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कार्डिनल तेलेस्सफोर का इस्तीफा मंजूर, बिशप फेलिक्स टोप्पो बने नये आर्चबिशप

रांची : पोप फ्रांसिस ने कार्डिनल तेलेस्सफोर पी टोप्पो का आर्चबिशप के पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उनकी जगह जमशेदपुर के बिशप फेलिक्स टोप्पो रांची के नयेे आर्चबिशप होंगे. फेलिक्स टोप्पो के पद ग्रहण करने तक कार्डिनल आर्चडायसिस का प्रभार संभालेंगे. फेलिक्स टोप्पो के पदाभिषेक की तिथि 28 जून को घोषित की जायेगी. […]

रांची : पोप फ्रांसिस ने कार्डिनल तेलेस्सफोर पी टोप्पो का आर्चबिशप के पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उनकी जगह जमशेदपुर के बिशप फेलिक्स टोप्पो रांची के नयेे आर्चबिशप होंगे. फेलिक्स टोप्पो के पद ग्रहण करने तक कार्डिनल आर्चडायसिस का प्रभार संभालेंगे. फेलिक्स टोप्पो के पदाभिषेक की तिथि 28 जून को घोषित की जायेगी.

इसकी घोषणा रविवार को कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने आर्चबिशप हाऊस में की. इस अवसर पर कार्डिनल तेलेस्सफोर पी टोप्पो ने कहा : आपकी, लोगों की संगति ने उन्हें जीवित रखा है. वह सबका धन्यवाद करते हैं. अपनी प्रार्थनाओं में सभी को याद रखेंगे. इस अवसर पर ऑग्जीलरी बिशप तेलेस्फोर बिलुंग भी मौजूद थे़

आर्चबिशप का पद प्रशासनिक पद है. जबकि कार्डिनल एक उपाधि है, जो बरकरार रहेगी.
तीन साल पहले साैंपा था इस्तीफा : कार्डिनल तेलेस्सफोर पी टोप्पो 80 वर्ष के होने तक पोप के चुनाव में मतदान करने की पात्रता रखेंगे. चर्च के नियमों के अनुसार 75 वर्ष के होने पर बिशप या आर्चबिशप अपना इस्तीफा पोप को सौंपते हैं. कार्डिनल टोप्पो ने भी 75 वर्ष के होने पर तीन वर्ष पूर्व अपना इस्तीफा वेटिकन को सौंपा था, जिसे अब स्वीकार किया गया है. वह 15 अक्तूबर को 79 वर्ष के हो जायेंगे. कार्डिनल टोप्पो आठ नवंबर 1984 को रांची आर्चडायसिस के डिप्टी आर्चबिशप (कॉडज्यूटोर) चुने गये थे. सात अगस्त 1985 को आर्चबिशप बने. उन्होंने 25 अगस्त 1985 को पदभार संभाला था़
कार्डिनल टोप्पो चर्च के पहले व्यक्ति जिन्होंने सरना कोड की वकालत की
कार्डिनल तेलेस्सफोर पी टोप्पो छोटानागपुर की कलीसिया के पहले धर्मगुरु थे, जिन्होंने 2015 में ही प्रकृति पूजक आदिवासियों के लिए सरना धर्मकोड की वकालत की थी. उनकी पहल पर पोप जॉन पॉल द्वितीय 1986 में रांची आये थे. फादर कांस्टेंट लीवंस के पार्थिव अवशेषों को बेल्जियम से रांची लाने और संत मरिया महागिरजाघर में उसकी स्थापना में अहम भूमिका निभायी. उनके कार्यकाल में राजा उल्हातू में माइनर बसेलिका की स्थापना हुई. गुमला, सिमडेगा और खूंटी अलग डायसिस भी बने. उन्होंने रिक्शाचालकों, कचरा चुननेवाले बच्चों के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन सहित कई सामाजिक कार्यों में भी महती भूमिका निभायी है़
28 जून को तय होगी फेलिक्स टोप्पो के पदाभिषेक की तिथि
कौन हैं नये आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो
जमशेदपुर के धर्माध्यक्ष के रूप में कार्यरत बिशप फेलिक्स टोप्पो 1968 से सोसाइटी ऑफ जीसस से संबद्ध है़ं वर्तमान में सीबीसीआइ सोसाइटी ऑफ मेडिकल एजुकेशन, नॉर्थ इंडिया की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन व झान (झारखंड, अंडमान) रीजनल बिशप्स काउंसिल सहित दो क्षेत्रीय कमीशन के अध्यक्ष हैं. ईशशास्त्र अध्ययन केंद्र, संत अलबर्ट कॉलेज रांची के वाइस चांसलर भी है़ं बिशप फेलिक्स ने 1990 में ग्रेगोरियन यूनिवर्सिटी रोम से मास्टर्स इन साइकोलॉजी की डिग्री ली है. 14 जून 1997 को जमशेदपुर का बिशप बनने से पूर्व उन्होंने सोसाइटी ऑफ जीसस के नवशिष्यालय में नोविस मास्टर व सुपीरियर का पद संभाला.
उन्होंने चार वर्षों तक सीबीसीआइ ऑफिस फॉर द क्लर्जी एंड रिलीजियस व चार वर्षों के लिए ही नेशनल वोकेशन सर्विस सेंटर, पुणे का अध्यक्ष का पद भी संभाला है़

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