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रांची : एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने बैठक में कहा, सरकार शीघ्र नियमावली बनाये व छत्तीसगढ़ की तर्ज पर दे वेतनमान
रांची : छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सेवा नियमित करने व वेतनमान देने की मांग को लेकर प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में कार्यरत पारा शिक्षकों की बेमियादी 47 दिनों से जारी है. हड़ताल के कारण विद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्था चरमरा गयी है. उधर, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुधवार को डीएसपीएमयू […]
रांची : छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सेवा नियमित करने व वेतनमान देने की मांग को लेकर प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में कार्यरत पारा शिक्षकों की बेमियादी 47 दिनों से जारी है.
हड़ताल के कारण विद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्था चरमरा गयी है. उधर, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुधवार को डीएसपीएमयू मैदान में हुई. विनोद बिहारी महतो ने इसकी अध्यक्षता की. बैठक में मोर्चा के सदस्यों ने कहा कि पारा शिक्षकों के लिए सरकार शीघ्र नियमावली बनाये तथा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सेवा नियमित करे. अगर पांच जनवरी तक सरकार पारा शिक्षकों की मांगों पर कार्रवाई शुरू नहीं करती है, तो आंदोलन को तेज किया जायेगा.
बैठक में कहा गया कि जमशेदपुर में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि सरकार पारा शिक्षकों की समस्याओं के समाधान की तरफ बढ़ रही है. यह स्वागत योग्य है.
पारा शिक्षक भी हड़ताल समाप्त कर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं. दिसंबर में शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव के साथ हुई वार्ता की बातों को भी रखा गया. इस दौरान हड़ताल की समीक्षा के साथ-साथ हड़ताल आगे जारी रखने पर भी विचार-विमर्श किया गया. मांगें पूरी होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच जनवरी के झारखंड दौरे के दौरान विरोध करने या नहीं करने के मुद्दे पर भी प्रतिनिधियों के बीच चर्चा हुई.
संघर्ष मोर्चा के सदस्य बजरंग प्रसाद ने कहा कि उनके विचार से पलामू में प्रधानमंत्री का विरोध करना उचित नहीं होगा. इसके बाद तीखी बहस होने लगी. इस बीच संजय दुबे ने कहा कि नेतृत्व पर पारा शिक्षकों को भरोसा करना होगा, तभी कुछ हासिल हो सकेगा. इसके बाद प्रतिनिधि शांत हुए. मौके पर मिथिलेश, अर्जुन साय, प्रमोद कुमार, कृष्णा पासवान सहित काफी संख्या में पारा शिक्षक उपस्थित थे.
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