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रांची : नामकुम में चलेगा दिव्यांगों का रीजनल सेंटर, संचालन करेगा केंद्र

जनवरी अंत या फरवरी से शुरू होने की संभावना रांची : नामकुम, रांची में राज्य का पहला कंपोजिट रीजनल सेंटर (सीअारसी) बनेगा. इसका संचालन भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय की संस्था स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, कटक के जरिये होगा. सेंटर की सहमति के बाद इसके संचालन के लिए […]

जनवरी अंत या फरवरी से शुरू होने की संभावना
रांची : नामकुम, रांची में राज्य का पहला कंपोजिट रीजनल सेंटर (सीअारसी) बनेगा. इसका संचालन भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय की संस्था स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, कटक के जरिये होगा. सेंटर की सहमति के बाद इसके संचालन के लिए उपयुक्त जगह खोजी जा रही थी. अंतत: नामकुम प्रखंड कार्यालय के पास समाज कल्याण विभाग के एक भवन को इसके लिए उपयुक्त पाया गया. अभी यहां उज्ज्वला योजना के क्रियान्वयन के तहत महिला छात्रावास चल रहा था.
इसे कहीं अौर स्थानांतरित करने का आदेश 20 दिसंबर को ही विभाग ने जारी कर दिया है. सीआरसी का अपना नया भवन बनने तक सेंटर यहीं चलेगा. इधर संस्थान के निदेशक डॉ एसपी दास ने भी समाज कल्याण विभाग से उक्त भवन को जल्द खाली कराने के लिए अभी एक जनवरी को पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा है कि सेंटर के संचालन के लिए जरूरी थ्री फेज बिजली का कनेक्शन सहित अंदर की वायरिंग, भवन के अंदर रोड व रैंप व पैरेलल बार सहित एसी वगैरह लगा दिया जाये, ताकि सेंटर जल्द शुरू हो सके. जनवरी माह के अंत या फरवरी में ही सेंटर का संचालन शुरू होना निर्धारित है.
क्या है सीआरसी
सीआरसी या कंपोजिट रीजनल सेंटर में दिव्यांगों के संपूर्ण विकास का काम होता है. उन्हें शिक्षित व प्रशिक्षित करने के लिए यहां मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया जाता है. सेंटर में साइकोलॉजिस्ट व काउंसेलर सहित अन्य पदाधिकारी होते हैं. दिव्यांगों का पुनर्वास तथा कृत्रिम अंग बनाने का भी काम सीआरसी में होता है.
इधर जिला पुनर्वास केंद्र लंबित
राज्य में सीआरसी तो शुरू हो रहा है. पर छह जिलों रांची, दुमका, हजारीबाग, जमशेदपुर, धनबाद व पलामू में संचालित होने वाला जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र अब तक शुरू नहीं हो सका है. इन केंद्रों के लिए पद सृजन का मामला अभी वित्त विभाग में लंबित है.
विकास सोसाइटी पर सहमति
राज्य में दिव्यांगजनों को शिक्षा के लिए सहयोग देने तथा रोजगार उपलब्ध कराने में मदद करने सहित उनके सशक्तीकरण के लिए विवेकानंद दिव्यांगजन विकास सोसाइटी का गठन किया जाना है. मुख्यमंत्री ने इसकी सहमति दे दी है.
इसके उद्देश्य व कार्ययोजना पर अाधारित संलेख तैयार होना है. सोसाइटी का गठन हो जाने से दिव्यांगजनों को कई सुविधाएं और मदद मिलनी शुरू हो जायेगी. लंबे सयम से इसकी मांग उठायी जाती रही है.

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