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झारखंड के बच्चे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का परचम लहरायेंगे : दिनेश उरांव

राज्यस्तरीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी में 15 जिलों के 128 मॉडल प्रदर्शित, लोगों को किया मंत्रमुग्ध रांची : झारखंड के बच्चे देश व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहरायेंगे. शहरी संस्कृति की परंपरा से ऊपर उठ कर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों की ज्वलंत समस्याअों से निजात दिलाने में यह विज्ञान प्रदर्शनी सहायक सिद्ध होती प्रतीत […]

राज्यस्तरीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी में 15 जिलों के 128 मॉडल प्रदर्शित, लोगों को किया मंत्रमुग्ध
रांची : झारखंड के बच्चे देश व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहरायेंगे. शहरी संस्कृति की परंपरा से ऊपर उठ कर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों की ज्वलंत समस्याअों से निजात दिलाने में यह विज्ञान प्रदर्शनी सहायक सिद्ध होती प्रतीत हो रही है.
केंद्र सरकार व राज्य सरकार की तीन महत्वपूर्ण योजनाअों स्वच्छता अभियान, पर्यावरण प्रदूषण व जल संरक्षण के कारगर क्रियान्वयन में बच्चों द्वारा प्रदर्शित मॉडल समाजोपयोगी विशेषताअों से परिपूर्ण हैं. बच्चों के नये-नये साइंटिफिक विचारों को उनके शिक्षकों के माध्यम से मूर्तरूप दिया जा रहा है. बच्चे बाल वैज्ञानिक हैं. उनमे प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई है. प्रतिभा को पहचान कर उन्हें तराशने की जरूरत है.
यह बातें शनिवार को झारखंड विधानसभाध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने कही. बताैर मुख्य अतिथि डॉ उरांव अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव जिला विद्यालय परिसर में आयोजित इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम के तहत आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी को संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम का आयोजन जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की अोर से किया गया है. दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल रांची के आरडीडीइ अशोक कुमार शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सरकार के विज्ञान व प्राैद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है. विद्यार्थियों के अंदर छुपी हुई वैज्ञानिक प्रतिभाअों को सामने लाने के लिए मंच प्रदान करने व उनके जीवन को विज्ञान के क्षेत्र में नये-नये शोध के प्रति जागरूक करना है.
आज का दिन स्वामी विवेकानंद की जयंती है. युवा दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा का परिचय दिया है. पूर्वी भारत क्षेत्र प्रमुख डॉ विवेक कुमार ने विषय प्रवेश कराया.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष दस लाख युवा व बाल वैज्ञानिकों के नवाचारी विचारों को आमंत्रित किया जाता है, जिसमें से जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 1000 विशिष्ट शोध को संकलित किया जाता है. मंत्रालय के माध्यम से उनके वैज्ञानिक तकनीकों को पेटेंट कराते हुए उसे सरकारी योजनाअों में शामिल किया जाता है. इसका लाभांश पुरस्कार स्वरूप प्रतिभागियों को ताउम्र दिये जाते हैं. राज्य स्तरीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी में 15 जिलों के प्रतिभागियों ने 128 मॉडल प्रदर्शित किये हैं.
जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसइ) छठू विजय सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर गंगा प्रसाद यादव, मो रहमान, सरिता चंद्रा, अशोक प्रसाद सिंह, सुधीर कुमार, अजीत कुमार सिंह, शंकर झा, श्याम कुमार, प्रेम यादव सहित काफी संख्या में शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित थे. दिन भर सैकड़ों विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित मॉडल को देखा तथा उसके विषय में जानकारी हासिल की.
