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किफायती आवास के लिए झारखंड भर से आये 74 हजार आवेदन

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर खासे उत्साहित दिख रहे लोग रांची : राज्य के शहरों में प्रधानमंत्री आवास योजना घटक-3 के तहत भागीदारी में किफायती आवास योजना के लिए लोग खासा उत्साह दिखा रहे हैं. अब तक विभिन्न शहरी निकायों द्वारा सरकार को कुल 73950 आवास के मांग पत्र भेजे गये हैं. यह मांग पत्र […]

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर खासे उत्साहित दिख रहे लोग
रांची : राज्य के शहरों में प्रधानमंत्री आवास योजना घटक-3 के तहत भागीदारी में किफायती आवास योजना के लिए लोग खासा उत्साह दिखा रहे हैं. अब तक विभिन्न शहरी निकायों द्वारा सरकार को कुल 73950 आवास के मांग पत्र भेजे गये हैं.
यह मांग पत्र शहरों के लोगों द्वारा स्थानीय निकायों में जमा किये गये आवेदन के आधार पर तैयार किये गये हैं. भागीदारी में किफायती आवास के लिए नगर विकास विभाग ने राज्य में कुल 43 परियोजना स्थलों का चयन किया है. कुल 370 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित आवासीय इकाइयों के निर्माण पर 5546.25 करोड़ रुपये खर्च किये जाने हैं.
क्या है ‘पीएमएवाइ शहरी-एचएफए’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून, 2015 को ‘पीएमएवाइ शहरी-एचएफए’ का शुभारंभ किया था. यह योजना सभी 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के सभी 4,041 शहरों और कस्बों में कार्यान्वित की जानी है.
प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि देश के सभी बेघरों और कच्चे घरों में रहनेवाले लोगों को आवश्यक बुनियादी सुविधाओं से युक्त बेहतर पक्के घर 2022 तक सुलभ कराये जायेंगे. इस घोषणा के आलोक में आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने देश के शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाइ, शहरी) के तहत ‘सभी के लिए आवास मिशन¹ (एचएफए एचएफए)’ तैयार किया है.
यह योजना मूल रूप से इडब्ल्यूएस और एलआइजी के लाभार्थियों के हित में बनायी गयी थी. जून 2015 में योजना की शुरुआत से लेकर अब तक सरकार ने सभी 29 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के 2,008 शहरों और कस्बों में आर्थिक दृष्टि से कमजोर तबकों (इडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआइजी) के लाभार्थियों के लिए 17,73,533 किफायती मकानों के निर्माण के वित्त पोषण को मंजूरी दी है. 31 दिसंबर 2016 को प्रधानमंत्री ने पीएमएवाइ (शहरी) योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें मध्यम आय वर्ग (एमआइजी) को भी लाने की घोषणा की.
स्लम पुनर्विकास के तहत कुल 24 परियोजना स्थलों का चयन
राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के घटक-1 के तहत स्लम पुनर्विकास के तहत शहरों में कुल 24 परियोजना स्थलों का चयन किया गया है. इन स्थलों पर बहुमंजिली इमारतें बना कर स्लम में रहनेवाले लोगों को आवास उपलब्ध कराया जायेगा. स्लम पुनर्विकास के लिए 243 एकड़ जमीन पर 3943.8 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण प्रस्तावित है.
इस राशि से कुल 52,584 आवासीय इकाइयों का निर्माण कराना जाना है. स्लम पुनर्वास के लाभुकों को अंशदान देना होगा. प्रति आवासीय इकाई डेढ़ लाख रुपये अशंदान निर्धारित है. यह राशि लाभुक को सरकार बैंक लोन के रूप में उपलब्ध करायेगी. बैंकों को लोन लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है.
सरकारी जमीन पर पीपीपी मोड में किया जायेगा आवासीय इकाइयों का निर्माण
प्रधानमंत्री आवास योजना के उक्त दोनों प्रकार के घटकों में आवासीय इकाइयों का निर्माण सरकारी जमीन पर किया जायेगा. निर्माण कार्य पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप के मॉडल पर की जायेगी. भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार डेवलपर का चयन करेगी. चयनित डेवलपर और राज्य सरकार के बीच साझेदारी कर हिस्सा तय किया जायेगा. सरकार अपने हिस्से के आवास लाभुकों को देगी. वहीं, डेवलपर अपने हिस्से की भूमि और आवासीय इकाइयों का व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकेंगे.

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