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Friday, March 29, 2024

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पशुपालन विभाग: सांड़ हैं नहीं, काम कर रहे हैं सांड़ सेवक व ट्रैक्टर चालक

मनोज सिंहरांची : पशुपालन विभाग के पुनर्गठन का प्रस्ताव आज भी विभाग के पड़ा हुआ है. विभाग का पुनर्गठन नहीं होने के कारण आज भी विभाग में सांड़ सेवक और ट्रैक्टर चालक जैसे कर्मी काम कर रहे हैं. जबकि विभाग के पास अभी एक भी सांड़ नहीं है. वहीं, चारा उत्पादन के लिए ट्रैक्टर चालक […]

मनोज सिंह
रांची : पशुपालन विभाग के पुनर्गठन का प्रस्ताव आज भी विभाग के पड़ा हुआ है. विभाग का पुनर्गठन नहीं होने के कारण आज भी विभाग में सांड़ सेवक और ट्रैक्टर चालक जैसे कर्मी काम कर रहे हैं. जबकि विभाग के पास अभी एक भी सांड़ नहीं है. वहीं, चारा उत्पादन के लिए ट्रैक्टर चालक रखे जाते थे, आज चारा उत्पादन काम विभाग नहीं कर रहा है. इसी कई तरह के पद अधिकारियों का भी है.
आज भी विभाग में भ्रमणशील चिकित्सा पदाधिकारी (टीवीओ) का पद सृजित है. कई जिलों में ऊन विकास पदाधिकारी का पद भी विभाग में सृजित है. झारखंड में अब ऊन उत्पादन और उससे जुड़े पशुओं के लिए कोई योजना नहीं है. इसी तरह बेकन फैक्टरी में भी अधिकारियों का लिए पद सृजित हैं. बेकन फैक्टरी वर्षों से बंद है. इसके बावजूद यहां पशु चिकित्सकों का पदस्थापन हो रहा है.
पांच साल पहले लिया गया था पुनर्गठन का प्रस्ताव
करीब पांच साल पहले विभाग के पुनर्गठन करने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया था. तीन साल पहले झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ ने एक प्रस्ताव तैयार कर विभाग को दिया था. निदेशालय ने इसे विभागीय सचिव के पास भेजा था. कुछ आवश्यक जानकारी लेने के लिए विभाग से फिर निदेशालय को भेज दिया गया है. इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है.
945 पद करने का प्रस्ताव तैयार हुआ था
झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ ने अधिकारियों का 945 पद करने का प्रस्ताव दिया था. वर्तमान में झारखंड में पशु चिकित्सकों का 778 पद स्वीकृत है. संघ ने इसमें निदेशालय और सचिवालय स्तर पर भी कई पद सृजित करने का प्रस्ताव दिया था.
वर्तमान में निदेशालय में पशुचिकित्सकों के मात्र दो पद ही स्वीकृत हैं. सचिवालय में एक भी पद सृजित नहीं है. संघ ने कुछ पुराने पदों के स्थान पर नये पद स्वीकृत करने का प्रस्ताव भी दिया था.
क्या कहते हैं संघ के पदाधिकारी
झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के नये अध्यक्ष डॉ विमल हेम्ब्रम का कहना है कि विभाग के पुनर्गठन की रूपरेखा में कर्मचारी और अधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए था. केवल अधिकारियों के आधार पर पुनर्गठन नहीं हो सकता है. संघ नया प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
उम्मीद है कि जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर विभाग को सौंपा जायेगा. विभाग से आग्रह भी किया जायेगा कि नये प्रस्ताव को जल्द लागू करें.
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