पूर्वी सिंहभूम से 30 मॉडल प्रदर्शित
पूर्वी सिंहभूम जिले से सबसे अधिक 30 मॉडल प्रदर्शित किये गये. लातेहार जिला 21 मॉडल के साथ दूसरे स्थान पर रहा. इसके अलावा रांची जिले से 14 मॉडल, खूंटी से छह, लोहरदगा से नाै, गुमला से सात, सिमडेगा से पांच, हजारीबाग से 17, रामगढ़ से पांच, चतरा से दो, कोडरमा से छह, पश्चिम सिंहभूम से एक, सरायकेला खरसावां से एक, पलामू से दो व गढ़वा से एक मॉडल का प्रदर्शन किया गया. 15 जिले से कुल 128 मॉडल प्रदर्शित किये गये.
आज नाै जिलों के 79 प्रोजेक्ट प्रदर्शित होंगे
धनबाद के आठ, बोकारो के चार, जामताड़ा के छह, साहेबगंज के सात, गोड्डा के सात, दुमका के नाै, पाकुड़ के छह, देवघर के 12 व गिरिडीह के 20 मॉडल 13 जनवरी को प्रदर्शनी में लगाये जायेंगे. दिन के 3.30 बजे समापन समारोह सह पुरस्कार वितरण होगा. मुख्य अतिथि के रूप में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के अपर सचिव शैलेश कुमार चाैरसिया उपस्थित रहेंगे. राष्ट्रीय स्तर के चयनित 21 नव प्रवर्तनीय मॉडल व उनके प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा.
…आैर नाराज हो गये विधानसभा अध्यक्ष
डीएसइ छठू विजय सिंह ने इंस्पायर अवार्ड कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि अपनी प्रतिभा के बल पर बच्चे आगे बढ़ रहे हैं.
हमारे शिक्षकों के पास ज्ञान का भंडार भरा पड़ा है. शिक्षक अपने ज्ञान के भंडार को बच्चों के बीच बांट रहे हैं. लंबा भाषण होते देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव डीएसइ पर नाराज हो गये. धन्यवाद ज्ञापन समाप्त होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने माइक मंगाया. कहा डीएसइ साहब मुख्य अतिथि के पहुंचने के बाद आप पहुंचे हैं.
स्कूलों में विज्ञान शिक्षकों की कमी है. यह स्थिति दुखद है. जो विज्ञान शिक्षक हैं, वे बच्चों को सही दिशा दें, ताकि वे आगे बढ़ सकें. जानकारी नहीं है, तो अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए. विनम्रता से अपनी बातें रखनी चाहिए. विधानसभाध्यक्ष के नाराज होने पर डीएसइ ने उनसे मांफी मांग ली.
बिना बिजली के होने लगी मकई अलग, कपड़े साफ
साइकिल चलाने पर मकई से दाना अलग होने लगा. ठीक दूसरी तरफ बनी वाशिंग मशीन में कपड़े भी साफ होने लगे. यह क्रम साइकिल का पैडल चलाने तक जारी रहा. यह नजारा इंस्पायर अवार्ड के राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में दिखा. बच्चे व बड़े जिसने देखा मॉडल के प्रतिभागी के विचारों को सराहता रहा. यह मॉडल सातवीं कक्षा में पढ़नेवाली चंचला कुमारी ने अपने मार्गदर्शक शिक्षक गाैरीशंकर प्रसाद की देखरेख में तैयार किया है.
वह लातेहार के मनिका स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय करमाही की सातवीं कक्षा की छात्रा है. चंचला ने बताया कि इसमें बिजली की कोई जरूरत नहीं है. प्रदूषण भी नहीं होता है. साइकिल को हाथ से या पैर से चलाया जा सकता है.
जैविक मस्किटों से भागे मच्छर : जैविक मस्किटों किलर मशीन ने प्रदर्शनी में मच्छरों को भागने पर मजबूर कर दिया. कई मच्छर तो जमीन पर गिर पड़े. किलर मशीन में जैविक तरीके से तैयार लिक्विड का उपयोग किया जाता है. लिक्विड का निर्माण सीताफल, यूकलिप्टस/नीलगिरि/सफेदा, शरीफा व पपीता के पत्ते से किया जा सकता है.
प्रतिभागी ने बताया कि यह प्रमाणित है कि उक्त वृक्षों के पत्ते वास्तव में वैसे हर्ब हैं, जो मच्छरों के अस्तित्व के लिए अत्यंत हानिकारक हैं. जैविक मस्किटों किलर मशीन का निर्माण कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बुंडू की छात्रा ने किया है.

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