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रांची : सरकार मानदेय बढ़ोतरी को तैयार संघ ने उठायी स्थायीकरण की मांग

पारा शिक्षकों की मुख्य सचिव के साथ वार्ता विफल रांची : पारा शिक्षक मानदेय में बढ़ोतरी व कल्याण कोष के गठन पर आंदोलन वापस नहीं लेंगे. शिक्षक स्थायीकरण की मांग पर अड़े हैं. गुरुवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघ व मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी के बीच हुई वार्ता विफल हो गयी. सरकार की ओर से […]

पारा शिक्षकों की मुख्य सचिव के साथ वार्ता विफल
रांची : पारा शिक्षक मानदेय में बढ़ोतरी व कल्याण कोष के गठन पर आंदोलन वापस नहीं लेंगे. शिक्षक स्थायीकरण की मांग पर अड़े हैं. गुरुवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघ व मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी के बीच हुई वार्ता विफल हो गयी. सरकार की ओर से पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों को उनकी मांगों पर विचार करने के लिए गठित कमेटी की अनुशंसा की जानकारी दी गयी. सरकार की ओर से बताया गया कि कमेटी ने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान देने की अनुशंसा नहीं की है. ऐसे में उन्हें स्थायी नहीं किया जा सकता है.
कमेटी ने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की मांग पर उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्र के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया है. कमेटी ने कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा है कि पारा शिक्षकों को स्थायी नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा झारखंड हाइकोर्ट में पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के मामले पर सुनवाई चल रही है. सरकार की ओर से पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों को बताया गया कि कमेटी ने उनकी सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया है. कमेटी की अनुशंसा के अनुरूप उनकी मांगों पर कार्रवाई की गयी है.
सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव तैयार किया है. पारा शिक्षक कल्याण कोष के गठन की प्रक्रिया भी चल रही है. वहीं एकीकृत पारा शिक्षक संघ के प्रतिनिधि स्थायीकरण व वेतनमान की मांग पर अड़े रहे. उनका कहना था कि वेतनमान व स्थायीकरण से कम में आंदोलन वापस नहीं लेंगे. वार्ता में सरकार की ओर से स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह, राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह, राज्य परियोजना प्रशासी पदाधिकारी जयंत मिश्रा व एकीकृत पारा शिक्षक संघ की ओर से संजय दुबे, बजरंग प्रसाद, ऋषिकेश पाठक, दशरथ ठाकुर, विनोद बिहारी महतो व नरोत्तम सिंह मुंडा शामिल थे.
15 को घोषणा नहीं, तो 16 से घेरा-डालो डेरा-डालो
वार्ता विफल होने के बाद एकीकृत पारा शिक्षक संघ ने कहा है कि अगर 15 नवंबर को उनकी मांगें पूरी करने की घोषणा नहीं की जाती है, तो वे 16 नवंबर से आंदोलन करेंगे. संघ के ऋषिकेश पाठक ने बताया कि राज्य के पारा शिक्षक राज्य के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे. कार्यक्रम में अगर पारा शिक्षकों की मांगें पूरी करने की घोषणा नहीं की जाती है, तो 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन घेरा डोलो-डेर डालो कार्यक्रम शुरू होगा. स्थापना दिवस समारोह में पारा शिक्षक काला झंडा भी दिखायेंगे.
मानदेय बढ़ोतरी का स्लैब
कक्षा एक से पांच
योग्यता पहले अब
टेट व प्रशिक्षित 9438 11000
प्रशिक्षित शिक्षक 8954 9200
कक्षा छह से आठ
योग्यता पहले अब
टेट व प्रशिक्षित 10,100 12,000
प्रशिक्षित शिक्षक 9680 10000
पारा शिक्षकों की जो मांगें मानी गयीं
कमेटी की अनुशंसा पर सरकार पारा शिक्षकों के मानदेय में अधिकतम 20 फीसदी तक बढ़ोतरी करने को तैयार है. इसके अलावा पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष का गठन भी किया जायेगा. सरकार कल्याण कोष के लिए 10 करोड़ रुपये देगी. पारा शिक्षक 60 वर्ष तक अपनी सेवा दे सकते हैं. शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की मान्यता पांच वर्ष से बढ़ा कर सात वर्ष कर दी जायेगी. मानदेय बढ़ोतरी से सरकार पर सालाना 40 करोड़ का आर्थिक बोझ आने का अनुमान है.

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