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रांची : नियमावली देख लें, फिर करें स्थायीकरण की मांग : मुख्यमंत्री

रांची : विधानसभा में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विधायक प्रदीप यादव व राजकुमार यादव ने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की मांग उठायी. इस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अगर आप लोग तैयार हैं, तो सदन में चलें, इसकी घोषणा कर दी जायेगी. परंतु स्थायीकरण से पहले छत्तीसगढ़ […]

रांची : विधानसभा में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विधायक प्रदीप यादव व राजकुमार यादव ने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की मांग उठायी. इस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अगर आप लोग तैयार हैं, तो सदन में चलें, इसकी घोषणा कर दी जायेगी. परंतु स्थायीकरण से पहले छत्तीसगढ़ की नियमावली देख लें. वहां विज्ञापन निकाला गया था. आरक्षण रोस्टर के आधार पर बहाली की गयी थी. इसमें एससी व एसटी के आरक्षण का भी प्रावधान था. अगर छत्तीसगढ़ के आधार पर ही पारा शिक्षकों का स्थायीकरण करना है तो इनकी नियुक्ति को रद्द करना होगा. फिर छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नियुक्ति की जा सकती है.
पारा शिक्षकों के समर्थन में विपक्षी विधायकों का धरना
पारा शिक्षकों की मांगों के समर्थन में सोमवार को विपक्षी दलों के विधायकों ने सदन के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. विधायकों ने कहा कि राज्य में 36 दिनों से 80 हजार पारा शिक्षक हड़ताल पर हैं. एक दर्जन से ज्यादा पारा शिक्षकों की मौत हो चुकी है. सरकार पारा शिक्षकों को लेकर संवेदनहीन है. झामुमो विधायक सफेद रंग की शर्ट पहने हुए थे. इसमें पारा शिक्षकों के स्थायीकरण करने की बात लिखी हुई थी. सदन के अंदर भी झामुमो विधायक शर्ट पहन कर बैठे थे. झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी टोपी पहने हुए थे. इसमें लिखा था, मैं पारा शिक्षक हूं. मेरी मांग पूरी की जाये.
पारा शिक्षकों के मामले में होगी विशेष चर्चा : अनंत
भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्ता पक्ष के विधायकों ने पारा शिक्षकों के मामले में सदन में विशेष चर्चा कराने की मांग की. कहा गया कि प्रश्नकाल के बाद इस पर एक घंटा चर्चा हो. बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी स्पष्ट कहा है कि अगर पारा शिक्षकों को लेकर चर्चा होती है तो सरकार जवाब देने को तैयार है.
विधानसभा भाजपा की जागीर नहीं : कुणाल
रांची : झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि विधानसभा भाजपा की जागीर नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले भाजपा सरकार स्कूल का विलय कर देती है, इसके बाद चर्चा करने की बात करती है. ऐसे में क्या विपक्ष तमाशा देखने के लिए है. उन्होंने कहा कि सरकार फंड का रोना रो रही है. पारा शिक्षकों को वेतन देने में असमर्थता जतायी जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ मोमेंटम झारखंड व ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट की ब्रांडिंग को लेकर अरबों रुपये लुटाये जा रहे हैं. मोमेंटम झारखंड को लेकर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

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