-घर पाइपलाइन से पानी पहुंचाया जा रहा है. गैर आदिवासी गांवों में केंद्र सरकार द्वारा 14वें वित्त आयोग के पैसों से पानी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है.
मुखियाओं के साथ बैठक कर गांवों में पेयजलापूर्ति योजना, सभी पंचायतों में 200 एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना तथा ग्रामीण सड़कों को पेवर ब्लॉक से बनाने की योजना तैयार की गयी है. शहर की व्यवस्था को गांव तक पहुंचाया जायेगा.
मौके पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के केंद्रीय संयुक्त सचिव हिरण्य बोराह, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता प्रमुख श्वेताभ कुमार समेत रांची, खूंटी, रामगढ़, लोहरदगा, हजारीबाग व गुमला से आयी जल सहिया व रानी मिस्त्रियां उपस्थित थीं.
शौचालयों का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित हो
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत झारखंड देश में पूर्ण ओडीएफ की उपलब्धि हासिल करनेवाला पहला राज्य है. राज्य की जल सहिया बहनों एवं रानी मिस्त्रियों के प्रयास से ही यह संभव हो पाया है. समय से एक वर्ष पूर्व ही लक्ष्य हासिल कर लिया गया है.
अब जल सहिया बहनें ओडीएफ प्लस के तहत निर्माण किये गये सभी शौचालयों का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करायें. मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 तक राज्य के सभी घरों में पाइपलाइन के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित की जायेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि जल सहिया बहनें आगे भी प्रतिबद्धता के साथ पेयजल एवं स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करती रहेंगी. स्वस्थ झारखंड और स्वस्थ भारत के निर्माण में जल सहिया बहनें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
1,681 करोड़ की 11,269 योजनाओं का शिलान्यास
राज्य स्तरीय जल सहिया सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने 11,269 योजनाओं का शिलान्यास किया. योजनाओं की कुल प्राक्कलित राशि 1,681.99 करोड़ रुपये है.
उन्होंने पश्चिमी सिंहभूम, धनबाद, देवघर, गढ़वा, रांची, सिमडेगा दुमका, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, सरायकेला खरसावां व सिमडेगा में ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, सौर ऊर्जा आधारित लघु जलापूर्ति योजना और लघु जिला ग्रामीण जलापूर्ति पाइप योजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया. बोकारो, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, सरायकेला, खरसावां और सिमडेगा जिले में 1.40 करोड़ की लागत से गोवर्धन योजना की शुरुआत की.
13 जल सहिया को मिलेगा 51-51 हजार रुपये का पुरस्कार
सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वच्छता एवं पेयजल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली जल सहियाओं को सम्मानित किया.
हजारीबाग नवादा की अंजू देवी, हरली की नमिता कुमारी, रामगढ़ चितरपुर पूर्वी की अनिता कुमारी, कीमो की नेहा देवी, लोहरदगा जिले के चुंद गांव की सलमी देवी, तिगरा की जयंती उरांव, गुमला जिले के भरनो उत्तर की अनिमा बाड़ा, नवागढ़ की बलवंती देवी, रांची की कुंती देवी, बारीडीह की रीता देवी, खूंटी जिले के जलंगा गांव की असरीता होरो, जोरको की हेलेन कंडुलना, लातेहार जिले के उदयपुर की सुनीता देवी को सम्मानित किया गया.
सभी को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 51-51 हजार रुपये की सम्मान राशि दी जायेगी. सम्मेलन में रामगढ़ के चित्तरपुर पूर्वी की अनिता कुमारी और हजारीबाग के सरली की नमिता कुमारी ने अनुभव साझा किया. जमशेदपुर और दुमका से जल सहियाओं ने ऑनलाइन मुख्यमंत्री से सीधा संवाद भी किया. पांच हेक्टेयर से कम बालू घाटों का क्लीयरेंस शीघ्र लें उपायुक्त: सीएस

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